Jharkhand: मंत्रिमंडल विस्तार में देरी पर बीजेपी ने बोला हमला, JMM ने कहा-उनके पेट में दर्द क्यों?
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Jharkhand: मंत्रिमंडल विस्तार में देरी पर बीजेपी ने बोला हमला, JMM ने कहा-उनके पेट में दर्द क्यों?

Jharkhand News: 5 फरवरी को फ्लोर टेस्ट में 47 विधायकों के समर्थन के साथ सरकार ने बहुमत हासिल कर लिया है. लेकिन अब तक मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हो पाया है. 

मंत्रिमंडल विस्तार में देरी पर  झारखंड में सियासी हलचल (फाइल फोटो)

Ranchi: 5 फरवरी को फ्लोर टेस्ट में 47 विधायकों के समर्थन के साथ सरकार ने बहुमत हासिल कर लिया है. लेकिन अब तक मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हो पाया है. मंत्रिमंडल के विस्तार के बाद 8 फरवरी को शपथ ग्रहण समारोह भी राजभवन में आयोजित किया गया था, जिसे अगले सप्ताह के लिए टाल दिया गया है. मंत्रिमंडल गठन में हो रही देरी को लेकर सत्ता पक्ष विपक्ष के निशाने पर है.

आलमगीर आलम ने किया पलटवार 

आलमगीर आलम ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष का काम ही है आरोप लगाना. फ्लोर टेस्ट के पहले लगातार खबरों में सुर्खियां बन रही थी कि गठबंधन के पास बहुमत नहीं है. बीजेपी बयानों में बनी रहना चाहती हैं. भारतीय जनता पार्टी को धन बल से खरीद फरोक करने में महारत हासिल है क्योंकि यह उनका ही चरित्र है. मंत्रिमंडल में कोई पेज फंसा हुआ नहीं है. सब कुछ क्लियर है राज्यपाल को बाहर जाना है और फिर राहुल गांधी का कार्यक्रम है इसीलिए 16 फरवरी की तारीख निर्धारित की गई है.

बीजेपी ने किया पलटवार 

बीजेपी के प्रतुल शाहदेव ने झारखंड सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि आपने अलीबाबा चालीस चोर की कहानी सुनी होगी या एक अनार सौ बीमार की कहानी सुनी होगी. झारखंड में स्थितियां अलग है. झारखंड में 47 बीमार हैं और सिर्फ 12 अनार है और 12 अनार में भी तीन अनार बट्ट चुका है तो हमारा मानना है कि सिर्फ और सिर्फ मंत्री पद के लिए जिस तरह के घमासान दिख रही है गठबंधन में के घटक दलों में इससे साफ स्पष्ट है कि झारखंड के विकास से इनका कोई लेना-देना नहीं है. सिर्फ व्यक्तिगत स्वार्थ जो है वह सिर्फ इन पर हावी है और यकीन मानिए एक बार मंत्रिमंडल की घोषणा होने दीजिए जो 47 के 47 एक साथ दिख रहे हैं, एक-एक करके अलग हो जाएंगे. 

JMM ने कही ये बात

जेएमएम ने बीजेपी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उनके पेट में क्यों दर्द हो रहा है. उनके द्वारा शासित राज्यों में जहां 20-25 दिनों तक एक-एक महीने लग गए और मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं कर पाए. यह हमारी रणनीति है, हमारा मसाला है, हम कब करेंगे? कैसे करेंगे? किसको देंगे? वह क्यों परेशान हो रहे हैं. जो लोकप्रियता महागठबंधन को मिली है विगत से 8 महीना 1 साल में वह अभूतपूर्व है. 

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