झारखंड में Unlock की तैयारी शुरू! CM हेमंत बोले-जीवन व जीविका के संघर्ष में अब ध्यान जीविका पर है
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झारखंड में Unlock की तैयारी शुरू! CM हेमंत बोले-जीवन व जीविका के संघर्ष में अब ध्यान जीविका पर है

Jharkhand News: सीएम हेमंत सोरेन ने लोगों से पूछा कि अब आपलोग बताएं कि अनलॉक वन की प्रक्रिया कैसी हो.

 

सीएम हेमंत सोरेन ने अनलॉक पर लोगों से मांगी राय (फाइल फोटो)

Ranchi: देशभर में कोरोना की दूसरी लहर कहर बनकर टूट पड़ी. इस महामारी ने देश की स्वास्थ्य सुविधाओं की जमकर परीक्षा ली. इस दौरान झारखंड में भी स्वास्थ्य सुविधा के विस्तार पर जोर दिया गया और ऑक्सीजन (Oxygen) युक्त बेड बढ़ाए जाने के साथ कोविड अस्पतालों की संख्या भी बढ़ाई गई.

राजधानी रांची के रिम्स में बड़े पैमाने पर बेड और मेडिकल सुविधाएं कोरोना संक्रमितों के लिए बढ़ाई गई. जबकि राज्य में स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह की पाबंदियों का भी जबरदस्त असर देखने को मिला और कोरोना की कातिल रफ्तार पर ब्रेक लग गया. 

लॉकडाउन (Lockdown) से कोरोना में भारी कमी आई जिसके बाद अब प्रदेश में अनलॉक को लेकर चर्चा शुरू हो गई है. सूबे के सीएम हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने लोगों से इसको लेकर राय मांगी है और पूछा गया है कि लॉकडाउन कैसा होना चाहिए, सीएम ने ट्वीट किया, ‘स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह में आपके दिए सहयोग से हमने कोरोना की दूसरी लहर पर काबू पा लिया है. जीवन और जीविका के इस संघर्ष में अब हमारा ध्यान जीविका पर है. इसलिए आप अपने बहुमूल्य विचार कमेंट कर साझा करें कि अनलॉक 1 की प्रक्रिया कैसी होनी चाहिए.’

गौरतलब है कि कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में आई गिरावट के बाद राजधानी रांची के रिम्स और सदर अस्पताल में मरीजों  की संख्या में कमी आई है. रिम्स में केवल 193 संक्रमित भर्ती हैं जबकि रांची सदर अस्पताल में 29 कोरोना संक्रमित इलाजरत हैं.

झारखंड में 22 अप्रैल से स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह की पाबंदियां लागू की गई थी. इस दौरान अप्रैल-मई के महीने में सूबे में लगातार कोरोना केस और मौतों की संख्या बढ़ रही थी. पहला स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह 22-29 अप्रैल तक लगाया गया था, वहीं 22 से 29 अप्रैल के दौरान 13.82 प्रतिशत की दर से संक्रमित मिल रहे थे, एक सप्ताह में कुल 49,988 संक्रमित मिले थे.

दूसरा स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह 30 अप्रैल से 5 मई तक लागू रहा. इस दौरान संक्रमण पिक पर रहा था. 30 अप्रैल से 5 मई के बीच 16.45 फीसदी था संक्रमण दर तीसरे स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह में संक्रमण की दर आधी हो गई. 

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तीसरा स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह 6 मई से 13 मई तक लागू किया गया. इस दौरान कोरोना केस से लोगों को राहत मिली. संक्रमण दर 8.87 प्रतिशत रही, वहीं चौथे और पांचवें स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह में मौत की रफ्तार पर ब्रेक लगा.

चौथा और 5वां स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह संक्रमण के लिहाज से राहत भरा रहा. स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह 14 मई से शुरू हुआ और 16 मई से सख्ती की गई. ये पाबंदियां 27 मई तक जारी रही वहीं 14-27 मई के बीच संक्रमण दर में भारी कमी देखी गई. 

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संक्रमण दर घटकर 4.10 फीसदी रह गई. संक्रमित मरीजों और कोरोना से मौत की संख्या में गिरावट देखी गई. संक्रमितों से ज्यादा हुई स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या. 27 मई से 3 जून तक सुरक्षा सप्ताह बढ़ाया गया. 28 मई को सिर्फ 1.21 फीसदी संक्रमित मिले.

कुल मिलाकर देखा जाए तो झारखंड में कोरोना की दूसरी लहर पर काबू पाने के बाद अब सरकार लोगों की जीविका के बारे में भी सोच रही है और लोगों से मिले सुझाव के बाद सरकार अनलॉक की ओर कदम बढ़ा सकती है.

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