CBSE Board 12th Exam 2021: राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेश को लिखे पत्र में केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, शिक्षा मंत्रालय तथा सीबीएसई छात्रों एवं शिक्षकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए परीक्षा आयोजित करने के विकल्पों पर विचार कर रहा है.
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नई दिल्ली: देश के करोड़ों छात्रों के लिए आज बड़ा दिन है. दरअसल सीबीएसई (CBSE) बोर्ड यानी 12वीं क्लास की लंबित परीक्षाओं एवं पेशेवर पाठ्यक्रमों की प्रवेश परीक्षाओं को लेकर कुछ महत्वपूर्ण ऐलान हो सकता है. इस सिलसिले में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) की अध्यक्षता में राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के शिक्षा मंत्रियों और सचिवों के साथ उच्च स्तरीय बैठक शुरू हो गई है जिसमें शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक (Ramesh Pokhriyal Nishank) भी शामिल हैं.
कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर (Corona Second Wave India) के मद्देनजर 12वीं बोर्ड की परीक्षा स्थगित कर दी गई थी. ये अहम डिजिटल बैठक अब से कुछ देर पहले 11 बजकर 30 मिनट पर शुरू हुई जिसमें केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, प्रकाश जावड़ेकर भी शामिल हैं.
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शिक्षा मंत्रालय के बयान के अनुसार, इस बैठक में 12वीं बोर्ड की लंबित परीक्षाओं एवं पेशेवर पाठ्यक्रमों की प्रवेश परीक्षाओं को लेकर चर्चा होगी और इसमें परीक्षा आयोजित करने के विकल्पों पर विचार किया जायेगा. वहीं, CBSE सूत्रों के मुताबिक, इसके तहत जिन संभावित विकल्पों पर विचार किया जा सकता है, उनमें पेन और पेपर बेस्ड लिखित प्रारूप में केवल मुख्य विषयों की परीक्षा लेना, विभिन्न राज्यों एवं जिलों में कोविड-19 की स्थिति के अनुरूप 2 चरणों में परीक्षा आयोजित करना अथवा परीक्षा रद्द करना एवं वैकल्पिक मूल्यांकन योजना के तहत रिजल्ट देना शामिल है.
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बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने हालांकि कहा है कि अभी कुछ भी अंतिम रूप से तय नहीं हुआ है और सभी पक्षकारों के सुझावों पर विचार करने के बाद शिक्षा मंत्रालय अंतिम फैसला करेगा. वहीं, राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेश को लिखे पत्र में केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, शिक्षा मंत्रालय तथा सीबीएसई छात्रों एवं शिक्षकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए परीक्षा आयोजित करने के विकल्पों पर विचार कर रहा है.
निशंक ने ट्विटर के माध्यम से सभी हितधारकों- छात्रों, अभिभावकों, शिक्षकों और अन्य लोगों से भी सुझाव मांगे हैं. गौरतलब है कि 14 अप्रैल को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं स्थगित और 10वीं बोर्ड की परीक्षा को रद्द कर दिया गया था. यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हुई बैठक में किया गया था. ये परीक्षाएं 4 मई से 14 जून के बीच होनी थीं.
कोविड-19 की मौजूदा स्थिति को देखते हुए, लगभग सभी राज्य शिक्षा बोर्डों, सीबीएसई और आईसीएसई ने अपनी बारहवीं कक्षा की परीक्षा, 2021 को स्थगित कर दिया गया था. छात्रों एवं अभिभावकों का एक बड़ा वर्ग बोर्ड परीक्षा को रद्द करने की मांग कर रहा है हालांकि स्कूलों के प्रचार्यो की परीक्षा के विकल्पों को लेकर अलग अलग राय है.
पहले प्रस्ताव के मुताबिक कक्षा बारहवीं के 174 विषयों में से केवल 20 मुख्य विषयों की ही परीक्षा ली जाएगी. इसमें फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथमेटिक्स, बायोलॉजी, हिस्ट्री, पॉलिटिकल साइंस, बिजनेस स्टडीज, अकाउंट्स, जियोग्राफी, इकोनॉमिक्स और इंग्लिश विषय शामिल हैं. इन मुख्य विषयों में प्राप्त अंकों के आधार पर अन्य विषयों का रिजल्ट तैयार होगा.
परीक्षाओं को 2 चरणों में आयोजित करने का प्रस्ताव रखा गया है. जहां कोरोना संक्रमण के मामले कम हैं वहां पहले चरण में परीक्षा का आयोजन होगा. अन्य जिलों में दूसरे चरण में परीक्षा आयोजित की जाएगी. इसी तरह एक प्रस्ताव के मुताबिक 3 घंटे की बजाए केवल 90 मिनट की परीक्षा हो और पेपर में वैकल्पिक और छोटे प्रश्न पूछे जाएंगे.
ताकि पेपर हल करने में ज्यादा समय नहीं देना पड़े और वह जल्दी-से-जल्दी परीक्षा केंद्र से बाहर जा पाए. तीसरे प्रस्ताव में कक्षा 12वीं के पांच/छह विषयों में से केवल एक भाषा और 3 इलेक्टिव विषयों की ही परीक्षा लेने का प्रस्ताव रखा गया है. वहीं अन्य विषय यानी पांचवें/छठे विषय का रिजल्ट इलेक्टिव विषयों में प्राप्त अंकों के आधार पर तैयार किया जाए.
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