Bihar Politics: नीतीश कुमार की वाराणसी रैली पर चिराग का तंज, पूछा- कौन सा मॉडल लेकर जाएंगे
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Bihar Politics: नीतीश कुमार की वाराणसी रैली पर चिराग का तंज, पूछा- कौन सा मॉडल लेकर जाएंगे

Bihar Politics: लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोला और कहा कि 19 सालों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नीतियों में क्या-क्या कमियां रही अपनी विफलताओं को केंद्र सरकार के समक्ष रखें.

फाइल फोटो

पटना: Bihar Politics: लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोला और कहा कि 19 सालों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नीतियों में क्या-क्या कमियां रही अपनी विफलताओं को केंद्र सरकार के समक्ष रखें. बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए हम लोग पूर्णत: इस बात के समर्थन में है कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिले पर जब हम या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विशेष राज्य के दर्जे की मांग करते हैं तो उनको इस बात को स्वीकारना होगा कि 19 साल में उनकी नीतियां बिहार की अर्थव्यवस्था इंफ्रास्ट्रक्चर और लोगों की आय में बढ़ोतरी करने में नाकाम रही है.

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बिहार सरकार बिहार में आज भी 75 साल के बाद विशेष राज्य की दर्ज की मांग करने की जरूरत क्यों पड़ी. क्यों मुख्यमंत्री की नीतियों से विकास नहीं हुआ. क्यों बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की जरूरत है. उसे विशेष राज्य का दर्जा मिलने में जब तक केंद्र की मॉनिटरिंग नहीं होगी तब तक बिहार का विकास नहीं होगा. बिहार ऐसा राज्य है जहां केंद्र सरकार के द्वारा दी गई राशियों को भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दिया जाता है. ऐसे में विशेष राज्य के दर्जे की बात की जाती है तो इस बात को भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए की मॉनिटरिंग के माध्यम से ही विशेष राज्य के दर्जा की राशि की सुविधा मिले. 

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार वाराणसी रैली करने जाएंगे इस पर चिराग पासवान ने तंज करते हुए कहा कि नीतीश कुमार काी बिहार में कोई सुनता नहीं है. वह बनारस जाएंगे. बिहार की जनता ने जिनको अस्वीकार कर दिया है और वह सोचते हैं कि दूसरे राज्य की जनता में सुनना चाहेगी. क्या लेकर जाएंगे वह बनारस. बिहार और बनारस बहुत दूर नहीं है. क्या बनारस के लोग नहीं जानते मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में क्या किया है. हकीकत है कि बनारस विकसित हो चुका है. काशी विश्वनाथ मंदिर जैसी कोई भी मंदिर बिहार में आपको दिखाई दे रही है क्या? जिस तरीके से उसे क्षेत्र का विकास हुआ है. बिहार के किसी मंदिर का विकास उसे तरीके से किया गया क्या? बिहार की अर्थव्यवस्था की स्थिति क्या है कौन सा मॉडल लेकर बनारस जाएंगे नीतीश कुमार.

प्रधानमंत्री के सामने जाकर उनको चुनौती देने के लिए आपके पास शब्द और उदाहरण होने चाहिए की पहली बार प्रधानमंत्री पद की दावेदारी लेकर आए थे तो गुजरात मॉडल लेकर आए थे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कौन सा मॉडल लेकर जाएंगे उनके सामने जाकर अपनी बेइज्जती करना यह उचित नहीं है. 

कांग्रेस सांसद पर छापेमारी को लेकर चिराग पासवान ने कहा कि बिहार के कांग्रेस के लोग बताएं बहुत ईमानदारी और विकास की बात करते हैं इसको झुठलाया नहीं जा सकता. 

जहां पर छापेमारी हो रही है वहां इस तरीके की तस्वीर भी सामने आ रही है. अलमारियां नगदी से भरी पड़ी है. इसको गिनने में संभवत: दिनों लग जाए. कांग्रेस नेताओं को जवाब देना जरूरी है ऐसा क्यों हो रहा है. कांग्रेस के नेता की जो तस्वीर सामने आ रही है. उसको झूठला सकते हैं क्या? बिहार कांग्रेस को इस बात का जवाब देना होगा. तेलंगाना के नए मुख्यमंत्री ने बिहारी के डीएनए पर सवाल उठाए इन तमाम बातों का जवाब बिहार कांग्रेस दे. क्या बिहार कांग्रेस इनको स्वीकार करती है. राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा पर निकलते हैं अब दूसरा चरण होगा संभवत:. इस बार बिहार आएंगे तो जब वह बिहार आएंगे तो क्या वह इस बात से सहमत हैं की तेलंगाना के डीएनए बिहार के डीएनए से बेहतर है. हकीकत है कि कांग्रेस की फजीहत इसी बात से होती है और कांग्रेस जनता के बीच अपना विश्वास नहीं बना पाती. इन्हीं कारणों की वजह से इन्हें लोग भूल जाते हैं. अगर तेलंगाना में ही कांग्रेस को राजनीति करनी है तो यह बयान बिल्कुल सही है. एक क्षेत्रीय दल बनकर कांग्रेस ना रह जाए. 

किस तरीके से नीतीश कुमार बिहार में कार्य करना चाहते हैं और मुख्यमंत्री जी क्यों केके पाठक के गलत फैसलों को संरक्षण दे रहे हैं . मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बताएं कि उनका विरोध बिहार की जनता तक कर रही है तो उन्हें क्यों नीतीश कुमार नहीं हटा रहे हैं क्यों उनका संरक्षण कर रहे हैं. 

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक धार्मिक सम्मेलन में शामिल हुए वहीं लालू प्रसाद यादव तिरुपति बालाजी पहुंचे इस सवाल का जवाब देते हुए चिराग पासवान ने कहा कि सनातन को गाली देने वाले समाप्त करने की बात करने वाले लोगों पर यह खामोश रहते हैं. नए गठबंधन में एक बार भी इसके विरोध में बात नहीं हुई. सनातन को गाली दी गई. उसी गठबंधन में रहेंगे उसके बाद इसी धर्म का पालन अपने व्यक्तिगत कार्यों के लिए अपनी मनोकामनाओं को पूरा करने के लिए कर रहे हैं. यह दोहरी रणनीति सही नहीं है.

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