Sadar Hospital: सूत्रों की मानें तो जिस प्रेगनेंसी टेस्ट किट से प्रेगनेंसी महिलाओं की जांच की जा रही है. वह टेस्ट नेगेटिव बता रहा है, लेकिन जैसे ही निजी लैब में जांच करते है तो वह पॉजिटिव रिपोर्ट आ रही है. यह मामला किसी एक महिला के साथ नहीं है बल्कि अस्पताल में आने वाली हर महिला के साथ ऐसा हो रहा है. कई महिला तो ऐसी थी जिसकी रिपोर्ट बहुत ही अजीब आई.
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गढ़वा: झारखंड स्वास्थ्य विभाग में महिलाओं की सुविधा के लिए सभी अस्पतालों में प्रेगनेंसी टेस्ट किट की शुरुआत की थी. पिछले कुछ दिनों से गढ़वा जिले के सदर अस्पताल में लैब प्रेगनेंसी टेस्ट किट होने के बाद भी महिलाओं को स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. दरअसल, प्रेगनेंसी टेस्ट किट कमीशन खोरी की भेंट चढ़ गया है.
दरअसल, सूत्रों की मानें तो जिस प्रेगनेंसी टेस्ट किट से प्रेगनेंसी महिलाओं की जांच की जा रही है. वह टेस्ट नेगेटिव बता रहा है, लेकिन जैसे ही निजी लैब में जांच करते है तो वह पॉजिटिव रिपोर्ट आ रही है. यह मामला किसी एक महिला के साथ नहीं है बल्कि अस्पताल में आने वाली हर महिला के साथ ऐसा हो रहा है. कई महिला तो ऐसी थी जिसकी रिपोर्ट बहुत ही अजीब आई. बता दें कि एक महिला 4 महीने में चार बार प्रेगनेंसी टेस्ट कराने सदर अस्पताल पहुंची. चारों बार लैब टेक्नीशियन के द्वारा रिपोर्ट नेगेटिव बताई गई. जब महिला को अस्पताल के रिपोर्ट से भरोसा नहीं हुआ तो महिला ने एक निजी लैब में जाकर जांच कराई. रिपोर्ट आने पर पता चला कि उसके पेट में चार माह का बच्चा पल रहा है. अस्पताल की रिपोर्ट से आम लोगों को पहले से ही संदेह था, पहले भी गर्भवती महिलाएं जब हीमोग्लोबिन जांच करती है तो रिपोर्ट में हीमोग्लोबिन कम बताता है.
अस्पताल में आने वाले मरीज इससे परेशान तो थे ही इसी बीच स्वास्थ्य विभाग के एक नया कारनामा भी सामने आ गया. लेकिन इस बार अस्पताल प्रबंधन के इस कारनामे से लोगों में काफी आक्रोश था. इस मामले की जानकारी जैसे ही लैब टैकनिशियन को मिली, तो उन्होंने तुरंत इसकी जानकारी उच अधिकारी को दी.
गढ़वा के सदर अस्पताल लैब टैकनिशियन सुबोध कुमार का कहना है कि प्रेगनेंसी टेस्ट किट के बारे में शिकायत मिली थी. स्टाफ ने भी बताया था कि टेस्ट किट में गड़बड़ी है और लगातार शिकायतें मिल रही है. पॉजिटिव को नेगेटिव और नेगेटिव को पॉजिटिव रिपोर्ट आ रही है. फिलहाल सभी किट को तत्काल हटा दिया है. अब नए किट के माध्यम से ही जांच की जा रही है.
इनपुट- आशीष प्रकाश राजा
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