बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) ने महाराष्ट्र (Maharashtra) में कोरोना (Coronavirus) के बढ़ते मामलों पर सरकार से जवाब-तलब किया है. कोर्ट ने इस मुद्दे पर अपना प्लान पेश करने का आदेश दिया है.
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मुंबई: बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) ने महाराष्ट्र (Maharashtra) में कोरोना (Coronavirus) के बढ़ते मामलों पर सरकार से जवाब-तलब किया है. हाई कोर्ट ने सरकार से कहा है कि वह बच्चों (Children) को कोरोना से बचाने की योजना से उसे अवगत कराए.
बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) के चीफ जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस जी एस कुलकर्णी की पीठ ने बुधवार को कोरोना (Coronavirus) के मामलों पर सुनवाई की. अदालत ने कहा, 'जैसा कि विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि महामारी की तीसरी लहर भी आ सकती है जो बच्चों के लिए सर्वाधिक खतरनाक हो सकती है, उसे ध्यान में रखते हुए अधिकारियों को पहले से ही कदम उठाने चाहिए और राज्य की स्वास्थ्य अवसंरचना को मजबूत करना चाहिए.'
बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल खरे अदालत में पेश हुए. उन्होंने कोर्ट को बताया कि अप्रैल 2021 तक दस साल से कम आयु के 10,000 बच्चे कोविड-19 की चपेट में आए, जिनमें से 17 की मौत हो गई.
उन्होंने अदालत को बताया कि मुंबई महानगर में अब तक 10 से 18 साल तक की आयु के कम से कम 33 बच्चों की मौत हुई है. वकील का तर्क सुनने के बाद अदालत ने कहा कि राज्य को विशेषज्ञों, बाल रोग चिकित्सकों और अन्य पक्षों से विमर्श कर नीति बनानी चाहिए. साथ ही बच्चों (Children) और उनकी देखरेख करने वालों के लिए स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने पर ध्यान देना होगा.
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कोर्ट (Bombay High Court) ने कहा, ‘बच्चे (Children) अपनी मां या अन्य किसी देखरेख करने वाले व्यक्ति के साथ होंगे. उनकी माताओं और देखरेख करने वालों के लिए भी अलग से इंतजाम कीजिए. इस संबंध में उठाए जा रहे कदमों के बार में जवाब दाखिल कीजिए.’ कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई के लिए अगली तारीख 19 मई की तय की है.
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