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PM Modi Security Lapse: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे पर उनकी सुरक्षा में चूक का मामला सामने आया था जिसके बाद जस्टिस इंदु मलहोत्रा की अध्यक्षता वाली कमेटी ने इसकी जांच की थी. जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी है जिसमें पंजाब पुलिस की ओर से लापरवाही की बात सामने आई है. बीजेपी ने इस मामले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पंजाब की तत्कालीन कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा और सुरक्षा चूक को सुनियोजित साजिश करार दिया है. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि पंजाब पुलिस और तत्कालीन कांग्रेस सरकार प्रधानमंत्री को सुरक्षा मुहैया कराने में पूरी तरह से नाकाम साबित हुई है लेकिन सवाल यह है कि आखिर किसके इशारों पर पुलिस की ओर से इतनी बड़ी लापरवाही को अंजाम दिया गया है.
दो मिनट में कुछ भी हो सकता था...
अनुराग ठाकुर ने कहा कि फिरोजपुर के SSP दो घंटे तक प्रधानमंत्री के काफिले को कोई अल्टरनेटिव रूट मुहैया करा पाने में फेल साबित हुए. उन्होंने कहा कि पीएम की सुरक्षा में चूक कोई मामूली बात नहीं है बल्कि यह बहुत ही गंभीर मसला है. अनुराग ठाकुर ने कहा कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार के दौरान जब प्रधानमंत्री पंजाब गए तो उन्हें रिसीव करने के लिए मुख्यमंत्री, डीजीपी और चीफ सेक्रेटरी में से कोई नहीं पहुंचा था. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पीएम का काफिला जिस ब्रिज पर रोका गया वहां से सिर्फ 100 मीटर की दूरी पर प्रदर्शनकारी मौजूद थे और 10 किमी की दूरी पर पाकिस्तान है. ऐसे में वहां कोई भी हादसा हो सकता था.
अनुराग ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री का काफिला वहां 20 मिनट तक रुका रहा जबकि 2 मिनट में कुछ भी हो सकता था. मुख्यमंत्री फोन कॉल पर तक नहीं आए. उन्होंने कहा कि आखिर प्रदर्शनकारियों को प्रधानमंत्री के रूट की जानकारी किसने मुहैया कराई थी. साथ ही वह कौन शख्स था जिससे लगातार SSP फोन कॉल पर बात कर रहे थे और वह किससे निर्देश ले रहे थे. इन सवालों के जवाब भी सामने आने चाहिए.
SSP की लापरवाही आई सामने
मामले की जांच कर रही कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में जो रिपोर्ट सौंपी है उससे सामने आया है कि प्रधानमंत्री मोदी की पंजाब यात्रा के दौरान फिरोजपुर SSP अपने ड्यूटी को सही तरीके से पूरा करने में विफल साबित हुए. कमेटी ने कोर्ट में कहा कि एक निगरानी कमेटी होना चाहिए जो प्रधानमंत्री की सुरक्षा में लगे पुलिस अधिकारियों के लिए संवेदनशीलता और ब्लू बुक की समय-समय पर समीक्षा करे. 'ब्लू बुक’ सुरक्षा से संबंधित गाइडलाइन के डॉक्यूमेंट होते हैं, जिसमें वीवीआईपी की सुरक्षा को लेकर पालन किये जाने वाले नियमों का ब्यौरा होता है. ब्लू बुक में राज्य के अधिकारियों की ओर से प्रधानमंत्री की पूरी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपनाई जाने वाली एक स्पष्ट और विस्तृत प्रक्रिया होती है.
जांच कमेटी की रिपोर्ट पर सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया है और अब रिपोर्ट को केंद्र सरकार के पास भेजा गया है. इस रिपोर्ट के आधार पर पुलिस कर्मियों को स्पेशल ट्रेनिंग देने की सिफारिश भी की गई है. प्रधानमंत्री ने विधानसभा चुनाव से पहले 5 जनवरी को पंजाब का दौरा किया था, जिस दौरान उनकी सुरक्षा में चूक का यह मामला सामने आया था. इसके बाद चुनाव में कांग्रेस की हार हुई और अब वह आम आदमी पार्टी की सरकार में भगवंत मान मुख्यमंत्री पद संभाल रहे हैं.
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