Sarna Dharma Code: झारखंड में फिर तेज हुई सरना धर्म कोड की मांग, रखी 5 सूत्रीय मांग
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Sarna Dharma Code: झारखंड में फिर तेज हुई सरना धर्म कोड की मांग, रखी 5 सूत्रीय मांग

Sarna Dharma Code: आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने किशनगंज के सर्किट हाउस में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर पत्रकारों को बताया कि वर्ष 2011 की जनगणना में देश के लगभग पचास लाख आदिवासी समुदाय के लोग खुद को प्रकृति पूजक बताकर अपना धर्म सरना धर्म बताया था.

Sarna Dharma Code: झारखंड में फिर तेज हुई सरना धर्म कोड की मांग, रखी 5 सूत्रीय मांग

रांची: Sarna Dharma Code: आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने किशनगंज के सर्किट हाउस में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर पत्रकारों को बताया कि वर्ष 2011 की जनगणना में देश के लगभग पचास लाख आदिवासी समुदाय के लोग खुद को प्रकृति पूजक बताकर अपना धर्म सरना धर्म बताया था. लेकिन बारह वर्ष पूरे होने के बावजूद केंद्र सरकार सरना धर्म कोड को अब तक लागू नहीं किया है. सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि पांच सूत्री मांगों को लेकर आगामी 15 जून को भारत बंद करने का ऐलान किया गया हैं. इसके अलावे उन्होंने कहा कि 30 जून संथाल क्रांति का ऐतिहासिक दिन हैं.

उन्होंने कहा कि 30 जून 1855 को अंग्रेजों के खिलाफ वीर शहीद सिद्धू मुर्मू और कान्हू मुर्मू एक जनक्रांति किया था. जिसका परिणाम 22 दिसंबर 1805 में संथाल परगना का गठन हुआ था. इसी दिन की याद में 30 जून को कोलकाता के ब्रिगेड परेड मैदान में विश्व सरना धर्म कोड को लागू करने की मांग को लेकर एक रैली का आयोजन किया जा रहा है. इस रैली को सफल बनाने के लिए बिहार,झारखंड,असम,त्रिपुरा,अरुणाचल प्रदेश और उड़ीसा से लगभग पांच लाख की संख्या में आदिवासी समुदाय के लोगों की पहुचने की संभावना है.

राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने पांच सूत्री मांगों का हवाला देते हुए कहा कि सरना धर्म कोड आदिवासी को मिलना चाहिए. झारखंड में संताली भाषा को राजभाषा का दर्जा मिलना चाहिए.सीएम हेमंत सोरेन ने 5 जनवरी 23 को पत्र लिख कर पारसनाथ स्थित मरांग बुरु को जैन धर्मावलंबियों के हाथों क्यों बेच दिया,उसे आदिवासियों को वापस मिलना चाहिए. इसके अलावा कुर्मी और महतो समुदाय को कई राजनीतिक दलों के द्वारा आदिवासी बनाना चाह रहे हैं,जिससे असली आदिवासियों के गले में फांसी का फंदा लटकाने का काम किया जा रहा है,वो नहीं होना चाहिए.

आदिवासी स्वशासन व्यवस्था और ट्राइबल सेल्फ रूल सिस्टम में जल्द से जल्द सुधार लाने हेतु जनतांत्रिक और अवैधानिक मूल्य और व्यवहार का समावेश किया जाए. आदिवासी सेंगल अभियान द्वारा 30 जून 2023 को कोलकाता के ब्रिगेड परेड ग्राउंड में आहूत विश्व सरना धर्म कोड जनसभा में भी इन 5 सवालों को उठाने के लिए बाध्य है. क्योंकि यह 5 सवाल भारत के आदिवासियों के अस्तित्व, पहचान और हिस्सेदारी के साथ जुड़ा हुआ है.

इनपुट- अमित सिंह

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