सत्ता पक्ष ने भी विपक्ष के सभी सवालों के जवाब देने के साथ सुनील तिवारी से जुड़े मसले सहित कई मुद्दों पर विपक्ष को सदन में घेरने और आक्रामक रहने के संकेत दिए हैं.
Trending Photos
Ranchi: 3 सितंबर से झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र शुरू हो रहा है, जो 9 सितंबर तक चलेगा. सत्र को लेकर सभी दल अपनी-अपनी रणनीति बनाने में जुट गए हैं. एक तरफ विपक्ष सदन में सरकार को घेरने के लिए अपनी तैयारी कर रहा है, तो दूसरी तरफ सरकार भी विपक्ष के हर एक सवाल का जवाब देने के साथ विपक्ष को घेरने की तैयारी कर रहा है.
दरअसल, विपक्ष नियोजन नीति और रूपा तिर्की की मौत के मामले के साथ रोजगार से जुड़े मामलों पर सरकार को घेरने की तैयारी में जुटा है. जबकि दूसरी तरफ सत्ता पक्ष ने भी विपक्ष के सभी सवालों के जवाब देने के साथ सुनील तिवारी से जुड़े मसले सहित कई मुद्दों पर विपक्ष को सदन में घेरने और आक्रामक रहने के संकेत दिए हैं. बीजेपी (BJP), जेएमएम (JMM) और कांग्रेस (Congress) विधायक दल की बैठक में इसको लेकर रणनीति बनेगी.
ये भी पढ़ें- साहिबगंज के बहुचर्चित रुपा तिर्की मौत मामले की जांच CBI के हवाले, झारखंड हाईकोर्ट का आदेश
इधर, 3 सितंबर से शुरू होने जा रहे मानसून सत्र पर स्पीकर रविंद्र नाथ महतो ने कहा कि विधानसभा का मानसून सत्र सार्थक होगा. उन्होंने सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों से शांतिपूर्वक तरीके से सत्र चलाने की अपील की हैं. संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने भी कहा कि सदन के हर मिनट का सदुपयोग होना चाहिए. हमें उम्मीद है सदन में जनता का मुद्दा उठेगा और सरकार उसका सही जवाब देगी.
6 सितंबर को पेश होगा अनुपूरक व्यय विवरण
बता दें कि 3 सितंबर से शुरू होने जा रहे सत्र के पहले दिन शपथ ग्रहण के अलावा विधानसभा सत्र में नहीं रहने की अवधि में राज्यपाल के द्वारा प्रख्यापित अध्यादेशों की प्रमाणीकृत प्रतियों को पटल पर रखा जाएगा. इसी दिन शोक प्रकाश का भी आयोजन होगा. चार और पांच सितंबर को अवकाश रहेगा. 6 सितंबर को वित्तीय वर्ष 2021-22 के प्रथम अनुपूरक व्यय विवरण पेश किया जाएगा. उसके बाद अगले दिन इस पर बहस होगी. व्यय विवरण पर बहस के बाद इसे पारित किया जाएगा. यह सत्र फिलहाल नौ सितंबर तक चलेगा. इस दौरान कई विधेयकों के पेश किए जाने की संभावना है. सात सितंबर को प्रश्नकाल के अलावा राजकीय विधेयक पेश किए जाएंगे. नौ सितंबर को प्रश्नकाल के बाद राजकीय विधेयक पेश किए जाएंगे, जिसके बाद गैर सरकारी संकल्प पेश होंगे.
(इनपुट- कुमार चंदन)