तमिलानाडु की कंपनी में बंधक बोकारो की 7 लड़कियां लौटीं घर, शोषण की कहानी सुनेंगे तो रो पड़ेंगे आप
Advertisement
trendingNow0/india/bihar-jharkhand/bihar1396240

तमिलानाडु की कंपनी में बंधक बोकारो की 7 लड़कियां लौटीं घर, शोषण की कहानी सुनेंगे तो रो पड़ेंगे आप

बंधक सभी युवतियों ने पिछले चार माह की काफी दर्दनाक कहानी सुनाई है. उनका कहना है कि कंपनी ने शोषण की सारी हदें पार कर दी थीं. बीमार होने के बावजूद ओवर टाइम कराया जाता था

तमिलानाडु की कंपनी में बंधक बोकारो की 7 लड़कियां लौटीं घर, शोषण की कहानी सुनेंगे तो रो पड़ेंगे आप

बोकारोः तमिलनाडु की एक कंपनी में कई लड़कियां बंधक बन गई थीं. 30 लड़कियों में 27 लड़कियां बोकारो की थीं, जिनमें से 7 लड़कियों की घरवापसी हो गई है. सामने आया था कि तेनुघाट के दीनदयाल उपाध्याय मेगा स्किल सेंटर से सिलाई कढ़ाई का प्रशिक्षण लेने के बाद ये लड़कियां तमिलनाडु गई थीं. यहां के त्रिपुर में केपीआर मिल्स नामक कंपनी में काम करने के दौरान ये लड़कियां यहां बंधक बन गई थीं. परिजनों ने ये आरोप लगाया था. 

बुखार और चिकन पॉक्स से पीड़ित थीं लड़कियां
खबर सामने आने के बाद गोमिया के पूर्व विधायक योगेंद्र प्रसाद की पहल और झारखंड सरकार श्रम विभाग के कुशल प्रबंधन से तमिलनाडु में फंसी गोमिया और आसपास की 28 लड़कियां तमिलनाडु गई थीं. इनमें से सात की सकुशल बोकारो वापसी हुई है. सभी को रांची रेलवे स्टेशन से श्रम विभाग के अधिकारियों ने बोकारो के गोमिया पहुंचाया है. सभी बुखार व चिकन पॉक्स बीमारी से ग्रसित हैं. एक की स्थिति रास्ते में एकाएक बिगड़ गई. जिसे गोमिया पहुंचते ही इलाज के लिए ललपनिया स्थित अस्पताल में भर्ती कराया गया है. वहीं अन्य की भी घर पहुंचने के बाद एक एक कर तबियत बिगड़ती जा रही है. एक युवती तो परिजन से बात करते करते एकाएक बेहोश हो गई, जिसे तत्काल पूर्व विधायक योगेंद्र प्रसाद ने अपनी गाड़ी से इलाज के लिए अस्पताल भेजा है. वहीं एहतियातन अन्य को भी अस्पताल भेजा गया है. 

बीते चार माह की दर्दनाक कहानी सुनाई
बंधक सभी युवतियों ने पिछले चार माह की काफी दर्दनाक कहानी सुनाई है. उनका कहना है कि कंपनी ने शोषण की सारी हदें पार कर दी थीं. बीमार होने के बावजूद ओवर टाइम कराया जाता था. बीमार पड़ने पर किसी साथी सहेली से मदद नहीं करने दिया जाता था. 15-15 दिन तक अकेले कमरे में रखा जाता था और उस हालात में भी जबरदस्ती काम कराया जाता था. शारीरिक रूप से कमजोरी के बावजूद कंपनी के कर्मचारी ओवर टाइम कराते थे. हमलोग को खाने के लिए बासी खाना दिया जाता था. 

कंपनी वाले इलाके मैं फैला है चिकन पॉक्स
तमिलनाडु में जिस स्थान पर कंपनी है वहां चिकन पॉक्स सहित कई बीमारी फैली हुई है. एक-एक कर हम सभी बीमारी से ग्रसित हुए लेकिन कंपनी की ओर से इलाज भी नहीं कराया गया. इलाज के नाम पर सिर्फ एक टैबलेट दिया जाता और फिर उसी हाल में काम पर लगा दिया जाता था. बीमारी की चपेट में आकर कंपनी में काम करने वाली दो से तीन लड़कियों की मौत हो चुकी है, लेकिन हमलोग से घटना को छुपाया गया. जब हमलोग को घटना की जानकारी मिली तो काफी भयभीत हो गए, घर वापसी की छुट्टी मांगने लगे लेकिन विकल्प के तौर पर संबंधित सेंटर से लड़किया नहीं भेजे जाने को कारण बताकर छुट्टी देने से साफ मना कर दिया और मोबाइल भी लूट लिया गया.

बाकी लड़कियों की भी जल्द होगी वापसी
वापस लौटी सात में से चार युवतियां महुआ टांड़ थाना क्षेत्र की हैं, वहीं दो नारायणपुर तथा एक कसमार थाना क्षेत्र की रहने वाली हैं. सभी के परिजनों को युवतियों के गोमिया पहुंचने की सूचना दे दी गई है. बता दें दीनदयाल उपाध्याय मेगा स्किल सेंटर तेनुघाट से प्रशिक्षण पाई 28 युवतियां जिन्हें सेंटर ने ही तमिलनाडु स्थित एक कंपनी में चार माह पूर्व प्लेसमेंट कराया था. तभी से संबंधित कंपनी युवतियों को एक तरह से बंधक बनाकर शोषण कर रही थी. परिजनों ने इसकी शिकायत गोमिया के पूर्व विधायक योगेंद्र प्रसाद जो वर्तमान में स्टेट कोऑर्डिनेशन कमिटी मेंबर सह जेएमएम के केंद्रीय प्रवक्ता हैं से कर युवतियों की सकुशल वापसी की गुहार लगाई थी. जिसके बाद पूर्व विधायक ने पहल करते हुए श्रम विभाग को सूचित किया और विभाग के कुशल प्रबंधन के बाद युवतियों की वापसी हुई है. बाकी की भी वापसी जल्द होगी.

यह भी पढ़िएः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लगी चोट, जानिए अब कैसी है तबीयत

Trending news