राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के प्रावधानों को जनता से अवगत कराने के लिए प्रकाशित हुआ कैलेंडर, जानें क्या है खास
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राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के प्रावधानों को जनता से अवगत कराने के लिए प्रकाशित हुआ कैलेंडर, जानें क्या है खास

झारखंड राज्य खाद्य आयोग द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के प्रावधानों और जनता को मिले अधिकारों से अवगत करने के लिये इस वर्ष कैलेंडर प्रकाशित कराई गई है. आयोग के वर्ष-2023 के इस कैलेंडर  का अनावरण मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा किया गया.

 (फाइल फोटो)

Ranchi: झारखंड राज्य खाद्य आयोग द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के प्रावधानों और जनता को मिले अधिकारों से अवगत करने के लिये इस वर्ष कैलेंडर प्रकाशित कराई गई है. आयोग के वर्ष-2023 के इस कैलेंडर  का अनावरण मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा किया गया. मुख्यमंत्री आवास में राज्य खाद्य आयोग के अध्यक्ष, हिमांशु शेखर चौधरी और सदस्य, शबनम परवीन ने मुख्यमंत्री को कैलेंडर भेंट किया. 

जानें क्या है ख़ास

मुख्य मंत्री द्वारा अनावरण करने के पश्चात आयोग के अध्यक्ष द्वारा खाद्द सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग के मंत्री रामेश्वर उराव को भी कैलेंडर भेंट किया गया.यह कैलेंडर राज्य के सभी पंचायतों के पंचायत भवन एवं सभी प्रखण्ड कार्यालय में लगाया जाना है. गंतव्य स्थान तक कैलेंडर पहुँचाने की प्रक्रिया मुख्यमंत्री के अनावरण के बाद प्रारंभ कर दिया गया है. कैलेंडर में जनवितरण प्रणाली के अन्तर्गत किस दर पर कितना अनाज मिलना है, विद्यालयों में मध्याह्न भोजन किस प्रावधान के तहत् मिलना है, आंगनबाड़ी केन्द्रों में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अन्तर्गत कौन सी योजनाएँ संचालित हैं, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के संदर्भ की जानकारी, एक राष्ट्र एक राशन कार्ड का विवरण उपलब्ध कराने के साथ-साथ राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत् खाद्य सुरक्षा भत्ता की जानकारी भी उपलब्ध कराई गई है. कैलेंडर में झारखण्ड राज्य आकस्मिक खाद्यान्न कोष की भी विवरण दी गई है. 

कैलेंडर में निगरानी समिति का विवरण भी दिया गया है. इसके अलावा इस बात की भी विवरण कैलेंडर में उपलब्ध कराई है कि कौन लोग राशन कार्ड के हकदार नहीं हैं. कैलेंडर में खाद्य सुरक्षा अधिनियम से सम्बन्धित शिकायत को आयोग में दर्ज कराने के लिये वाट्सएप्प नं0-9142622194 मोटे अक्षरों में सबसे ऊपर अंकित किया गया है. मुख्यमंत्री ने राज्य खाद्य आयोग की इस पहल की प्रशंसा करते हुए, आयोग के टैग लाईन 'अधिकार जानें, अधिकार मांगे' को जनहित में एक कारगर प्रयास बताया है.

 

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