उपचुनाव: नोटबंदी का मुद्दा रहा बेअसर, मप्र में भाजपा ने मारी बाजी, प. बंगाल में ममता का चला जादू
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उपचुनाव: नोटबंदी का मुद्दा रहा बेअसर, मप्र में भाजपा ने मारी बाजी, प. बंगाल में ममता का चला जादू

मध्यप्रदेश में भाजपा ने शहडोल लोकसभा और नेपानगर विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस को हराकर इन क्षेत्रों पर अपना कब्जा बरकरार रखा है। कांग्रेस ने चुनाव प्रचार के दौरान सत्तारुढ़ भाजपा के खिलाफ स्थानीय मुद्दों के अलावा नोटबंदी का मुद्दा भी प्रमुखता से उठाया था। शहडोल लोकसभा (एसटी) उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार ज्ञान सिंह ने कांग्रेस की प्रत्याशी हिमाद्री सिंह को 60,000 से अधिक मतों के अंतर पराजित किया।

उपचुनाव: नोटबंदी का मुद्दा रहा बेअसर, मप्र में भाजपा ने मारी बाजी, प. बंगाल में ममता का चला जादू

भोपाल : मध्यप्रदेश में भाजपा ने शहडोल लोकसभा और नेपानगर विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस को हराकर इन क्षेत्रों पर अपना कब्जा बरकरार रखा है। कांग्रेस ने चुनाव प्रचार के दौरान सत्तारुढ़ भाजपा के खिलाफ स्थानीय मुद्दों के अलावा नोटबंदी का मुद्दा भी प्रमुखता से उठाया था। शहडोल लोकसभा (एसटी) उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार ज्ञान सिंह ने कांग्रेस की प्रत्याशी हिमाद्री सिंह को 60,000 से अधिक मतों के अंतर पराजित किया।

एक चुनाव अधिकारी ने बताया कि उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार ज्ञान सिंह को 4,81,398 मत मिले, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी हिमाद्री सिंह को कुल 4,21,015 मत हासिल हुए।

हालांकि, इस उपचुनाव में भाजपा की जीत का अंतर पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना में काफी कम हुआ है। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने यह सीट 2,41,301 मतों से जीती थी।

इसके साथ ही नेपानगर विधानसभा उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी मंजू दादू ने कांग्रेस के अंतर सिंह बद्रे को 42,198 मतों से पराजित किया। यहां भाजपा उम्मीदवार को 99,626 मत तथा कांग्रेस प्रत्याशी को 57,428 मत मिले।

सत्तारुढ़ भाजपा की जीत का अंतर नेपानगर में बढ़ा है। वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने यह सीट 22,178 मतों से जीती थी।

भाजपा सांसद दलपत सिंह परस्ते के निधन के कारण शहडोल लोकसभा क्षेत्र में उप चुनाव कराये गये। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में शहडोल से भाजपा सांसद दलपत सिंह परस्ते ने कांग्रेस की राजेश नंदिनी को 2.41,301 मतों के भारी अंतर से पराजित किया था।

तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक, जिसकी प्रमुख जयललिता दो महीने से अस्पताल में हैं, ने तंजौर और तिरूप्परनकुंद्रम विधानसभा सीटों पर अपना कब्जा बरकरार रखा जबकि अर्वाक्कुरिची विधानसभा सीट द्रमुक से छीन ली। इन तीनों सीटों पर अन्नाद्रमुक ने 20,000 से लेकर 42,000 वोटों तक के अंतर से जीत हासिल की। त्रिपुरा में सत्ताधारी माकपा ने कांग्रेस से बरजाला (अनुसूचित जाति) सीट छीनी और खोवाई सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने नेल्लीथोपे विधानसभा सीट पर हुए उप-चुनाव में जीत हासिल की। उन्होंने अन्नाद्रमुक उम्मीदवार ओम शक्ति सेगर को 11,144 वोटों से हराया। भाजपा नेता और पूर्वोत्तर जनतांत्रिक गठबंधन (नेडा) के उम्मीदवार दसांगलु पुल ने अरुणाचल प्रदेश की हयुलियांग विधानसभा सीट पर हुए उप-चुनाव में जीत हासिल की। उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार योम्पी क्री को 942 वोटों से हराकर जीत हासिल की।

पुल पूर्व मुख्यमंत्री कलिखो पुल की तीसरी पत्नी हैं। कलिखो पुल की कथित खुदकुशी के कारण इस सीट पर उप-चुनाव कराए गए।

केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार और असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने कहा कि उप-चुनावों में भाजपा की जीत ने दिखाया है कि लोगों ने काले धन और भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार के फैसले का समर्थन किया है।

सोनोवाल ने पत्रकारों को बताया, ‘उप-चुनावों में भाजपा की जीत साफ संकेत है कि लोग 500 और 1000 रुपए के पुराने नोटों की बंदी के फैसले का पूरा समर्थन कर रहे हैं। यह नोटबंदी के प्रधानमंत्री के फैसले के लिए जनादेश है।’ बहरहाल, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने उप-चुनाव के नतीजे को नोटबंदी के केंद्र के फैसले के खिलाफ मिला जनादेश करार दिया।

