'शादीशुदा महिला पर Love Chit फेंकना उसकी इज्जत से खिलवाड़', High Court ने सुनाई ये सजा
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'शादीशुदा महिला पर Love Chit फेंकना उसकी इज्जत से खिलवाड़', High Court ने सुनाई ये सजा

यह घटना साल 2011 की है जब अकोला में किराने की दुकान चलाने वाले आरोपी ने बर्तन धोती हुई शादीशुदा महिला (Married Woman) को लव चिट देने की कोशिश की. हालांकि जब महिला ने इनकार कर दिया तो आरोपी ने महिला को ऊपर वह चिट फेंक दी, साथ ही उसे आई लव यू बोलकर अश्लील इशारे भी किए. 

Bombay High court

नई दिल्ली: बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High court) की नागपुर बैंच ने 10 साल पुराने एक केस में अनोखा फैसला सुनाया है. एक विवाहित महिला से जुड़े मामले में नागपुर बैंच ने कहा कि किसी शादीशुदा महिला (Married Woman) पर लव चिट फेंकना उसकी इज्जत के साथ खिलवाड़ करने जैसा है. इस मामले में कोर्ट ने दोषी शख्स पर जुर्माना भी लगाया है.

  1. बॉम्बे हाई कोर्ट ने की टिप्पणी
  2. 'इज्जत महिला का कीमती गहना'
  3. दस साल पुराने मामले में सजा

'महिला के लिए इज्जत गहना'

अदालत ने अपनी टिप्पणी में कहा कि किसी महिला के लिए उसकी इज्जत कीमती गहना है और प्यार के इजहार के लिए विवाहित महिला पर लव चिट फेंकना जिसमें कविताएं लिखी हों, उसकी इज्जत से खिलवाड़ के लिए काफी है. कोर्ट ने यह भी कहा कि किसी की इज्जत से खिलवाड़ हुई है या नहीं इस बात को मापने का कोई फिक्स फॉर्मूला नहीं है.

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कोर्ट ने कहा- इज्जत महिला का कीमती गहना

यह घटना साल 2011 की है जब अकोला में किराने की दुकान चलाने वाले आरोपी ने बर्तन धोती हुई 45 वर्षीय महिला को लव चिट देने की कोशिश की. हालांकि जब महिला ने इनकार कर दिया तो आरोपी ने महिला को ऊपर वह चिट फेंक दी, साथ ही उसे आई लव यू (I Love You) बोलकर अश्लील इशारे भी किए. साथ ही इसके बाद आरोपी ने महिला को चिट के बारे में किसी को भी न बताने की धमकी भी दी थी.

हाई कोर्ट में फैसले को चुनौती

इस घटना के बाद पीड़िता महिला की ओर अकोल सेशंस कोर्च में शिकायत दर्ज कराई और अदालत ने भी दुकानदार को दोषी मानते हुए उस पर 40 हजार का जुर्माना लगा दिया. इस जुर्माने की राशि में से 35 हजार रुपये बतौर मुआवजे महिला को देने का भी आदेश कोर्ट की ओर से दिया गया. 

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दस साल पुराना है मामला

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इस फैसले के बाद आरोपी एस तावरी ने निचली अदालत के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. साथ ही दलील दी कि महिला ने उसकी दुकान से सामान उधार लिया था और पैसे लौटाना नहीं चाहती है. साथ ही याचिकाकर्ता की ओर से महिला की ओर से लगाए गए आरोपों को झूठा बताया गया था. इस केस में हाई कोर्ट ने तावरी की सजा तो जरूर कम कर दी लेकिन जुर्माने की राशि को बढ़ाकर 90 हजार कर दिया है जिसमें से 85 हजार की रकम महिला को बतौर मुआवजा दी जाएगी.

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