Bihar News: नवादा और तिलैया के बीच ही ट्रैक के दोहरीकरण का काम बाकी है. इसके अलावा किऊल से गया तक ट्रैक दोहरीकरण का शुरुआती चरण शेखपुरा तक पहले ही पूरा हो चुका है. लखीसराय से शेखपुरा तक दोनों ट्रैक पर ट्रेनें नवंबर 2022 से ही चलने लगी थी.
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शेखपुरा: बिहार के गया और किऊल के बीच रेलवे ट्रैक के दोहरीकरण का काम तेजी से पूरा हो रहा है. रेलवे के अनुसार अब लखीसराय से शेखपुरा के रासते नवादा तक दोनों ट्रैक पर ट्रेनें बिना किसी रुकावट के चलेंगी. वारिसलीगंज से नवादा तक ट्रैक के दोहरीकरण का काम पूरा हो गया है और रेलवे सुरक्षा आयुक्त से मंजूरी मिलने के बाद इस नए ट्रैक पर ट्रेनें चलने लगी हैं. रेलवे अधिकारियों का कहना है कि किऊल से गया तक अब सिर्फ 17 किलोमीटर ट्रैक का दोहरीकरण बाकी है, जिसे आने वाले कुछ महीनों में पूरा करने की उम्मीद है.
जानकारी के लिए बता दें कि नवादा और तिलैया के बीच ही ट्रैक के दोहरीकरण का काम बाकी है. इसके अलावा किऊल से गया तक ट्रैक दोहरीकरण का शुरुआती चरण शेखपुरा तक पहले ही पूरा हो चुका है. लखीसराय से शेखपुरा तक दोनों ट्रैक पर ट्रेनें नवंबर 2022 से ही चलने लगी थीं. लेकिन रेलवे यात्री संघ के अध्यक्ष रंजीत कुमार उर्फ बुद्धन भाई ने लखीसराय और शेखपुरा के बीच रेल लाइन का दोहरीकरण होने के बावजूद पतनेर और सिरारी स्टेशनों पर पैसेंजर ट्रेनों के लंबे समय तक रुकने पर आपत्ति जताई है.
रंजीत कुमार ने रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों से आग्रह किया है कि इन स्टेशनों पर पैसेंजर ट्रेनों का अनावश्यक ठहराव तुरंत समाप्त किया जाए. उनका कहना है कि इस तरह की रुकावटों से यात्रियों को काफी असुविधा होती है. उन्होंने नवादा और तिलैया के बीच रेलवे ट्रैक का दोहरीकरण का काम भी जल्द पूरा करने का अनुरोध किया है, ताकि इस रूट पर लंबी दूरी की ट्रेनों का परिचालन सुगम हो सके और यात्री बिना किसी परेशानी के अपने गंतव्य तक पहुंच सकें.
इस दोहरीकरण से ट्रेन सेवाओं में सुधार होगा और यात्रियों का सफर आसान और तेज हो जाएगा. दोहरीकरण का मतलब है कि एक ही मार्ग पर दो ट्रैक होंगे, जिससे ट्रेनों के आने-जाने में कोई दिक्कत नहीं होगी. इससे ट्रेनों की संख्या भी बढ़ेगी और देरी की समस्या भी कम होगी. विशेषकर यह दोहरीकरण माल ढुलाई के लिए भी महत्वपूर्ण है, जिससे मालवाहक गाड़ियों का परिचालन बेहतर तरीके से हो सकेगा. रेलवे अधिकारी लगातार इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं और जल्द ही बचे हुए ट्रैक का दोहरीकरण पूरा करने की योजना बना रहे हैं. इसके साथ ही रेलवे यात्री संघ और स्थानीय लोग इस बात की भी उम्मीद कर रहे हैं कि नवादा और तिलैया के बीच का काम जल्दी से जल्दी पूरा हो, ताकि पूरे मार्ग पर ट्रेनों का संचालन बिना किसी बाधा के सुचारू रूप से हो सके.
ट्रैक दोहरीकरण के इस प्रोजेक्ट से न सिर्फ यात्रियों को लाभ होगा, बल्कि क्षेत्र की आर्थिक स्थिति पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. व्यापारियों को अपने माल की ढुलाई में सहूलियत होगी और यात्रा करने वाले लोगों के समय की भी बचत होगी. रेलवे की यह पहल क्षेत्र के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी. इसके सफलतापूर्वक पूरा होने से आने वाले समय में इस मार्ग पर अधिक ट्रेनों का संचालन संभव हो सकेगा, जिससे यात्रियों की संख्या में भी वृद्धि होगी. कुल मिलाकर यह दोहरीकरण प्रोजेक्ट क्षेत्र के लोगों के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगा और उनकी यात्रा को और भी सुगम और आरामदायक बनाएगा.
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