तेजस्वी यादव की तारीफ करने वाली शिव सेना पर बीजेपी का पलटवार, कांग्रेस को भी घसीटा
Advertisement

तेजस्वी यादव की तारीफ करने वाली शिव सेना पर बीजेपी का पलटवार, कांग्रेस को भी घसीटा

शिव सेना की तरफ से तेजस्वी यादव की तारीफ करना बीजेपी को पसंद नहीं आया. बीजेपी नेता राम कदम ने शिव सेना पर न सिर्फ पलटवार किया, बल्कि कांग्रेस को भी लपेटे में ले लिया.

फाइल फोटो

मुंबई: शिव सेना की तरफ से तेजस्वी यादव की तारीफ करना बीजेपी को पसंद नहीं आया. बीजेपी नेता राम कदम ने शिव सेना पर न सिर्फ पलटवार किया, बल्कि कांग्रेस को भी लपेटे में ले लिया. राम कदम ने तेजस्वी को हीरो बताने पर राहुल गांधी को जीरो कह दिया.

  1. सामना में तेजस्वी यादव की तारीफ पर बीजेपी का पलटवार
    बीजेपी नेता राम कदम ने कांग्रेस को भी घसीटा
    नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाना जनादेश का अपमान बताया था

बीजेपी ने किया शिवसेना पर पलटवार
बीजेपी नेता राम कदम (Ram Kadam) ने शिवसेना पर करारा हमला बोलते हुए कहा कि शिवसेना अगर तेजस्वी को हीरो बोलती है, तो इसका मतलब है कि राहुल गांधी जीरो है. ऐसे में क्या कांग्रेस पार्टी के नेता शिवसेना को जवाब देंगे? इसके साथ ही राम कदम ने कहा कि जिस पार्टी के संस्थापक बाला साहेब ठाकरे ने कहा था कि अगर उन्हें कांग्रेस के साथ जाना होगा, तो वे पार्टी खत्म कर देंगे. जिस शिवसेना ने अपने संस्थापक की बात नहीं मानी वो बीजेपी को कैसे बोल सकते है?

शिव सेना ने की थी तेजस्वी यादव की तारीफ
शिव सेना (Shivsena) के मुखपत्र सामना में एक तरफ आरजेडी नेता तेजस्वी यादव (RJD Leader Tejashwi Yadav) की खूब वाह-वाही की गई है तो दूसरी तरफ नीतीश कुमार को जमकर खरी-खोटी सुनाई गई है. सामना में तेजस्वी यादव को बिहार और देश का भविष्य बताया गया है. सामना में लिखा है  बिहार में भाजपा और राष्ट्रीय जनता दल, इन दो विपरीत विचारधारा वाली पार्टियों को सफलता मिली है. इसमें नीतीश कुमार और उनकी पार्टी कहीं नहीं है. मुख्यमंत्री के रूप में जनता द्वारा झिड़क दिए जाने पर मुख्यमंत्री पद पर उन्हें लादना एक प्रकार से जनमत का अपमान है. इस परिस्थिति में तीसरे क्रमांक पर फेंके जा चुके नीतीश कुमार मुख्यमंत्री के रूप में आगे बढ़ेंगे, तो यह उनके राजनीतिक करियर की शोकांतिका साबित होगी. यह हारे हुए पहलवान को जीत का पदक देने जैसा समारोह साबित होगा.

तेजस्वी को बताया था असली विजेता
तेजस्वी की तारीफ करते हुए लिखा गया कि ‘एनडीए’ के हाथ फिसलती जीत लगी है और असली विजेता 31 वर्षीय तेजस्वी यादव ही हैं. तेजस्वी की राष्ट्रीय जनता दल पार्टी बिहार में पहले क्रमांक की पार्टी साबित हुई. यह भाग्य भाजपा को नहीं मिल पाया इसलिए सत्ता बचाने का आनंद जरूर मनाया जा सकता है पर जीत का सेहरा तेजस्वी यादव के सिर पर ही है. आर-पार की लड़ाई में नीतीश कुमार के नेतृत्व में गठबंधन को 125 सीटें मिलीं. विधानसभा में 243 विधायक हैं इसलिए बहुमत 122 का है. प्रधानमंत्री मोदी और नीतीश कुमार की जीत कितनी बारीक है, इसे समझ लें. तेजस्वी यादव के महागठबंधन को 110 सीटें मिलीं. उनकी आठ सीटें 100 से 300 वोटों के अंतर में हाथ से निकल गई. तेजस्वी यादव की तेजतर्रार प्रतिमा बिहार के विधानसभा चुनाव में तप कर निखरी है.

बिहार ही नहीं, देश को मिला जुझारू नेता: सामना
सामना में लिखा है कि तेजस्वी (Tejashwi) के रूप में सिर्फ बिहार ही नहीं, बल्कि देश को एक जुझारू युवा नेता मिला है. वह अकेले लड़ता रहा। वह विजय के शिखर पर पहुंचा. वह भले जीता ना हो लेकिन उसने हार नहीं मानी. देश के राजनीतिक इतिहास में इस संघर्ष को लिखा जाएगा. बिहार में रोटी सेंकी जा सकेगी, ऐसा लग रहा था. लेकिन रोटी जल चुकी है. तेजस्वी यादव थोड़ी प्रतीक्षा करें, भविष्य उनका ही है.

Trending news