जानकारी के मुताबिक केंद्रीय कोयला सचिव अमृत लाल मीणा और झारखंड के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) और जिला प्रशासन के अफसरों को दो महीने के टाइम फ्रेम के अंदर यह कार्य पूरा करने का निर्देश दिया है.
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धनबादः Jharia Sinking News: जोशीमठ में पड़ी दरारों की गहरी गंभीरता के बीच सरकार झरिया की भी सुध आ ही गई है. झारखंड के धनबाद शहर में स्थित झरिया के कोल खदान वाले धधक रहे इलाके को लेकर केंद्र से निर्देश आया है. झरिया कोलफील्ड इलाके के अग्नि प्रभावित और भू-धंसान वाले बेहद खतरनाक इलाकों में रह रहे लोगों को शिफ्ट किया जाएगा. ऐसे लोगों की संख्या तकरीबन 60 हजार है जो इस भू-धंसान और अंदरूनी तौर पर धधक रही जमीन पर रहे हैं. केंद्रीय कोयला सचिव अमृत लाल मीणा और झारखंड के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने इस इलाके में कोयले का खनन करने वाली कंपनी को निर्देश दिया है कि लोगों को आने वाले तीन महीनों के भीतर सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट किया जाए.
70 साइट की गई हैं चिह्नित
जानकारी के मुताबिक केंद्रीय कोयला सचिव अमृत लाल मीणा और झारखंड के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) और जिला प्रशासन के अफसरों को दो महीने के टाइम फ्रेम के अंदर यह कार्य पूरा करने का निर्देश दिया है. झरिया कोयलांचल में 70 ऐसी साइट चिन्हित की गई है, जहां जमीन के भीतर मौजूद कोयले में लगी आग बेहद खतरनाक रूप ले चुकी है. यहां आए रोज भू-धसान वाले हादसे हो रहे हैं.
70 ऐसी साइट जहां रुकना बेहद जोखिम
झरिया अग्नि प्रभावित क्षेत्र के 595 साइट में से 70 क्षेत्र अति खतरनाक हैं . इनमें बड़ी आबाद का एक पल भी रहना जानलेवा है. पिछले कुछ सालों में इन इलाकों में अचानक जमीन फटने से कई लोगों को मकान जमीन में समा गए हैं. इसके अलावा इन क्षेत्रों में दरार आने से इलाकों में दहशत का माहौल रहता है. अक्सर लोग जहरीली हवा से परेशान रहते हैं तो इसके साथ ही यहां की जलवायु भी काफी प्रदूषित हो चुकी है. सबसे अधिक प्रभावित बरोरा, कतरास, लोदना, पुटकी बलिहारी, कुसुंडा, सिजुआ और बस्ताकोला के क्षेत्र हैं.