IAS Puja Singhal Case: न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति अभय एस ओका की पीठ ने सिंघल की मुख्य जमानत याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय को तीन सप्ताह में जवाब देने के निर्देश दिए हैं.
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रांचीः IAS Puja Singhal Case: सु्प्रीम कोर्ट ने झारखंड कैडर की आइएएस पूजा सिंघल को बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने निलंबित अफसर को उनकी बीमार बेटी की देखभाल के लिए अंतरिम जमानत दी है. भारतीय प्रशासनिक सेवा की निलंबित अफसर पूजा सिंघल मनरेगा घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग केस में पिछले 8 महीने से जेल में बंद थी. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत भले भले ही दी है, लेकिन इसमें शर्त भी लगा रखी है. उन्हें एक माह की अंतरिम जमानत दी गई है. मंगलवार को जस्टिस एसके कौल और जस्टिस अभय ओका की खंडपीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि जमानत अवधि के दौरान पूजा सिंघल दिल्ली-एनसीआर से बाहर नहीं जा सकतीं.
अदालत ने लगाई हैं शर्तें
जानकारी के मुताबिक, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति अभय एस ओका की पीठ ने सिंघल की मुख्य जमानत याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय को तीन सप्ताह में जवाब देने के निर्देश दिए हैं. शीर्ष अदालत ने सिंघल की याचिका सुनवाई के लिए छह फरवरी के लिए सूचीबद्ध की है. इसके अलावा अदालत ने कुछ शर्तें भी लगाई हैं. यह भी कहा कि' जब तक शहर में मामला सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है, वह रांची नहीं जाएंगी.' पूजा सिंघल 11 मई से हिरासत में थीं. ईडी ने पूजा सिंघल पर धन शोधन का आरोप लगाया है. ईडी ने कहा कि उसने धन शोधन से जुड़े दो मामलों की जांच के दौरान कथित अवैध खनन से जुड़ी 36 करोड़ से अधिक की नकदी जब्त की है.
6 मई को ED ने मारा था छापा
बीते 6 मई को ईडी ने पूजा सिंघल के आवास और उनसे जुड़े दो दर्जन से भी ज्यादा ठिकानों पर ईडी की टीम ने छापेमारी की थी. इस दौरान उनके पति के सीए सुमन कुमार के ठिकानों से 19 करोड़ से ज्यादा कैश बरामद किया गया था. इस मामले में पूछताछ के बाद ईडी ने 11 मई को पूजा सिंघल को गिरफ्तार कर लिया था. इसके बाद ईडी ने उन्हें रिमांड पर लेकर कई दिनों तक पूछताछ की थी.
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