विपक्ष की ओर से आयोजित विरोध रैली में शामिल होने के लिए नई दिल्ली रवाना होने से पहले ममता ने पत्रकारों से कहा, ‘उप-चुनाव के नतीजे केंद्र के नोटबंदी के जनविरोधी फैसले के खिलाफ एक करारा जवाब है। यह केंद्र के खिलाफ बड़े पैमाने पर कोई विद्रोह नहीं बल्कि जनता की बगावत है। भाजपा को इस जनादेश से सबक सीखना चाहिए।’ 

पश्चिम बंगाल की तमलुक लोकसभा सीट से तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार दिव्येंदु अधिकारी ने जीत हासिल की। दिव्येंदु ने अपनी सबसे करीबी प्रतिद्वंद्वी और माकपा उम्मीदवार मंदिरा पांडा को 4.97 लाख वोटों से हराया। कूचबिहार लोकसभा सीट पर हुए उप-चुनाव में भी तृणमूल उम्मीदवार पार्थप्रतिम रॉय को जीत मिली। उन्होंने अपने नजदीकी प्रतिद्वंद्वी और भाजपा उम्मीदवार हेमचंद्र बर्मन को 4.9 लाख वोटों से हराया। इस सीट पर वाम मोर्चा में साझेदार फॉरवर्ड ब्लॉक का उम्मीदवार तीसरे पायदान पर रहा।

मोंटेश्वर विधानसभा सीट पर हुए उप-चुनाव में तृणमूल कांग्रेस उम्मीदवार सैकत पांजा को बड़ी जीत हासिल हुई। उन्होंने अपने नजदीकी प्रतिद्वंद्वी और माकपा उम्मीदवार मोहम्मद उस्मान गनी सरकार को 1,27,127 वोटों से हराया। इस साल मई में हुए विधानसभा चुनाव में इस सीट पर तृणमूल की जीत का अंतर महज 786 वोट का था। उस वक्त कांग्रेस और माकपा ने मिलकर चुनाव लड़ा था।

असम की लखीमपुर लोकसभा सीट पर हुए उप-चुनाव में भाजपा उम्मीदवार प्रदान बरूआ ने कांग्रेस उम्मीदवार हेमा प्रसांगा पेगू को 1,90,219 वोटों से हराया। यह जानकारी निर्वाचन अधिकारी ने दी।

भाजपा उम्मीदवार मानसिंह रोंगपी ने बैठालांगसो विधानसभा सीट पर जीत दर्ज की। वह पहले कांग्रेस के टिकट पर जीते थे, लेकिन जुलाई में भाजपा में शामिल होने की खातिर पार्टी से इस्तीफा दे दिया था।

रोंगपी ने कांग्रेस उम्मीदवार और अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी रूपोसिंह रोंगहांग को 16,600 वोटों से हराया।

त्रिपुरा में माकपा उम्मीदवार झुमु सरकार ने भाजपा उम्मीदवार और अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी शिष्टमोहन दास को बरजाला (अनुसूचित जाति) विधानसभा सीट पर 3,374 वोटों से मात दी। पिछले जून महीने में कांग्रेस विधायक जितेंद्र सरकार के इस्तीफे के कारण इस सीट पर उप-चुनाव कराना पड़ा। कांग्रेस को महज 804 वोट मिले जबकि तृणमूल कांग्रेस को 5,629 वोट मिले।

खोवई विधानसभा सीट पर माकपा उम्मीदवार विश्वजीत दत्ता ने तृणमूल कांग्रेस उम्मीदवार मनोज दास को 16,047 वोटों से हराया। माकपा विधायक समीर देव सरकार के निधन के कारण यह सीट खाली हुई थी। तमिलनाडु की अर्वाकुरिची और तंजौर सीट पर चुनाव इसलिए कराए गए क्योंकि मई में हुए राज्य विधानसभा चुनावों के दौरान कथित भ्रष्ट गतिविधियों के कारण इन सीटों पर चुनाव रद्द कर दिए गए थे। तिरूपरनकुंद्रम में उप-चुनाव कराया गया। यह सीट अन्नाद्रमुक सदस्य की मृत्यु के कारण खाली हुई थी।

आज के नतीजे आने के साथ ही तमिलनाडु की 234 सदस्यीय विधानसभा में अन्नाद्रमुक के विधायकों की संख्या बढ़कर 136 हो गई जिसमें स्पीकर भी शामिल हैं। अन्नाद्रमुक सुप्रीमो और मुख्यमंत्री जयललिता ने राज्य की तीनों सीटों पर हुए चुनाव में पार्टी उम्मीदवारों को चुनने के लिए वोटरों का शुक्रिया अदा किया और जोर देकर कहा कि यह उनके शासनकाल की ‘उपलब्धियों, कल्याणकारी उपायों और दूरदृष्टि वाली योजनाओं’ की जीत है।

अरूणाचल प्रदेश की एक विधानसभा सीट पर हुए उप-चुनाव में भाजपा की जीत को पार्टी ने पूर्वोत्तर जनतांत्रिक गठबंधन (नेडा) की जीत करार दिया। भाजपा नेडा की एक घटक पार्टी है।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष तापिर गाओ ने कहा, ‘यह जीत पूर्व मुख्यमंत्री कलिखो पुल के लिए श्रद्धांजलि है और उन हजारों भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए इनाम है जिन्होंने इसे संभव कर दिखाया।’

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