उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में होने वाले पंचायत चुनाव के लिए रणनीति दिल्ली से तैयार की जा रही है. 22 फरवरी को राष्ट्रीय संगठन मंत्री बीएल संतोष की बैठक में कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया गया है.
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नई दिल्ली/लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत में सफलता हासिल करने के लिए बीजेपी (BJP) ने मास्टर प्लान तैयार किया है. किसान आंदोलन के जरिए जहां विपक्ष सरकार के खिलाफ माहौल तैयार करने में जुटा है, वहीं इसकी काट के लिए बीजेपी ने हर छोटे-बड़े नेताओं को मैदान में उतार कर उपलब्धियां गिनाकर अपने पक्ष में माहौल बनाने का फैसला लिया है. विधान सभा से पूर्व पंचायत चुनावों को पूर्वाभ्यास मानकर बीजेपी तैयारियों पर फोकस कर रही है. बीजेपी से मिली जानकारी के अनुसार, 2 मार्च तक जिला पंचायतों की बैठक पूरी हो जाएंगी. इसके बाद 10 मार्च तक ग्रामसभाओं में चुनावी रणनीति तैयार होगी. 10 से 18 तक बूथों तक ग्राम चौपालों के जारिए अभियान चलेगा.
चौपालों के माध्यम से योजनाएं गिनाएंगे
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में होने वाले पंचायत चुनाव के लिए रणनीति दिल्ली से तैयार की जा रही है. 22 फरवरी को राष्ट्रीय संगठन मंत्री बीएल संतोष की बैठक में कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया गया है. बीजेपी (BJP) नेतृत्व ने तय किया है कि कृषि कानूनों (Farm Law 2020) को लेकर विपक्ष के आरोपों में उलझने के बजाय पंचायत चुनाव में जबरदस्त जीत पर फोकस किया जाए. 19 मार्च को योगी सरकार के 4 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में व्यापक अभियान चलाया जाएगा. ग्रामसभा स्तर पर लगातार 5 से 10 मार्च तक कार्यक्रम चलेंगे. इसके बाद ग्राम चौपालों के माध्यम से भाजपा पीएम मोदी (PM Modi) और सीएम योगी (CM Yogi) सरकार की उपलब्धियां गिनाएगी.
किसान आंदोलन से कोई फर्क नहीं
बीजेपी के प्रदेश महामंत्री अमरपाल मौर्या ने बताया कि सभी जिलों में वार्ड के अनुसार बैठकें चल रही हैं. 5 से 10 मार्च तक ग्राम प्रमुखों की बैठकें होनी हैं. सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. सभी पदाधिकारी जिले-जिले प्रवास कर रहे हैं. इस चुनाव में भाजपा ऐतिहासिक जीत दर्ज करेगी. उन्होंने कहा, किसान आंदोलन (Farmers Protest) से कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है. क्योंकि किसानों के लिए जितना मोदी सरकार ने काम कर दिया है, उतना पिछले 70 सालों में नहीं हो सका है.
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