झारखंड में वैक्सीनेशन की धीमी रफ्तार पर सवाल, हेमंत सरकार ने केंद्र सरकार को बताया जिम्मेदार
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झारखंड में वैक्सीनेशन की धीमी रफ्तार पर सवाल, हेमंत सरकार ने केंद्र सरकार को बताया जिम्मेदार

Jharkhand Samachar: राज्य के स्वास्थ्य मंत्री धीमी वैक्सीनेशन के लिए केंद्र को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता का कहना है कि वैक्सीन के मामले में केंद्र का सौतेला व्यवहार चिंता का विषय है.

 

स्वास्थ्य मंत्री धीमी वैक्सीनेशन के लिए केंद्र को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Ranchi: झारखंड में कोरोना (Coronavirus) की दूसरी लहर का कहर थम गया है, लेकिन तीसरी लहर की आहट के मद्देनजर राज्य का स्वास्थ्य विभाग पहले से ही सतर्क है और सभी जरुरी तैयारियों को पूरा करने की कोशिश की जा रही है. हालांकि, इस दौरान राज्य में वैक्सीनेशन (Vaccination) की धीमी रफ्तार को लेकर सवाल उठ रहे हैं. 

दरअसल, विशेषज्ञों का मानना है की कोरोना महामारी की तीसरी लहर को रोकने में सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) और मास्क के साथ वैक्सीनेशन ही एकमात्र विकल्प है, लेकिन झारखंड में वैक्सीनेशन की धीमी रफ्तार चिंता का कारण बन गई है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग का तर्क है कि राज्य में सीमित संख्या में वैक्सीन की डोज उपलब्ध हैं. इसलिए वैक्सीनेशन की रफ्तार भी डोजेज के मुताबिक ही आगे बढ़ रही है. 

स्वास्थ्य विभाग के मुख्य सचिव अरुण कुमार का कहना है कि 'वैक्सीनेशन का लक्ष्य ज्यादा तो तय किया गया है लेकिन वैक्सीन की सीमित संख्या होने के कारण ऐसा हो नहीं पा रहा है. उन्होंने कहा कि 'वैक्सीन की अभी हमारे पास जो मात्रा है, उसे ध्यान में रखते हुए अगर वैक्सीनेशन की स्पीड बढ़ाते हैं, तो उस स्पीड को बरकरार रखना मुश्किल होगी और जब हमारे पास वैक्सीन नहीं होगी तो वैक्सीनेशन का मोमेंटम डिस्टर्ब हो जाएगा और फिर मोमेंटम बनाने में बहुत मेहनत लगेगी, लिहाजा वैक्सीनेशन में ब्रेक ना आए, इसे ध्यान में रखते हुए प्लानिंग कर रहे हैं.'

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झारखंड में अभी 4 लाख वैक्सीन की डोज उपलब्ध है और रोजाना करीब 1 लाख वैक्सीनेशन किया जा रहा है. यानि डोजेज के हिसाब से वैक्सीनेशन का काम सिर्फ चार दिन और चलेगा. ऐसे में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री धीमी वैक्सीनेशन के लिए केंद्र को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता (Banna Gupta) के मुताबिक, 'वैक्सीन के मामले में केंद्र का सौतेला व्यवहार हमारे लिए चिंता का विषय है.' उन्होंने कहा कि 'केंद्र से लगातार वैक्सीन की मांग की जा रही है, लेकिन केंद्र राजनीतिक नफा नुकसान देख रहा है.  झारखंड वैक्सीन मैन्युफेक्चरिंग राज्य नहीं है, लिहाजा हम पूरी तरह केंद्र पर आश्रित हैं.'

वहीं, वैक्सीन के मामले में केंद्र सरकार पर भेदभाव के आरोप पर बीजेपी (BJP) ने पलटवार किया है. झारखंड बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश (Deepak Prakash) ने वैक्सीन के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि 'वैक्सीन का सबसे ज्यादा मिस मैनेजमेंट झारखंड में हुआ. 21 जून को टीकाकरण के मामले में बीजेपी शासित राज्यों ने सबसे बेहतर प्रदर्शन किया जबकि झारखंड 16वें नम्बर पर रहा.'

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