कौन हैं बीजेपी नेता नेता वीरेंद्र बापना? डेंगू से हुई मौत
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कौन हैं बीजेपी नेता नेता वीरेंद्र बापना? डेंगू से हुई मौत

बीजेपी नेता वीरेंद्र बापना की डेंगू की रिपोर्ट पहले निगेटिव आई थी, लेकिन दोबारा जांच करने पर उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई. आनन-फानन में उन्‍हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी मौत हो गई.

कौन हैं बीजेपी नेता नेता वीरेंद्र बापना? डेंगू से हुई मौत

Who is Virendra Bapna: डेंगू से मच्छरों का आतंक बढ़ता जा रहा है और लोग लगातार इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. इस बीच उदयपुर में पूर्व उप सभापति भाजपा नेता वीरेंद्र बापना की डेंगू से मौत हो गई है. वीरेंद्र बापना की डेंगू की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उनकी तबीयत बिगड़ने लगी. आनन-फानन में उन्‍हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया. बता दें कि पहले उनकी डेंगू की रिपोर्ट निगेटिव आई थी. मगर दोबारा जांच करने पर उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई.

कौन हैं वीरेंद्र बापना?

वीरेंद्र बापना की तीन बेटियां हैं. वह दो बार उदयपुर नगर परिषद के उपसभापति रह चुके हैं. बाद में नगर परिषद को उदयपुर नगर निगम में तब्दील कर दिया गया. बापना 1999 से 2004 और 2004 से 2009 तक उदयपुर नगर परिषद के उपसभापति रहे। वह 1997 से 1999 तक होटल एसोसिएशन उदयपुर के अध्यक्ष भी रहे. वीरेंद्र बापना 1979 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े होने के दौरान सुखाड़िया विश्वविद्यालय की छात्रसंघ कार्यकारिणी में सांस्कृतिक मंत्री भी रहे. बापना भारतीय जनता पार्टी के उत्तर संभाग के अध्यक्ष भी रहे.

वीरेंद्र वापना के निधन पर भाजपा शहर जिला अध्यक्ष रविन्द्र श्रीमाली, देहात जिला अध्यक्ष चन्द्रगुप्त सिंह चौहान, पूर्व सभापति युधिष्ठिर कुमावत, पूर्व महापौर रजनी डांगी, चन्द्र सिंह कोठारी सहित अन्य कार्यकर्ताओं ने श्रद्धांजलि अर्पित की.

राजस्थान में डेंगू का आतंक

इससे पहले उदयपुर की आरएएस अधिकारी तारू सुराणा (42) की 5 अक्टूबर को डेंगू से मौत हो गई थी. तबीयत बिगड़ने पर उन्हें एयरलिफ्ट कर चेन्नई ले जाया गया था, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. चित्तौड़गढ़ की बड़ी सादड़ी पंचायत समिति की पूर्व प्रधान चेतना मेघवाल (40) की भी डेंगू से मौत हो गई. उन्हें 10 दिन पहले उदयपुर रेफर किया गया था. उन्हें उदयपुर के एक निजी अस्पताल में दो दिन तक आईसीयू वार्ड में रखा गया था, लेकिन तबीयत में सुधार नहीं हुआ. प्लेटलेट्स कम होने के कारण उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया और बाद में उनकी मौत हो गई.

25 सितंबर को जयपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती ज्योति मीना की भी डेंगू से मौत हो गई थी. वह दौसा के सरकारी अस्पताल में तैनात थीं. जयपुर में सोमवार तक कुल 1,166 मरीज डेंगू से संक्रमित पाए गए, जबकि उदयपुर में 1,052 और बीकानेर में 777 मरीज डेंगू से संक्रमित पाए गए.
(इनपुट- न्यूज़ एजेंसी आईएएनएस)

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