Jharkhand Samachar: यह किसान सुबह पांच बजे ही अपने खेत की सब्जी को बेचने के लिए नगड़ी मार्किट पहुंचते हैं. लेकिन खरीदार नहीं मिलते हैं.
Trending Photos
Ranchi: झारखंड में स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह की सख्ती है. इस सख्ती के बावजूद कृषि विभाग किसानों के खेत मे उगाई गई सब्जी और तरबूज की बिक्री के लिए बेहतर प्रबंधन का दावा करता हैं. रांची के आस-पास बड़ी संख्या में किसान सब्जी की खेती करते हैं. ऐसे में कृषि विभाग के दावे और किसान की हकीकत कुछ ओर ही हैं.
किसान खेत में उम्मीद से बीज बोते हैं, पसीना बहाते हैं और खर्च करते हैं पर उनके फसल की उन्हें कीमत फिलहाल क्या मिल रही है वो भी जानना जरूरी है. खेत से अपनी उम्मीद बाजार ले तो जाते हैं ,पर उन्हें उचित कीमत नहीं मिलती है.
इन दिनों उनकी सब्जी की बिक्री भी नहीं हो रही ऐसे में कई बार किसान अपने खेत मे उगाए गए टमाटर को सड़क पर फेंक देते हैं. ऐसे में किसान अपने टमाटर और खीरा खेत से बाजार लाए और अब टमाटर की कीमत कोई एक रुपए, तो कोई 50 पैसे , तो कोई डेढ़ रुपए किलो बता रहे हैं. साथ ही, खीरा भी एक से डेढ़ रुपए किलो व्यापारी खरीद रहे हैं.
यह किसान सुबह पांच बजे ही अपने खेत की सब्जी को बेचने के लिए नगड़ी मार्किट पहुंचते हैं. लेकिन खरीदार नहीं मिलते हैं. यह सभी छोटे-छोटे किसान हैं, जो खेती करते हैं और बाजार ले जा कर बेचते हैं. लेकिन लॉकडाउन की हालात में किसानों की उम्मीदे कृषि विभाग के बेहतर प्रबंधन के भरोसे है.
वहीं, नगड़ी बाजार की मंडी का खेल भी निराला है. यहां व्यापारी सब्जी किसानों से खरीदते हैं और वो किसान को कैसे बौना बना देते हैं और आने पौने दाम पर बेचने के लिए मजबूर करते हैं.
पहले व्यापारी थोड़ी सब्जी किसान से खरीदते हैं ,फिर कुछ देर में यह एलान कर देते हैं कि उनका कोटा फूल हो गया है. बाद में कह देते है कि अब वह नहीं खरीद सकते हैं. वहीं, किसान औने-पौने दाम पर बेचने को मजबूर हो जाता है.
नगड़ी बाजार में किसान से किस दर पर व्यापारी सब्जी खरीद रहे हैंः