पाकिस्तान (Pakistan) के रुख में भारत के प्रति अचानक आई नरमी से हर कोई हैरान है. रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान पर एकदम से भरोसा करने के बजाय पहले जमीनी हालात का अच्छी तरह विश्लेषण कर उसकी मंशा जाननी होगी.
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चंडीगढ़: पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री इमरान खान और आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा (Qamar Javed Bajwa) के कथित 'शांति राग' को हर कोई हैरत की नजर से देख रहा है. पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह (Capt Amarinder Singh) ने जनरल बाजवा के बयानों पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर वे वास्तव में दोनों देशों के बीच शांति चाहते हैं तो उन्हें आतंकियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करनी चाहिए.
मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा, 'बाजवा (Qamar Javed Bajwa) को पहले अपनी ISI को नियंत्रित करना चाहिए. उसके बाद उन्हें भारत-पाक संबंधों में स्थिरता के बारे में बात करनी चाहिए. पाकिस्तान के साथ भारत तब तक नरम नहीं हो सकता, जब तक वह ठोस कार्रवाई के साथ अपनी नेकनीयती का प्रदर्शन नहीं करता.' अमरिंदर सिंह (Capt Amarinder Singh) ने कहा कि सीमा पार से भारत में घुसपैठ अभी भी हो रही है. भारतीय सैनिक हर दिन सीमाओं पर मारे जा रहे हैं. वे (पाकिस्तान) हर दूसरे दिन ड्रोन के जरिए पंजाब में हथियार और हेरोइन उतार रहे हैं. पंजाब में परेशानी पैदा करने का प्रयास जारी है. यह सब पहले बंद होना चाहिए, तभी हम शांति की बात कर सकते हैं.
पाकिस्तान पर भरोसा करने के मामले पर, मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह (Capt Amarinder Singh) ने एडीसी के तौर पर 1964 के खुद के अनुभव को साझा किया. वह तब पश्चिमी कमांड में जीओसी-इन-सी के एडीसी थे. उन्होंने कहा, हम पश्चिमी सीमा से गोलीबारी और उनकी ओर से समस्या पैदा किए जाने की दैनिक रिपोर्ट प्राप्त करते थे. ऐसी रिपोर्ट सेना को आज भी रोजाना हासिल होती हैं. अमरिंदर सिंह ने कहा कि नई दिल्ली ने नहीं बल्कि इस्लामाबाद ने दोनों देशों के बीच शांति के मार्ग पर रोक लगाई है.
भारतीय सेना के पूर्व चीफ जनरल वीपी मलिक (VP Malik) ने भी पाकिस्तान के इस बदलते रुख पर सावधानी बरतने की हिदायत दी है. उन्होंने ट्वीट कर कहा,'पाकिस्तानी सेना अब अपनी टैक्टिक्स चेंज कर रही है जबकि उसकी सीमा पार आतंकवाद वाली रणनीति अब भी वही है. हमें सोचना चाहिए कि ऐसा क्यों हो रहा है. फिलहाल हमें इंतजार करने और जमीनी हालात पर नजर रखनी चाहिए.'
Pakistan Army has often changed tactics in its unchanging (cross border terror) strategy. We need to think (why?), wait and watch the ground situation. https://t.co/AeZC0M8Mg3
— Ved Malik (@Vedmalik1) March 19, 2021
रक्षा जानकारों के मुताबिक पाकिस्तान (Pakistan) इस वक्त गंभीर आर्थिक और राजनीतिक संकट से जूझ रहा है. उसका विदेशी मुद्रा भंडार खाली होने के कगार पर है. आतंकियों पर कार्रवाई न कर पाने की वजह से उस पर FATF की ब्लैक लिस्ट में शामिल होने का खतरा भी मंडरा रहा है. देश में अलगाववादी गतिविधियों में बढोतरी होने के साथ ही विपक्षी दलों ने भी इमरान खान और वहां की सेना के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है.
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मदद पाने की आस में पाकिस्तान (Pakistan) अपने सदाबहार दोस्त चीन और तुर्की की शरण में गया लेकिन वहां से भी उसे खास मदद नहीं मिल पाई. इसीलिए अब वह मजबूरी में भारत के साथ संबंध बहाल करने की कोशिश में है, जिससे वह खुद के आर्थिक हालात सुधारने के साथ ही FATF की ब्लैक लिस्ट और आंतरिक राजनीतिक दबावों से भी राहत पा सके. हालांकि उसकी कश्मीर और आतंकवाद पर अब भी वही सोच बरकरार है, इसलिए भारत सरकार इस पहल पर फिलहाल कोई रिस्पांस देने की जल्दबाजी के मूड में नहीं दिख रही है.
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