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नई दिल्ली: किसी भी देश की अर्थव्यवस्था में उसका सबसे प्रमुख इंजन होता है, वहां का Infrastructure सेक्टर. अगर ये इंजन पूरी तरह स्वस्थ होता है, आधुनिक होता है और इसमें दूरदर्शी योजनाओं का ईंधन डाला जाता है, तो उस देश की अर्थव्यवस्था शानदार प्रदर्शन करती है. और इस आम बजट में इसी बिंदु पर सबसे ज्यादा फोकस रखा गया है.
पीएम गति शक्ति योजना के तहत केंद्र की मोदी सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट (Infrastructure Development) पर साल 2025 तक 1.4 Trillion US Dollars यानी 111 लाख करोड़ रुपये खर्च करने का लक्ष्य किया है. इस डेवलपमेंट का मतलब है, सड़कें, हाईवे, अस्पताल और नए स्कूल बनाना. इसके तहत 16 मंत्रालयों को एक डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाया जाएगा और भारत की अर्थव्यवस्था को नई गति दी जाएगी.
- तीन साल में 400 नई वंदे भारत ट्रेनें लॉन्च होंगी.
- 100 कॉर्गो टर्मिनल तैयार किए जाएंगे.
- नेशनल हाइवे की लंबाई 25 हजार Km तक और बढ़ाई जाएगी, जिस पर 20 हजार करोड़ खर्च होगा.
- इसके अलावा सप्लाई चेन के नेटवर्क को बेहतर बनाने पर काम होगा. और सरकार भारतीय रेल के लिए One Product, One Station के फॉर्मुले पर काम करेगी, जिससे देश में व्यापारियों को सामान की आवाजाही के लिए बेहतर विकल्प मिलेंगे. One Product, One Station का मतलब ये है कि हर स्टेशन, किसी ना किसी खास प्रोडक्ट के लिए जाना जाएगा.
कुछ ऐसे ही सुधार एक समय चीन ने 1980 के दशक में किए थे. कोई भी देश अपने यहां तब तक बड़ा Manufacturing Hub विकसित नहीं कर सकता, जब तक वहां मजबूत Infrastructure ना हो. चीन ने इसे समझते हुए अपने यहां 1980 और 1990 के दशक में Infrastructure पर पानी की तरह पैसा बहाया. जिससे Made in China को दुनिया में पहचान मिली. भारत भी यही रोडमैप अपना रहा है.
- PM आवास योजना के तहत गरीबों के लिए 80 लाख नए घर बनाए जाएंगे, जिस पर कुल 48 हज़ार करोड़ रुपये खर्च होंगे
- भारतीय डाक को बैंकों से जोड़ा जाएगा, ताकि हमारे देश के पोस्ट ऑफिस ऑनलाइन बैंकिंग का माध्यम बन सकें. इससे देश में मौजूद एक लाख 55 हज़ार डाक घर, एक तरह से डिजिटल बैंकिंग का ज़रिया बन जाएंगे.
- इसके अलावा Post Office में अब ATM भी लगाए जाएंगे.
- भारत सरकार आने वाले वित्त वर्ष से ई-पासपोर्ट भी जारी करेगी, जिनमें एक माइक्रोचिप लगी होगी. इस चिप में आपके नाम से लेकर, आपका Biometric Data सबकुछ फीड होगा. यानी जो जानकारियां अब तक पासपोर्ट के कागज पर होती हैं, वो डिजिटल रूप ले लेंगी.
- इसके अलावा शिक्षा व्यवस्था को भी आधुनिक विस्तार दिया जाएगा. PM ई-विद्या योजना का 'एक क्लास-एक टीवी चैनल' प्रोग्राम.. 12 चैनल से बढ़ाकर 200 चैनल पर प्रसारित किया जाएगा और इनमें क्षेत्रीय भाषा वाले चैनल भी होंगे.
- और व्यावसायिक शिक्षा यानी Business Education के लिए डिजिटल Universities बनाई जाएंगी.
अब हम आपको बताते हैं कि इस बजट से किसानों का क्या मिला?
