असम सरकार ने सरकारी पैसों से धार्मिक शिक्षा बंद करने का फैसला लिया है. सरकार का कहना है कि जनता के पैसों की फिजूलखर्ची अब नहीं होगी. ये आदेश असम के संस्कृत स्कूलों के अलावा मदरसों पर भी लागू होगा. सोमवार को सरकार ने इससे संबंधित बिल भी सदन में पेश कर दिया है.
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गुवाहाटी: सभी सरकारी मदरसों (Madrasa) को बंद करने और उन्हें स्कूलों में बदलने संबंधी विधेयक को आज असम सरकार (Assam Government) ने विधान सभा में पेश कर दिया है. विपक्ष की आपत्ति के बावजूद शिक्षा मंत्री हेमंत बिस्व सरमा ने विधान सभा के तीन दिवसीय शीतकालीन सत्र के पहले दिन इसे पेश किया है.
'असम निरसन विधेयक 2020' में दो मौजूदों कानूनों असम मदरसा शिक्षा (प्रांतीयकरण) कानून, 1995 और असम मदरसा शिक्षा (कर्मचारियों की सेवा का प्रांतीयकरण और मदरसा शिक्षण संस्थानों का पुनर्गठन) कानून, 2018 को निरस्त करने का प्रस्ताव दिया गया है.
शर्मा ने कहा, ‘विधेयक निजी मदरसे पर नियंत्रण और उनको बंद करने के लिए नहीं है. उन्होंने कहा कि विधेयक के 'लक्ष्यों और उद्देश्यों के बयान' में 'निजी' शब्द गलती से शामिल हो गया. उन्होंने कहा कि सभी मदरसे उच्च प्राथमिक, उच्च और माध्यमिक स्कूलों में बदले जाएंगे और शिक्षक तथा गैर शिक्षण कर्मचारियों के वेतन, भत्ते और सेवा शर्तों में कोई बदलाव नहीं होगा.
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शिक्षा मंत्री हेमंत बिस्व सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने अक्टूबर में कहा था कि असम में 610 सरकारी मदरसे हैं और सरकार इन संस्थानों पर प्रति वर्ष 260 करोड़ रुपये खर्च करती है. उन्होंने कहा था कि राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड असम को भंग कर दिया जाएगा. जिसके बाद ये पूरा पैसा सरकार किसी दूसरे कार्यों में खर्च करेगी.
मंत्री ने कहा था कि सभी सरकारी मदरसे को उच्च विद्यालयों में तब्दील कर दिया जाएगा और वर्तमान छात्रों के लिए नया नामांकन नियमित छात्रों की तरह होगा. सरमा के मुताबिक संस्कृत स्कूलों को कुमार भास्कर वर्मा संस्कृत और प्राचीन अध्ययन विश्वविद्यालय को सौंप दिया जाएगा. उन्होंने कहा था कि संस्कृत स्कूलों के ढांचे का इस्तेमाल उन्हें भारतीय संस्कृति, सभ्यता और राष्ट्रवाद के शिक्षण एवं शोधन केंद्रों की तरह किया जाएगा.
भाजपा के वरिष्ठ नेता और विधानसभा के उपाध्यक्ष अमीनुल हक लश्कर ने कहा था कि निजी मदरसों को बंद नहीं किया जाएगा. लश्कर ने नवंबर में कछार जिले में एक मदरसे की आधारशिला रखते हुए कहा था, ‘निजी मदरसों को बंद नहीं किया जाएगा.’
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