महाराष्ट्र में बीजेपी CM पद पर नहीं करेगी समझौता, डिप्टी सीएम पद देने को तैयार: सूत्र
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महाराष्ट्र में बीजेपी CM पद पर नहीं करेगी समझौता, डिप्टी सीएम पद देने को तैयार: सूत्र

सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी इंतज़ार करो और देखो की रणनीति पर काम करेगी. पार्टी को उम्मीद है कि आठ नवंबर से पहले गतिरोध सुलझ जाएगा.

बीजेपी के पास निर्दलीय व छोटी पार्टियों के विधायकों को मिलाकर 121 विधायक हैं.

नई दिल्ली: महाराष्ट्र (Maharashtra) में बीजेपी सीएम पद (CM Post) पर समझौता करने के लिए तैयार नहीं है. बीजेपी, शिवसेना (Shiv Sena) को डिप्टी सीएम पद देने पर सहमत है. सूत्रों ने यह जानकारी दी. सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी इंतज़ार करो और देखो की रणनीति पर काम करेगी. पार्टी को उम्मीद है कि आठ नवंबर से पहले गतिरोध सुलझ जाएगा. पार्टी ने शिवसेना से बातचीत के लिए दरवाजे खुले छोड़ रखे हैं. बीजेपी के पास निर्दलीय व छोटी पार्टियों के विधायकों को मिलाकर 121 विधायक हैं. बीजेपी अल्पमत की सरकार नहीं बनाएगी. 50-50 फ़ार्मूले (50-50 Formula) पर बीजेपी सहमत नहीं है. सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी मंत्रालय बांटने के लिए तैयार है. उपमुख्यमंत्री पद भी शिवसेना को देने को तैयार है. 

महाराष्ट्र की कुर्सी की जंग तेज हो गई है. शिवसेना सांसद संजय राउत ने आज शाम राज्यपाल से मुलाकात की. मुलाकात के बाद राउत ने कहा कि शिवसेना, सरकार बनाने की राह में रोड़ा नहीं है. जिसने ज्यादा सीटें जीती हैं, वो सरकार बनाए. महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर कन्फ्यूजन है. उधर, दिल्ली में एनसीपी प्रमुख शरद पवार कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने उनके आवास पर पहुंच गए हैं. 

इससे पहले,  आज दिल्ली में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मिले देवेंद्र फड़णवीस ने मुलाकात की. मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में जल्द बनेगी सरकार लेकिन फॉर्मूले पर कोई जवाब नहीं दिया. उधर, महाराष्ट्र के औरंगाबाद में किसानों को हुए नुकसान का जायज़ा लेने पहुंचे उद्धव ठाकरे ने कहा कि आने वाले 2 से 3 दिनों में आपको पता लग जाएगा कि सरकार बनने को लेकर क्या होने वाला है. उद्धव ने कहा कि ये दौरा हेलीकॉप्टर का दौरा नहीं, बल्कि जमीनी दौरा है. उद्धव ने किसानों को 25 हजार रूपए प्रति हेक्टर के हिसाब से मुआवजा देने की मांग की.

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इधर, मुंबई में हुई एनसीपी की मीटिंग में शरद पवार ने कहा कि इस चुनाव में उन्हें युवाओं, मुस्लिमों और किसानों का साथ मिला है. उन्होंने माना कि निचले तबके ने उनका साथ नहीं दिया. पवार ने कहा कि किसान और खेती संकट में है. 

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