'1000 वर्षों के लिए हुई राम राज्य की शुरुआत..', BJP अधिवेशन में राम मंदिर पर प्रस्ताव पारित
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'1000 वर्षों के लिए हुई राम राज्य की शुरुआत..', BJP अधिवेशन में राम मंदिर पर प्रस्ताव पारित

Ayodhya Ram Mandir: भाजपा के राष्ट्रीय अधिवेशन में रविवार को अयोध्या राम मंदिर पर प्रस्ताव पारित किया गया. प्रस्ताव में कहा गया कि अगले 1,000 सालों के लिए भारत में ‘राम राज्य’ की स्थापना का संकेत है.

'1000 वर्षों के लिए हुई राम राज्य की शुरुआत..', BJP अधिवेशन में राम मंदिर पर प्रस्ताव पारित

Ayodhya Ram Mandir: भाजपा के राष्ट्रीय अधिवेशन में रविवार को अयोध्या राम मंदिर पर प्रस्ताव पारित किया गया. प्रस्ताव में कहा गया कि अगले 1,000 सालों के लिए भारत में ‘राम राज्य’ की स्थापना का संकेत है. यह ‘विकसित भारत' के निर्माण के संकल्पों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.

1,000 वर्षों के लिए भारत में 'राम राज्य'

प्रस्ताव में कहा गया है, ‘अयोध्या की प्राचीन पवित्र नगरी में श्रीराम की जन्मभूमि पर भव्य और दिव्य मंदिर का निर्माण देश के लिए एक ऐतिहासिक और गौरवशाली उपलब्धि है. यह एक नए कालचक्र की शुरुआत के साथ अगले 1,000 वर्षों के लिए भारत में 'राम राज्य' की स्थापना का द्योतक है.’ इसमें कहा गया है कि यह अधिवेशन प्रधानमंत्री के नेतृत्व को दिल से बधाई देता है. प्रस्ताव में कहा गया है कि राम मंदिर भारत की दृष्टि, दर्शन और मार्ग का प्रतीक है. इसमें कहा गया, ‘श्रीराम मंदिर सही मायने में राष्ट्रीय चेतना का मंदिर बन गया है और भगवान श्रीराम का मंदिर देखकर हर भारतीय आनंदित है.’ 

रामराज्य के आदर्शों से प्रेरित

इसी साल 22 जनवरी को प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में अयोध्या में राम मंदिर में रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा की गई थी. लाखों लोगों ने इस ऐतिहासिक समारोह का हिस्सा बनने के लिए अपने घरों और आसपास के मंदिरों में टेलीविजन पर 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह देखा. प्रस्ताव में कहा गया कि भगवान श्रीराम, सीता और रामायण भारतीय सभ्यता व संस्कृति के हर पहलू में विद्यमान हैं. इसमें कहा गया, ‘हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों और सभी के लिए न्याय के लिए समर्पित हमारा संविधान रामराज्य के आदर्शों से प्रेरित है.’ 

रामराज्य का विचार महात्मा गांधी के दिल में भी था

प्रस्ताव में उल्लेख किया गया है कि भारत के संविधान की मूल प्रति में भी मौलिक अधिकारों के खंड पर जीत के बाद अयोध्या लौटने पर भगवान श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण जी की तस्वीर इस बात का प्रमाण है कि भगवान श्रीराम मौलिक अधिकारों के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं. प्रस्ताव में कहा गया है कि रामराज्य का विचार महात्मा गांधी के दिल में भी था जो कहा करते थे कि यही सच्चे लोकतंत्र का विचार है. पार्टी ने कहा, ‘वह कहते थे कि रामराज्य का विचार ही सच्चे लोकतंत्र का विचार है. प्रधानमंत्री ने भगवान श्रीराम के आदर्शों पर चलते हुए देश में सुशासन की स्थापना कर सही अर्थों में रामराज्य की भावना को लागू किया है.’ 

'सबका विश्वास, सबका प्रयास'

प्रस्ताव में कहा गया कि भगवान राम ने अपने शब्दों और विचारों में जो मूल्य पैदा किए, वे 'सबका साथ, सबका विकास' के लिए प्रेरणा और 'सबका विश्वास, सबका प्रयास' का आधार हैं. पार्टी ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत की एकता और एकजुटता को जनभागीदारी की शक्ति मिली है और उन्होंने अपनी नीतियों और नेतृत्व से राष्ट्र का मनोबल बढ़ाया है. इसके मुताबिक पिछले 10 वर्षों में भारतीय सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और ऐतिहासिक गौरव को बहाल किया गया है. प्रस्ताव में कहा गया, ‘यह सम्मेलन विरासत और विकास की साझा शक्ति को अपने निर्धारित प्रयासों से नये भारत की पहचान बनाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को बधाई देता है और पूरे भारत को राम के जादू का अनुभव कराने के लिए प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करता है.’

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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