हजारीबाग बना लोगों के आकर्षण का केंद्र, समाहरणालय में संचालित है कई सरकारी दफ्तर
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हजारीबाग बना लोगों के आकर्षण का केंद्र, समाहरणालय में संचालित है कई सरकारी दफ्तर

झारखंड में स्टेट ऑफ द आर्ट की तर्ज पर नवनिर्मित हजारीबाग समाहरणालय भवन की भव्यता और स्वच्छता लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है. समाहरणालय भवन की आंतरिक और बाहरी साज-सज्जा और रखरखाव यहां आने वाले लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है.

हजारीबाग बना लोगों के आकर्षण का केंद्र, समाहरणालय में संचालित है कई सरकारी दफ्तर

Hazaribagh: झारखंड में स्टेट ऑफ द आर्ट की तर्ज पर नवनिर्मित हजारीबाग समाहरणालय भवन की भव्यता और स्वच्छता लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है. समाहरणालय भवन की आंतरिक और बाहरी साज-सज्जा और रखरखाव यहां आने वाले लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. 30 दिसम्बर 2020 से हजारीबाग समाहरणालय में विभिन्न सरकारी दफ्तर संचालित हैं. उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडलीय जिला मुख्यालय होने के कारण इस भवन में टूरिस्ट की संख्या अधिक होती है. 

ग्रामीण महिलाओं को मिला रोजगार
समाहरणालय भवन की खूबियों के विषय में उपायुक्त नैंसी सहाय ने बातचीत करते हुए विस्तार से इस संबंध में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि हजारीबाग की स्थानीय कला-संस्कृति, पर्यटन स्थल, खान पान, वन्य जीव आदि को केन्द्र बिन्दु में रखकर इस भवन को सजाया गया है. भवन परिसर में प्रवेश करते ही राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह अशोक स्तम्भ और राष्ट्रपिता बापू (महात्मा गांधी) की चरखा चलाती प्रतिमा  टूरिस्ट के साथ-साथ अधिकारियों, कर्मियों में सकारात्मक ऊर्जा, अनुशासन, देश प्रेम और आत्मीयता की भावना का संचार करती है. समाहरणालय भवन के आंतरिक दीवारों, पिलर्स पर हजारीबाग क्षेत्र की स्थानीय सोहराई और कोहबर की चित्रकारी भी लोगों को खूब पसंद आ रही है. महिला सशक्तिकरण और स्वरोजगार से जोड़ने के निमित स्वयं सहायता समूह की ग्रामीण महिलाओं को परिसर में कैंटीन और पलाश मार्ट मुहैया कराया गया है. जिसमें कैंटीन संचालन से लगभग छह हजार और पलाश मार्ट से तीन हजार रुपये प्रति दिन की आमदनी समूह की ग्रामीण महिलाओं को होती है. 

संस्कृति को किया गया है प्रस्तुत
जिला जनसम्पर्क टीम में जनसंपर्क अधिकारी पंचानन उरांव और सहायक जनसंपर्क पदाधिकारी परिमल कुमार द्वारा भवन के तीनों मंजिल के लॉबी एरिया में हजारीबाग जिले की विशेषता को दर्शाती फोटो फ्रेम लगाई गई है. जिसमें यहां के वन्यजीव, खान-पान, कला-संस्कृति, झील-झरने, पर्यटन स्थल और सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से संबंधित जानकारियां दिखाई गई है. नवनिर्मित समाहरणालय भवन को पूरी तरह से सौर ऊर्जा से संचालित किया जाता है. जो सेव एनर्जी की दिशा में एक महत्वपूर्ण और सकारात्मक पहल है. उपायुक्त नैंसी सहाय के मुताबिक आम लोगों के बीच सरकारी भवनों को लेकर जो सोच है, उस मानसिकता को बदलकर उन्हें सकारात्मक सोच पैदा करनी है. जनसुविधा को ध्यान में रखते हुए हर एक फ्लोर पर वेटिंग चेयर, कार्यालय की मैप, साफ पेयजल, शौचालय उपलब्ध है. इस भवन के माध्यम से सूचना, जानकारी और संस्कृति का समावेश करने का प्रयास किया गया है. 

समाहरणालय में संचालित है कई सरकारी दफ्तर
हजारीबाग स्थित समाहरणालय भवन पूरे राज्य में सरकारी दफ्तरों के लिए एक मिसाल के तौर पर स्थापित हो चुका है. उपायुक्त नैंसी सहाय के इस अनूठी पहल की लोग सराहना कर रहे हैं. यदि राज्य के सभी प्रमंडलीय और जिला मुख्यालय स्थित सरकारी कार्यालय हजारीबाग के इस समाहरणालय को देखकर इसका नकल करें या फिर इसी तर्ज पर सरकारी दफ्तरों की सजावट करें, स्वच्छता और रखरखाव पर ध्यान दिया जाए, तो झारखंड राज्य पूरे देश में एक उदाहरण प्रस्तुत करेगा. 

(रिपोर्ट-यादवेंद्र मुन्नू)

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