कोरोना से हालत बिगड़ते देख अब सरकारों ने प्राइवेट अस्पतालों को भी कोरोना मरीजों के इलाज की इजाजत दे दी है. हालांकि प्राइवेट अस्पतालों के मनमाने बिल आम आदमी के साथ सरकारों की भी चिंता बढ़ा रहे हैं.
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मुंबई: देश में कोरोना की दूसरी लहर कहर मचा रही है. सरकारी अस्पतालों में इलाज के इंतजाम कम पड़ने लगे हैं. ऐसे में कहीं मौके का फायदा उठाकर प्राइवेट अस्पताल (Private Hospital) लूटखसोट न शुरू कर दें. इस आशंका से सरकार परेशान है.
बृहनमुंबई महानगर पालिका (BMC) भी प्राइवेट अस्पतालों की मनमानी को देखते हुए चिंता में है. BMC ने इस चिंता का तोड़ निकालते हुए मुंबई में 70 ऑडिटर (Auditor) नियुक्त कर दिए हैं. इन ऑडिटरों का काम शहर के 35 बड़े प्राइवेट अस्पतालों (Private Hospital) के बिल चेक करना होगा. यह ऑडिटर दो शिफ़्ट में काम करेंगे. इन ऑडिटरों की प्राइवेट अस्पतालों के बिलों पर कड़ी नजर रहेगी और इनके जरिए BMC भी अस्पताल मालिकों की मनमानी रोक पाएगी.
BMC के मुताबिक इन 70 ऑडिटरों (Auditor) के ऊपर दो नोडल ऑफिसर भी होंगे, जो इन ऑडिटर के काम पर नजर बनाए रखेंगे. अगर किसी भी मरीज को लगता है कि उसे हॉस्पिटल ने ज्यादा चार्ज किया है तो वह इस बात की शिकायत सीधा BMC को कर सकता है. ऐसे में ऑडिटर बिलों की जांच करेंगे और अपनी रिपोर्ट BMC को सौंपेंगे. उनकी रिपोर्ट के आधार पर BMC दोषी अस्पताल मालिकों के खिलाफ कार्रवाई करेगी.
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BMC ने Fort, Colaba से लेकर बांद्रा तक के अस्पतालों के बिलों की शिकायत के लिए Mail ID- Covid19Nodal1@MCGM.GOV.IN भी जारी किया है. वहीं अंधेरी से दहिसर, सायन से मुलुंड तक के अस्पतालों के लिए शिकायत की ईमेल आई डी- CovidNodal2@MCGM.GOV.IN है. ये ऑडिटर बिल ही नहीं बल्कि इस बात पर भी ध्यान देंगे कि 80 प्रतिशत बेड Ward War room के ज़रिए allocate हों. अस्पतालों को कड़ा निर्देश दिया गया है कि वे अपनी बेड संख्या BMC के dashboard पर real time update करते रहें.
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