Bihar Samachar: सोनी लिव पर महारानी वेब सीरीज आज यानी 28 मई को रिलीज हो गया है.
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Patna: रोहिणी आचार्य ने आज (28 मई को ) महारानी वेब सीरीज के रिलीज होने के साथ ही विवाद शुरू हो गया है. लालू यादव की बेटी रोहिणी ने इस वेब सीरीज को पूर्व सीएम राबड़ी देवी से जोड़े जाने पर जोरदार विरोध किया है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर रोहिणी आचार्य का गुस्सा फूटा है.
रोहिणी ने इस वेब सीरीज की आलोचना की है. इसके साथ ही अपनी मां राबड़ी देवी के शासन काल को अनपढ़ महिला राज कहकर मजाक उड़ाने वाले लोगों को भी रोहिणी ने मुंहतोड़ जवाब दिया है. इसके साथ ही राबड़ी के शासन काल की आलोचना करने वाले लोगों व फिल्म बनाने वाले लोगों को नाम लिए बिना रोहिणी ने राक्षस तक कह दिया.
रोहिणी ने ट्वीट कर कहा, 'बालिका गृह कांड भी एक धारावाहिक का हिस्सा नहीं था..लेकिन वो बिहार के इतिहास में दर्ज हुआ ऐसा काला धब्बा है, जो पढ़े-लिखे बुद्धिजीवी द्वारा रचा गया राक्षसी कारनामा है...राबड़ी देवी के राज को अनपढ़ महिला का राज कहकर उपहास उड़ाने वालों ने पढ़-लिखकर और बुद्धिजीवी बनकर क्या कर लिया? उन्होंने तो मानवता को भुलाकर राक्षसी प्रवृत्ति अपनाकर बच्चियों की इज्जत लूट ली.'
बालिकाग्रह कांड भी..
एक धारावाहिक का हिस्सा नहीं था..
बिहार के इतिहास में दर्ज हुआ
एक ऐसा काला धब्बा है
पढ़े-लिखे बुद्धिजीवी के ही द्वारा.
रचा गया राक्षसी कारनामा है..!
नोट..
श्रीमती राबड़ी देवी जी के राज को अनपढ़ महिला कहकर उपहास उड़ाने वाले उन बुद्धिजीवी राक्षसों का जवाब है.. pic.twitter.com/0Ca7Zy3tJt— Rohini Acharya (@RohiniAcharya2) May 30, 2021
इसके साथ ही एक अन्य ट्वीट में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की तस्वीर साझा कर उनकी बेटी रोहिणी आचार्य ने कहा कि उनके पिता भले ही किसी को स्वर्ग न दिला पाएं हों लेकिन उन्होंने समाज के दबे-कुचले व पिछड़े लोगों को स्वर देने का काम तो जरूर किया है.
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साथ ही रोहिणी ने यह भी कहा कि आजादी के बाद समाज का वह तबका जिसके पास सम्मानजनक जीवन जीने का अधिकार नहीं था, लालू यादव ने उसे वह अधिकार दिलाने का काम किया है.
सोमवार को एक ट्वीट कर रोहिणी आचार्य ने कहा, 'स्वर्ग नहीं दे पाए तो..स्वर हमने तो दिया था..आजादी के 50 साल बाद भी..जिनके पास ना खेत था ना घर था..ना ही जीवन जीने का सम्मान-जनक अधिकार था..अगर हमने उनको अधिकार दिया..तो संघियों ने जंगलराज के जुमले में..हमें बदनाम कर..सलाखों के पीछे कैद किया.'