साउथ अफ्रीका के खिलाफ विराट कोहली टी-20 वर्ल्डकप में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज बन सकते हैं. विराट इस कीर्तिमान से सिर्फ 27 रन दूर हैं. फिलहाल वर्ल्डकप में सबसे ज्यादा रन श्रीलंका के पूर्व कप्तान महेला जयवर्द्धने के नाम दर्ज हैं.
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Ranchi: भारत-साउथ अफ्रीका के बीच मुकाबला पर्थ के ऑप्टस स्टेडियम में खेला जाएगा. भारत पहली बार पर्थ के इस नए स्टेडियम में खेलेगा. इस मैच में शानदार फॉर्म में रहे विराट कोहली पर सभी की निगाह टिकी होगी. इस मैच में वो एक और बड़ा रिकॉर्ड अपने नाम कर सकते हैं.
बना सकते हैं ये रिकॉर्ड
साउथ अफ्रीका के खिलाफ विराट कोहली टी-20 वर्ल्डकप में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज बन सकते हैं. विराट इस कीर्तिमान से सिर्फ 27 रन दूर हैं. फिलहाल वर्ल्डकप में सबसे ज्यादा रन श्रीलंका के पूर्व कप्तान महेला जयवर्द्धने के नाम दर्ज हैं. जिन्होंने टी-20 वर्ल्डकप के 31 मैचों में 1016 रन बनाए हैं. दूसरे नंबर पर काबिज विराट कोहली 23 मैचों की 21 पारियों में 989 रन बना चुके हैं. 33 मैचों में 965 रन के साथ द यूनिवर्सल बॉस क्रिस गेल तीसरे स्थान पर हैं और उनके ठीक पीछे रोहित शर्मा हैं जो 35 मैचों की 32 पारियों में 904 रन बना चुके हैं.
विराट हैं शानदार फॉर्म में
विराट कोहली इस टी20 वर्ल्डकप में शानदार फॉर्म में हैं और वो अभी तक आउट नहीं हुए हैं. उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ विराट ने 53 गेंदों में नाबाद 82 रन की पारी खेली थी और नीदरलैंड के खिलाफ दूसरे मुकाबले में नाबाद 62 रन बनाए. ऐसे में अब विराट की नजर वर्ल्ड रिकॉर्ड के साथ-साथ तीसरे मुकाबले में भी कम से कम अर्धशतक बनानेपर होगी.
पर्थ की पिच पर होगी परीक्षा
वाका कई दशकों तक पर्थ में पारंपरिक मैच स्थल रहा है लेकिन अब मैच नवनिर्मित ऑप्टस स्टेडियम में खेले जाते हैं. स्टेडियम भले ही बदल गया हो लेकिन पिच का व्यवहार नहीं बदला है. यहां की पिच में भी तेजी और उछाल है जिससे बल्लेबाजों को कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ता है. ऐसे में विश्व के दो खतरनाक तेज गेंदबाजों रबाडा और नोर्किया के सामने रोहित शर्मा, केएल राहुल, विराट कोहली और सूर्यकुमार यादव की कड़ी परीक्षा होगी.
रबाडा 145 किमी की रफ्तार से गेंद को स्विंग कराने में माहिर हैं जबकि नॉर्खिये 150 किमी की रफ्तार से गेंद कराते हैं. ऐसे में इन दोनों गेंदबाजों का सामना करने के लिए पावरप्ले के ओवरों में हाथ और आंख का तालमेल महत्वपूर्ण होगा. पिच से मिलने वाली अतिरिक्त उछाल के कारण बल्लेबाजों के पास शॉट खेलने के लिए समय कम होगा और यह देखना दिलचस्प होगा कि भारतीय बल्लेबाज ऐसी परिस्थितियों में कैसा रवैया अपनाते हैं.