CBI ने पीएसयू अधिकारियों और प्राइवेट कंपनी के खिलाफ दर्ज किया मामला, कई जगहों पर ली तलाशी
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CBI ने पीएसयू अधिकारियों और प्राइवेट कंपनी के खिलाफ दर्ज किया मामला, कई जगहों पर ली तलाशी

CBI ने सतलुज जल विद्युत निगल लिमिटेड (SJVNL)में 191 करोड़ की धोखाधड़ी मामले में एक कंपनी समेत 6 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर छापेमारी की.

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CBI ने सतलुज जल विद्युत निगल लिमिटेड (SJVNL)में 191 करोड़ की धोखाधड़ी मामले में एक कंपनी समेत 6 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर छापेमारी की. ये छापेमारी दिल्ली, गाजियाबाद, गुरूग्राम, समाना और चेन्नई में सात ठिकानों पर की गयी. इस छापेमारी में एजेंसी ने जांच से जुड़े सबूत और दस्तावेज जब्त किए. 

 

एजेंसी को शिकायत मिली थी की सतलुल जल विधुत निगम के अधिकारी ने प्राइवेट कंपनी के साथ मिल कर घोखाधड़ी की है. सतलुज जल विधुत निगम के अधिकारी को पॉवर जेनरेशन के लिये 50 मेगा वॉट के Wind Power Projects लगाने थे जोकि महाराष्ट्र के अहमदनगर में था. इस काम के लिये पहले M/s Power & Energy Consultants को इस प्रोजेक्ट के बारे में सही रिपोर्ट बनाने के लिये कहा गया. ताकी ये पता लगाया जा सके कि किस जगह पर और किस तरह से Wind Power Project लगाया जाये ताकी बिजली का उत्पादन सही हो सके. आरोप है कि कंपनी ने इस बारे में गलत रिपोर्ट दी. सतलुज जल विधुत निगम के अधिकारियों ने इसके बदले में कंपनी को 81 लाख की पेमेंट भी की. इस रिपोर्ट के आधार पर 47.6 मेगावॉट का EPC यानी Engineering Procurement and Construction का 10 साल का कॉट्रेंक्ट M/s Gamesha Renewables Power Pvt Ltd जो अब Seimens Gamesha Renewables Power Pvt Ltd हो गयी है, उसे दे दिया गया.

 
कंपनी का कहना है कि साल 2013-14 से 2021-22 के दौरान इस प्रोजेक्ट से 688.76 मेगावॉट बिजली के उत्पादन का टार्गेट था लेकिन सिर्फ 396.472 मेगावॉट बिजली का ही उत्पादन हो पाया. यानी 413.28 करोड़ की कमाई के बदले सिर्फ 221.414 करोड़ की कमाई ही सतलुज जल विधुत निगम को हो सकी. इसका मतलब 191.87 करोड़ का सरकार को नुकसान हुआ.

 

इस मामले में की शिकायत सीबीआई को की गयी और इसमें प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की गयी. सीबीआई ने इस मामले में ज्वाइंट इंस्पेक्शन यानी विभागों के साथ मिल कर जांच शुरू की और पाया कि जिस कंपनी ने प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की थी उसने पहले तो ठीक से रिपोर्ट तैयार नहीं की और सही जगह की चुनाव नहीं किया. इसके अलावा जिस कंपनी ने इस प्रोजेक्ट को लगाया उसने भी धोखाधड़ी की और जो प्रोडेक्ट लगाये थे उसके लिये ,विदेश से मंगाये गये पूर्जे और जांच सर्टिफिकेट नहीं दिखा पाये. एक टर्बाइन में तो जो पुर्जे लगे थे वो भी अलग-अलग कंपनियों के थे.

 
इसी के बाद सीबीआई ने सतलुज जल विधुत निगम लिमिटेड(SJVNL) के पूर्व अधिकारी आर के अग्रवाल(ED-SJVNL), संजय उप्पल(CGM-SJVNL), ए के जिंदल(Dy GM-SJVNL), M/s Power & Energy Consultants के दो अधिकारी और M/s Gamesha Renewables Power Pvt Ltd/ Seimens Gamesha Renewables Power Pvt Ltd के खिलाफ मामला दर्ज किया है.

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