Pashupati Paras: क्या फिर से एकजुट होगा पासवान परिवार? पशुपति पारस ने सारे गले-शिकवे भुलाकर भतीजे चिराग को दी बधाई
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Pashupati Paras: क्या फिर से एकजुट होगा पासवान परिवार? पशुपति पारस ने सारे गले-शिकवे भुलाकर भतीजे चिराग को दी बधाई

Pashupati Paras On Chirag Paswan: एनडीए में रहने के बाद भी पशुपति पारस ने चिराग पासवान और उनके प्रत्याशियों के लिए प्रचार नहीं किया था. अब जब चिराग मंत्री बन चुके हैं तो पशुपति पारस का गुस्सा भी ठंडा होता दिख रहा है. वह अब चिराग को बड़ा बेटा कह रहे हैं.

चिराग पासवान-पशुपति पारस

Pashupati Paras On Chirag Paswan: विपक्ष अभी भी एनडीए में बिखराव के दावे कर रहा है, लेकिन एनडीए और मजबूत होता नजर आ रहा है. बिहार में पासवान परिवार के फिर से एकजुट होने के संकेत मिल रहे हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने अपने भतीजे और चिराग पासवान से सारे गिले-शिकवे भुलाकर उन्हें केंद्रीय मंत्री बनने की शुभकामनाएं दी. इस दौरान उन्होंने चिराग को बड़े बेटा कहा. पारस ने एक्स पर लिखा कि बड़े बेटे चिराग पासवान को बधाई और शुभकामनाएं. पारस ने लिखा कि केंद्रीय मंत्री के रूप में मेरा पूर्व पदभार संभालने पर बड़े बेटे चिराग पासवान को ह्रदयतल से बधाई और अनंत शुभकामनाएं. उन्होंने आगे लिखा कि हमें आशा है कि आप क्षेत्र एवं प्रदेशवासियों के मायूसी और हितों को ध्यान में रखते हुए इस समस्या का त्वरित समाधान करेंगे.

बता दें कि इससे पहले तक चाचा पशुपति पारस और भतीजे चिराग पासवान के बीच अदावत चल रही थी. पार्टी में टूट के साथ-साथ परिवार भी टूट गया था. 5 सांसदों को लेकर पशुपति पारस अलग हो गए थे और चिराग पासवान अकेले रह गए थे. उन्होंने बड़ी मेहनत से अपनी पार्टी को खड़ा किया. उनकी सियासी ताकत को देखते हुए लोकसभा चुनाव में चिराग पासवान को एनडीए में ज्यादा तवज्जो मिली थी. उन्हें पांच सीट मिली थी और चाचा पशुपति गुट को कुछ नहीं मिला था. हाजीपुर सीट को लेकर भी दोनों के बीट ठन गई थी. इसको लेकर दोनों के बीच काफी बयानबाजी भी हुई थी. हालांकि बाद में पशुपति पारस ने एनडीए में वापसी कर ली थी. 

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एनडीए में रहने के बाद भी पशुपति पारस ने चिराग पासवान और उनके प्रत्याशियों के लिए प्रचार नहीं किया था. अब जब चिराग मंत्री बन चुके हैं तो पशुपति पारस का गुस्सा भी ठंडा होता दिख रहा है. वह अब चिराग को बड़ा बेटा कह रहे हैं, जबकि पहले वह कहते थे कि अब पार्टी और परिवार कभी एक नहीं हो सकता. दोनों ही एक-दूसरे पर दल और दिल तोड़ने का आरोप लगाते थे. अब पशुपति पारस के ट्वीट से बिहार की राजनीति में फिर से बड़े बदलाव के संकेत मिल रहे हैं.

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