Black Day मनाने को लेकर Delhi Borders पर बवाल, हंगामे के बीच भड़के Rakesh Tikait
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Black Day मनाने को लेकर Delhi Borders पर बवाल, हंगामे के बीच भड़के Rakesh Tikait

ब्लैक डे (#KisanBlackDay) के नाम पर गाजीपुर बॉर्डर (Ghazipur Border) पर किसानों का हंगामा देखा गया. इस दौरान दिल्ली पुलिस (DelhiPolice) और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हो गई. वहीं राकेश टिकैत (Rakesh Tikait ) ने कहा, 'हंगामा तो होगा, जिसे जो करना है कर ले.'

फोटो साभार: ANI

नई दिल्ली: केंद्र सरकार के कृषि कानूनों (Farm Bill) के खिलाफ किसान आंदोलन (Farmer's Protest) के छह महीने पूरे होने पर बुधवार को किसान यूनियनों ने दिल्ली की सीमाओं पर ‘काला दिवस’ (Black Day) मनाया. इस कड़ी में गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन की कमान राकेश टिकैत (Rakesh Tikait ) ने संभाली थी. यहां जमकर हंगामा हुआ लोगों की भीड़ जुटाकर कोविड प्रोटोकॉल की जमकर धज्जियां उड़ाई गईं. 

पुलिस से झड़प

गाजीपुर में किसानों नेताओं की शय पर जमकर हंगामा हुआ. राकेश टिकैत ने खुले आम कैमरे पर कहा कि हंगामा होगा. पुलिस और प्रशासन की समझाइश के बावजूद किसान नहीं माने. हांलाकि किसानों के इस कार्यक्रम के ऐलान के साथ ही दिल्ली पुलिस ने लोगों से कोविड स्थिति और लॉकडाउन के कारण सभाएं नहीं करने की अपील की थी.

गाजीपुर बॉर्ड़र पर किसानों का प्रदर्शन उग्र हो गया जिसे जैसे तैसे शांत कराया गया. जब टिकैत से पूछा कि भीड़ क्यों आई तो वो भड़क गए. उन्होंने धमकी देते हुए कहा कि जिसको जो करना है कर लो. इसी दौरान वहां पर सरकार का पुतला फूकने की कोशिश की गई.

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काली पगड़ी और काली चुन्नी में विरोध

संयुक्त किसान मोर्चा ने आंदोलन के छह महीने पूरे होने पर 26 मई को ‘काला दिवस’ मनाने का ऐलान किया था. इस मौके पर किसान नेता राकेश टिकैत ने भी काली पगड़ी पहनी. आज काले झंडे फहराने के साथ टिकैत ने कहा कि सरकार हमारी बात नहीं सुन रही है इसलिए हमने काले झंडे उठाए. मांगे पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा.

दिल्ली की सीमाओं पर किसानों ने काली पगड़ी तो महिलाओं ने काली चुन्नी पहन कर विरोध जताया. जबकि पहले किसान नेताओं ने कहा था कि कोविड नियमों का पालना होगा. जब कि आज ऐसा किसी भी प्रदर्शन स्थल पर नहीं दिखा.

विपक्ष ने दिया था समर्थन

किसान आंदोलन के 6 महीने पूरे हो गए. आज किसान काला दिवस मना रहे हैं. वो दिल्ली बॉर्डर पर इकट्ठा हुए हैं. काले कपड़े और झंडे के साथ किसान मौजूद हैं. जिसे देखते हुए दिल्ली के सभी बॉर्डर पर पुलिस का सख्त पहरा है. जिसे कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, वामदलों, समाजवादी पार्टी, एनसीपी और डीएमके समेत 12 प्रमुख विपक्षी दलों ने अपना समर्थन किया था.

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NHRC का नोटिस जारी

इस बीच राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के निकट प्रदर्शन कर रहे किसानों द्वारा कोविड सुरक्षा नियमों का पालन नहीं करने संबंधी आरोपों को लेकर दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सरकारों को नोटिस जारी किया है. आयोग ने इन सरकारों से कहा है कि प्रदर्शन स्थलों पर कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए उठाए गए कदमों के संदर्भ में वे चार सप्ताह के भीतर कार्यवाही रिपोर्ट दें.

आयोग ने कहा, ‘शिकायकर्ता ने कहा है कि इन विरोध प्रदर्शनों में अब तक 300 से ज्यादा किसानों की मौत विभिन्न कारणों से हुई है. इनमें कोरोना संक्रमण भी एक कारण है. ब्लैक फंगस के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है.’

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