Prashant Kishor Jansuraj: महात्मा गांधी जयंती यानी 2 अक्टूबर को प्रशांत किशोर की नई राजनीतिक पार्टी हकीकत बन जाएगी. इसके लिए प्रशांत किशोर पिछले ढाई साल से बिहार के गांवों को पैदल नाप रहे थे. अब वो पार्टी बनाने जा रहे हैं, इसके लिए उन्हें जी बिहार झारखंड की तरफ से ढेर सारी बधाई.
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Prashant Kishor Jansuraj: पिछले 2 साल से बिहार में पदयात्रा कर रहे प्रशांत किशोर के लिए अब वो दिन आ गया है, जब वे अपने कहे अनुसार राजनीतिक दल की स्थापना करने जा रहे हैं. जी हां, 2 अक्टूबर यानी महात्मा गांधी जयंती पर बिहार में एक नए दल का प्रादुर्भाव होगा और उसके शिखरपुरुष होंगे प्रशांत किशोर. वहीं प्रशांत किशोर, जो कल तक किसी और के लिए रणनीति बनाते थे, लेकिन उन्हें अब खुद के लिए राजनीतिक राह बनानी होगी, जो फिलहाल के हालात में आसान नहीं है. एक तरफ घनघोर और ठेंठ राजनीतिज्ञ लालू प्रसाद यादव हैं तो दूसरी तरफ पिछले 20 साल से बिहार की राजनीति को मथ रहे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार. यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रशांत किशोर कैसे इस खांटी राजनीतिक जमीन पर खुद के लिए कोई कोना तलाश पाते हैं या नहीं. प्रशांत किशोर ने पार्टी की स्थापना से पहले ही कुछ पासे फेंके हैं. देखना यह है कि जमीन पर इन बाजियों का क्या असर होता है?
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अलग तरह की पार्टी
दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल की तरह प्रशांत किशोर ने भी बिहार में कुछ अलग तरह की पार्टी के गठन का संकेत दिया है. उनका साफ संदेश है कि जनसुराज बाकी दलों से अलग होगा. प्रशांत किशोर अपनी पार्टी के लिए न केवल प्रबुद्ध वर्ग को जोड़ रहे हैं, बल्कि नौकरशाहों से लेकर समाजसेवियों तक की एक शृंखला बना रहे हैं. जनसुराज का सदस्यता अभियान भी इन दिनों जोरों पर है.
राइट टू रिकॉल
प्रशांत किशोर ने जनप्रतिनिधियों को वापस बुलाने के अधिकार राइट टू रिकॉल की व्यवस्था कम से कम अपनी पार्टी में लागू करने की बात कही है. प्रशांत का कहना है कि जो कोई भी उम्मीदवार अपने क्षेत्र में जनता की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरता है तो इस व्यवस्था को लागू किया जाएगा. इसके लिए टिकट देते समय ही उम्मीदवारों से सहमति का एफिडेविट ले लिया जाएगा. प्रशांत कहते हैं कि संंबंधित क्षेत्र के एक तिहाई पार्टी कार्यकर्ता जनप्रतिनिधि के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला सकते हैं. अगर यह पास हो जाता है तो संबंधित विधायक को इस्तीफा देना होगा.
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विकास का ब्लूप्रिंट
प्रशांत किशोर की नई बनने वाली पार्टी के बैनर तले अगले साल फरवरी महीने में पटना के गांधी मैदान में जलसा होगा, जिसमें बिहार के 8500 पंचायतों के विकास का ब्लूप्रिंट होगा. प्रशांत किशोर का कहना है कि पिछले ढाई साल में पदयात्रा के दौरान राज्य के 60 फीसद गांव कवर हो पाए हैं. पदयात्रा जारी रहेगी और हर गांव तक पहुंचने का लक्ष्य है. उनका कहना है कि हम केवल समस्याएं नहीं गिनाएंगे, बल्कि उसे दूर करने के रास्ते भी बताएंगे.
15 मिनट में शराबबंदी खत्म
प्रशांत किशोर का एक वीडियो पिछले दिनों बहुत वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने कहा था कि हमारी सरकार बनी तो 15 मिनट में शराबबंदी खत्म कर दी जाएगी. प्रशांत कहते हैं कि शराबबंदी खत्म करने से राज्य के राजस्व में बढ़ोतरी होगी और उसे बेहतर शिक्षा के लिए खर्च करेंगे. प्रशांत ने यह भी कहा कि इस समय केवल नाम की शराबबंदी है. घर घर शराब पहुंचाई जा रही है. केवल दुकानें बंद हैं.
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40 महिला, 40 मुसलमान
प्रशांत किशोर ने पिछले दिनों ऐलान किया था कि उनकी राजनीतिक पार्टी हर लोकसभा क्षेत्र में कम से कम एक महिला और एक मुसलमान को टिकट जरूर देगी. इस तरह बिहार के 40 लोकसभा क्षेत्रों में से एक महिला और एक मुसलमान फॉमूले के हिसाब से 40 महिला और 40 मुसलमानों के टिकट तो फिक्स हो गए हैं. ऐसा करके प्रशांत किशोर महिलाओं और मुसलमानों में अपनी पैठ बनाना चाहते हैं. जाहिर सी बात है कि अभी तक कोई भी राजनीतिक दल न तो इतनी संख्या में महिलाओं और न ही मुसलमानों को टिकट देती आई है. देखना यह है कि 2025 में क्या होने वाला है.