बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट ने पकड़ी रफ्तार, जापान से वडोदरा पहुंचे 20 स्लीपर स्लैब ट्रैक
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बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट ने पकड़ी रफ्तार, जापान से वडोदरा पहुंचे 20 स्लीपर स्लैब ट्रैक

जापान से पहला कंसाइनमेंट वडोदरा पहुंच चुका है. इस कंसाइनमेंट में 20 स्लीपर स्लैब ट्रैक हैं जिनका वजन 250 टन है.

508 किलोमीटर लंबे मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड कॉरिडोर पर अगस्त 2022 तक बुलेट ट्रेन शुरू करने की योजना है...(फोटो: ANI)

वडोदरा: बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट ने रफ्तार पकड़ ली है. वडोदरा स्टेशन पर निर्माण कार्य तेजी से जारी है. स्टेशन का डिजाइन बनकर तैयार है. इसी बीच इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट से जुड़ी एक और अच्छी खबर सामने आई है. जापान से पहला कंसाइनमेंट वडोदरा पहुंच चुका है. इस कंसाइनमेंट में 20 स्लीपर स्लैब ट्रैक हैं जिनका वजन 250 टन है. यह कंसाइनमेंट आज मुंबई से वडोदरा पहुंचा है. 508 किलोमीटर लंबे मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड कॉरिडोर पर अगस्त 2022 तक बुलेट ट्रेन शुरू करने की योजना है. 

हालांकि, बुलेट ट्रेन परियोजना को लागू करने वाली एजेंसी नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) का कहना है कि भारत के आजादी के 75वीं वर्षगांठ पर 15 अगस्त 2022 की समय सीमा को पूरा करना मुश्किल है. ऐसे में एक छोटे से हिस्से गुजरात में सूरत से बिल्लीमोरा तक के रूट को चालू किया जाएगा. यह प्रोजेक्ट पूरी तरह से 2023 में पूरी हो सकता है. भूमि अधिग्रहण के अलावा अन्य प्रक्रियाओं में समय लगने से इस प्रोजेक्ट के समय पर पूरे होने पर संदेह है.  

वडोदरा स्टेशन पर बनेगा 220 मीटर लंबा गर्डर 
बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए वडोदरा स्टेशन का डिजाइन बनकर तैयार है. वडोदरा स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर-7 को तोड़ाकर उसे आगे खिसकाकर बनाया जाएगा. प्लेटफॉर्म नंबर-6 एवं 7 के बीच 220 मीटर का गर्डर डाला जाना है. बुलेट ट्रेन स्टेशन के लिए प्लेटफॉर्म 6 पर कुछ इमारतें हटाई जाएंगी.वडोदरा में 17 किमी रूट पर 'साउंड बैरियर्स' लगेगा. इससे बुलेट ट्रेन की आवाज ट्रैक से आगे नहीं जाएगी.

वडोदरा में 600 करोड़ रुपये की लागत बन रहा है ट्रेनिंग सेंटर
भारत, बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के तकनीक पहलुओं को समझने की पूरी कोशिश कर रहा है. हाल ही में, रेलवे ने अपने अधिकारियों को ट्रेनिंग के लिए जापान भेजा था. रेलवे वडोदरा में 600 करोड़ रुपये की लागत से ट्रेनिंग सेंटर ही खोल रहा है. यह इंस्टीट्यूट 2020 तक पूरी तरह तैयार हो जाएगा. यहां नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरशन अपने 3500 कर्मचारियों की प्रशिक्षित करेगा. रेलवे अपने 300 अधिकारियों को जापान भेजकर प्रशिक्षित करेगा. ट्रेनिंग के लिए बुलेट ट्रेन के ट्रैक का एक हिस्सा भी आयात कर ट्रेनिंग सेंटर में लगेगा. 

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