बायोमीट्रिक अटेनडेंस: चूकने वालों की लिस्ट में सबसे ज्यादा रक्षा मंत्रालय के अधिकारी
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बायोमीट्रिक अटेनडेंस: चूकने वालों की लिस्ट में सबसे ज्यादा रक्षा मंत्रालय के अधिकारी

जिन सरकारी प्रतिष्ठानों के कर्मचारी आधार पर आधारित बायोमीट्रिक प्रणाली के जरिये अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में चूक करते हैं उन प्रतिष्ठानों की सूची में रक्षा मंत्रालय सबसे ऊपर है।

नई दिल्ली : जिन सरकारी प्रतिष्ठानों के कर्मचारी आधार पर आधारित बायोमीट्रिक प्रणाली के जरिये अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में चूक करते हैं उन प्रतिष्ठानों की सूची में रक्षा मंत्रालय सबसे ऊपर है।

रक्षा मंत्रालय से संबद्ध 27 विभागों और संगठनों के तथा वित्त मंत्रालय और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के 9-9 विभागों के ज्यादातर कर्मचारी अपनी हाजिरी उस इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली के जरिये नहीं दर्ज कराते जो राजग सरकार ने शुरू की। इसके मद्देनजर कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने एक आदेश जारी कर विभाग प्रमुखों से अपने कर्मचारियों को बायोमीट्रिक प्रणालियों के जरिये उपस्थिति दर्ज कराने को कहा है।

केंद्र सरकार के 169 कार्यालयों के कर्मचारियों के उपस्थिति दर्ज कराने और उपस्थिति दर्ज न कराने संबंधी आंकड़े भी कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के आदेश के साथ जारी किए गए। सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा तैयार आंकड़े बताते हैं कि डीआरडीओ के 540 में से किसी भी कर्मचारी ने उपस्थिति दर्ज नहीं कराई।

इंजीनियर-इन-चीफ विभाग में 746 कर्मचारी हैं लेकिन यहां उपस्थिति संख्या शून्य है। कार्मिक सेवाएं अतिरिक्त महानिदेशालय (एडीशनल डायरेक्टॅरेट जनरल पर्सनल सर्विसेज) में 150 कर्मचारी हैं और इतिहास विभाग में 20 कर्मचारी हैं। ये सभी विभाग रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत काम करते हैं।

इसमें बताया गया है कि कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के पंजीकृत 736 कर्मचारियों में से केवल 576 ने ही अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। रेलवे के 2133 कर्मचारियों, राजस्व विभाग के 761 कर्मचारियों और नीति आयोग के 750 कर्मचारियों (हालांकि सूची में कार्यालय का नाम योजना आयोग लिखा है) ने इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली के जरिये अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

आंकड़ों के मुताबिक, गृह मंत्रालय के तहत आने वाले महापंजीयक एवं जनगणना आयुक्त कार्यालय में पंजीकृत 419 कर्मचारियों तथा ओ एस निदेशालय (सेना) में पंजीकृत 70 कर्मचारियों में से किसी ने भी प्रणाली के जरिये अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं कराई। इन विभागों में क्रमश: कुल 2830, 1080 और 971 कर्मचारी पंजीकृत हैं।

इसमें आगे कहा गया है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) में पंजीकृत 195 कर्मचारियों में से किसी ने भी प्रणाली के जरिये अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं कराई। केंद्र सरकार के सभी कर्मचारियों की उपस्थिति का आधिकारिक रिकॉर्ड रखने वाले इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने कर्मचारियों की बायोमीट्रिक प्रणाली पर 78 फीसदी उपस्थिति दर्ज की जब 958 कर्मचारियों में से 748 ने इस प्रौद्योगिकी का उपयोग किया। आंकड़ों में आगे कहा गया है कि इसी तरह विभिन्न विभागों में बायोमीट्रिक प्रणाली के जरिये उपस्थिति दर्ज कराने में चूक करने वाले कर्मचारी कई हैं।

केंद्र ने पिछले साल के आखिर में देश भर में अपने सभी कार्यालयों, संबद्ध कार्यालयों एवं अधीनस्थ कार्यालयों में आधार आधारित बायोमीट्रिक उपस्थिति प्रणाली का उपयोग करने का फैसला किया था। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग द्वारा हाल ही में जारी एक आदेश में कहा गया है सभी कर्मचारियों के लिए प्रणाली में स्वयं को पंजीकृत कराना और फिर अपनी उपस्थिति दर्ज कराना अनिवार्य है। विलंब से हाजिरी या अनधिकृत तरीके से गैर हाजिरी के मामलों से निपटने के लिए दिशानिर्देश पहले से ही मौजूद हैं जिनका पालन किया जा सकता है।

आदेश में आगे कहा गया, यह आग्रह किया जाता है कि सभी कर्मचारियों को नियमित आधार पर बीएएस पोर्टल में उनकी हाजिरी दर्ज कराने के लिए आवश्यक निर्देश जारी किये जाए। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के एक अन्य आदेश के अनुसार, बायोमीट्रिक हाजिरी प्रणाली केवल एक समर्थित मंच है। कार्यालय के घंटे, विलंब से हाजिरी आदि के बारे में दिशानिर्देशों में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है जो लागू होते रहेंगे।

वर्तमान दिशानिर्देशों के अनुसार, देर से आने पर प्रत्येक दिन में से आधे दिन की आकस्मिक छुट्टी काटी जाए। लेकिन महीने में केवल दो बार ठोस कारणों के चलते एक घंटे से अधिक विलंब होने पर संबद्ध प्राधिकारी इसमें छूट दे सकता है। दिशानिर्देशों में कहा गया है, अक्सर विलंब से आने वाले सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जा सकती है। कार्यालय से जल्दी चले जाने को भी विलंब से आने की तरह ही माना जाएगा। देश भर में केंद्र सरकार के करीब 31 लाख कर्मचारी काम कर रहे हैं।

 

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