सरकार ने बजट में ऐलान किया है कि वो आने वाले वित्त वर्ष में MSP पर किसानों की फसल की रिकॉर्ड ख़रीदारी करेगी. अनुमान है कि एक करोड़ 63 लाख किसानों से 1 हज़ार 208 लाख Metric Ton टन गेहूं और धान MSP पर खरीदा जाएगा.
MSP पर खरीदने के दौरान 2 लाख 37 हज़ार करोड़ रुपये किसानों के बैंक खातों में सीधे जमा किए जाएंगे. इससे किसानों की आय दोगुना करने में मदद मिलेगी. पूरे देश में सरकार द्वारा MSP पर सबसे ज्यादा फसलें पंजाब के किसानों से खरीदी जाती हैं. और उत्तर प्रदेश भी इसी सूची में आता है. और इन दोनों ही राज्यों में चुनाव हैं और यहां किसान आन्दोलन का भी काफ़ी प्रभाव रहा था. इसलिए ये चुनाव से पहले केन्द्र सरकार का एक मास्टर स्ट्रोक हो सकता है. इसके अलावा सरकार ने कुछ और ऐलान किए हैं.
जैसे गंगा नदी के किनारे 5 किलोमीटर के दायरे में Organic खेती पर फोकस होगा.
-Natural Farming और Land Digitization को प्रमोट किया जाएगा.
-National Bank for Agriculture and Rural Development की मदद से Agriculture Startups के लिए लोन दिए जाएंगे. यानी अब कृषि क्षेत्र में छोटे छोटे स्टार्ट अप्स आएंगे, जो इस क्षेत्र को व्यापार की नई दिशा देंगे.
- ऐसा होने से जो युवा, अभी कृषि क्षेत्र से दूर होते जा रहे हैं, वो नए Start Ups के ज़रिए कृषि क्षेत्र की तस्वीर बदलेंगे. ये मॉडल अमेरिका में भी अपनाया गया था, जिससे वहां युवाओं को काफ़ी फायदा हुआ. और ये धारणा बदली कि खेती करना, नुकसान का सौदा है.
इस बजट में राज्य सरकारों के कर्मचारियों के लिए भी एक बड़ा ऐलान किया गया है. अब तक National Pension Scheme में Saving करने पर केंद्र सरकार के कर्मचारियों को टैक्स में 14% की छूट का लाभ मिलता था तो राज्य सरकार के कर्मचारियों को 10% की छूट का लाभ मिलता था. लेकिन अब इसे राज्यों के सरकारी कर्मचारियों के लिए भी 14% कर दिया गया है.
'युवाओं के लिए भी इस बजट में काफ़ी कुछ है'
-सरकार ने नए Start-Ups को टैक्स में छूट देने का ऐलान किया है. अभी तक, 2021 में शुरू हुए नए Start-Ups को अगले तीन साल तक कोई टैक्स सरकार को नहीं देना था. लेकिन अब इसकी समय सीमा एक साल और बढ़ा दी गई है.
-इसके अलावा Make In India के तहत 60 लाख नई नौकरियां दी जाएंगी. और सरकार 30 लाख अतिरिक्त रोज़गार पैदा करने के लिए भी नई योजनाए लाएगी.
- सरकार ने MSME सेक्टर को अगले पांच वर्षों में 6 हज़ार करोड़ रुपये का विशेष पैकेज देने का ऐलान किया है. MSME का अर्थ, छोटे और मध्यम स्तर से कारोबारियों से है. सरकार ने ये भी बताया है कि जनवरी में उसने एक लाख 40 हज़ार करोड़ रुपये का रिकॉर्ड GST कलेक्शन किया है.
- बजट में देश की महिलाओं के लिए ज्यादा कुछ खास नहीं है. ऐसी उम्मीद थी कि सरकार महिलाओं के लिए इनकम टैक्स स्लैब और होम लोन में कुछ छूट दे सकती है. लेकिन ऐसा कोई बड़ा ऐलान नहीं हुआ. हालांकि देश की 2 लाख आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को अपग्रेड करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसका सीधा असर ग्रामीण क्षेत्रों में दिखेगा.