Hill Station in Jharkhand: सर्दी का लेना चाहते हैं मजा तो इन वादियों में आइए, 'बांस का बाजार' कहा जाता है ये डेस्टिनेशन
Advertisement
trendingNow0/india/bihar-jharkhand/bihar1440261

Hill Station in Jharkhand: सर्दी का लेना चाहते हैं मजा तो इन वादियों में आइए, 'बांस का बाजार' कहा जाता है ये डेस्टिनेशन

Hill Station in Jharkhand: नेतरहाट आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है. घने जंगलों से भरे पड़े इस क्षेत्र की सुंदरता आपका मन मोहने के लिए काफी है. यहां आपको साल, सागवान, सखुआ और बांस के अत्यधिक पेड़ मिलेंगे. आपको बता दें संथाल आदिवासी भाषा में नेतरहाट का मतलब होता है 'बांस का बाजार'.

Hill Station in Jharkhand: सर्दी का लेना चाहते हैं मजा तो इन वादियों में आइए, 'बांस का बाजार' कहा जाता है ये डेस्टिनेशन

रांची : Hill Station in Jharkhand: झारखंड के गठन को अब 22 वर्ष होने जा रहे हैं. इन सालों में प्रदेश में पर्यटन क्षेत्रों का तीव्र विकास हुआ है और यहां आने वाले लोगों की संख्या में भी इजाफा हुआ है. ऐसे में झारखंड में एक ऐसा लोकेशन है जिसका नाम लगभग सबने सुना होगा. जी हां हम बात कर रहे हैं नेतरहाट की, दरअसल इसको पहचान नेतरहाट स्कूल की वजह से मिली. इस स्कूल की ख्याति पूरे देश और दुनिया में व्याप्त है लेकिन कम लोग ही जानते हैं कि उत्तराखंड और हिमाचल की तरह खूबसूरत वादियों का मजा आपको नेतरहाट में भी मिलेगा.  इसे छोटानागपुर की रानी भी कहा जाता है. 

नेतरहाट मतलब 'बांस का बाजार'
नेतरहाट आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है. घने जंगलों से भरे पड़े इस क्षेत्र की सुंदरता आपका मन मोहने के लिए काफी है. यहां आपको साल, सागवान, सखुआ और बांस के अत्यधिक पेड़ मिलेंगे. आपको बता दें संथाल आदिवासी भाषा में नेतरहाट का मतलब होता है 'बांस का बाजार'. नेतरहाट समुद्र तल से 3622 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. झारखंड की राजधानी रांची से नेतरहाट की दूरी लगभग 150 किलोमीटर है.

नेतरहाट कैसे पहुंचें
आपको यहां आने के लिए सड़क, रेल और हवाई मार्ग से आना पड़ेगा. सड़क मार्ग से आप सीधे यहां तक आ सकते हैं. जबकि अगर फ्लाइट से यहां आने की सोच रहे हैं तो आपको रांची एयरपोर्ट तक आना होगा और वहां से फिर नेतरहाट के लिए आपको सड़क मार्ग पर चलना होगा. वहीं अगर आप रेल यात्रा कर यहां तक आना चाहते हैं तो भी आपको रांची तक रेल की यात्रा करके आ सकते हैं और वहां से फिर आपको बस या टैक्सी के जरिए यहां आना पड़ेगा. 

सूर्योदय और सूर्यास्त का नजारा बेहद प्यारा
देश भर से पर्यटक यहां सूर्योदय और सूर्यास्त का नजारा देखने आते हैं. यहां पहले से भी राज्य भर के पर्यटक आते रहे हैं लेकिन यहां पर्यटन के विकास के साथ ही बता दें कि अब धीरे-धीरे देश भर से लोग आने लगे हैं. यहां से सनसेट प्वाइंट की दूरी लगभग 10 किलोमीटर है. 

वाटरफॉल
नेतरहाट का लोध वाटरफॉल इस हिल स्टेशन की खूबसूरती को बढ़ा देता है. नेतरहाट से इस वाटरफॉल की दूरी 68 किमी. है.  यह झारखंड का सबसे ऊंचा झरना है. आदिवासियों का प्रकृति प्रेम और उनकी अद्भुत परंपरा को भी आप यहां देख पाएंगे. यहां का नेतरहाट डैम और कोयल नदी का दृश्य भी आपके मन को मोह लेगा. 

ट्रेकिंग करें, नाशपति गार्डन देखें
नेतरहाट की पहाड़ियां में चीड़ और देवदार के पेड़ों की बड़ी श्रृंखला है. ऐसे में अगर आप प्रति प्रेमी हैं और यहां की खूबसूरती को निहारना चाहते हैं तो आपको ट्रेकिंग करना पड़ेगा. यहां के जंगल आपका मन मोह लेंगे. यहां नाशपति गार्डन है जो फूलों से अच्छादित है. ऐसे में आप यहां जरूर घूमने जाएं. 

किसी भी मौसम में आएं
यहां पूरे साल लोग पर्यटन के लिए आते हैं. यहां प्रकृति का अनुपम नजारा देख आपका दिल खुश हो जाएगा. यहां होटल और रेस्टोरंट में हमेशा भीड़ रहती है. 

ये भी पढ़ें- Chanakya Niti: जानें पुरुष अपनी पत्नी से क्या-क्या छुपाते हैं और कौन सी बातें हैं जो बतानी भी नहीं चाहिए

Trending news