CBSE अध्यक्ष ने छात्रों को दी सलाह- तनाव मुक्त होकर दें परीक्षा
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CBSE अध्यक्ष ने छात्रों को दी सलाह- तनाव मुक्त होकर दें परीक्षा

10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा शुरू होने के बीच सीबीएसई की अध्यक्ष अनिता करवाल ने अपने संदेश में कहा कि तनाव, चिंता, निराशा महज संज्ञा हैं और वे जीवन पर हावी नहीं हो सकते हैं. 

सीबीएसई की अध्यक्ष अनिता करवाल ने अपने संदेश में कहा कि तनाव, चिंता, निराशा महज संज्ञा हैं.(फाइल फोटो)

नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने बोर्ड परीक्षा देने वाले छात्रों से कहा है कि अंक किसी व्यक्ति की विशिष्ठता या क्षमता को परिभाषित नहीं करते हैं और इसलिये तनाव, चिंता और निराशा को हावी नहीं होने दें. 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा शुरू होने के बीच सीबीएसई की अध्यक्ष अनिता करवाल ने अपने संदेश में कहा कि तनाव, चिंता, निराशा महज संज्ञा हैं और वे जीवन पर हावी नहीं हो सकते हैं. इसलिये वर्तमान एवं भविष्य के बारे में सकारात्मक ऊर्जा के साथ आगे बढ़ने से इनसे निपटा जा सकता है.

  1. तनाव न हो इसके लिए पहले से ही शुरू करें तैयारी
  2. एग्जाम की तैयारी के समय हल करें पुराने प्रश्नपत्र
  3. सकारात्मक ऊर्जा के साथ आगे बढ़ा जा सकता है

सीबीएसई की अध्यक्ष ने अपने परीक्षा के दिनों को याद किया कि किस प्रकार से वह कठिन परीश्रम से पढ़ाई करती थीं, बार बार चीजों को दोहराती थीं और इसके बाद भी रेडियो पर अपनी एक दो पसंदीदा गीत सुनने एवं दोस्तो से बात करने के लिये समय निकाल लेती थीं. 

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उन्होंने कहा, ‘‘ जो बात मैं याद नहीं रखती थी, वह परीक्षा का परिणाम था. ’’ उन्होंने इस संदर्भ में महान वैज्ञानिक एल्बर्ट आइंस्टीन का जिक्र किया जिन्हें बर्न विश्वविद्यालय में दाखिला नहीं मिला था लेकिन वह प्रसिद्ध भौतिकविद बने. सीबीएसई की अध्यक्ष ने सभी स्कूलों को भेजे संदेश में कहा, ‘‘ इसलिये हमें जल्द ही एहसाह होता है कि हमारे कैरियर में सबसे महत्वपूर्ण ज्ञान है जो हमने अर्जित किया है. ’’ 

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स्कूलों में परीक्षा शुरू हो गई है, कुछ जगहों पर एक दो दिन में बोर्ड परीक्षाएं भी शुरू होने वाली हैं. यह वह समय है जब छात्र और अभिभवावक दोनों परीक्षा के दबाव का सामना करते हैं. छात्रों पर बेहतर प्रदर्शन करने का दबाव होता है, लेकिन इसके लिए पढ़ाई के साथ-साथ स्वास्थ्य को लेकर भी संतुलित पहल करने की जरूरत होती है. संतुलित पहल से छात्रों के स्मरणशक्ति में इजाफा और पढ़े हुए पाठ को याद रखने में आसानी होती है.

नियमित व्यायाम : शारीरिक गतिविधि शैक्षणिक प्रदर्शन सुधारने के लिए महत्वपूर्ण कारक है. ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय में हुए अध्ययन में बताया गया है कि प्रत्येक दिन एरोबिक व्यायाम करने से दिमाग के उस भाग का विकास होता है, जिसमें मौखिक स्मरण और सीखने की क्षमता होती है. व्यायाम करने से दिमाग में ऑक्सीजन का प्रवाह होता है जिससे छात्रों के स्मरण और सोचने की क्षमता भी बेहतर होती है. 

स्वस्थ आहार : स्वस्थ आहार को अपनी दिनचर्या में शामिल करना एक अच्छी आदत है, लेकिन परीक्षा के समय में इसकी महत्ता और बढ़ जाती है. परीक्षा के समय सब्जियों, फलों, साबुत अनाज, दूध, मछली का सेवन को एक अच्छा आहार माना जाता है. इससे अच्छा प्रदर्शन करने के लिए छात्रों की सभी पोषक जरूरतें पूरी होती हैं. दिमागी गतिविधि और स्मरण की क्षमता विकास के लिए पोषक से भरपूर आहार की जरूरत होती है. इसके साथ ही स्वस्थ खान पान की शैली हमें बीमारियों से भी बचाती है, जिससे परीक्षा के समय छात्र अपना पूरा ध्यान पढ़ाई में लगा सकते हैं.

प्रतिदिन के आहार में उचित आयुर्वेद (हर्ब) को शामिल करना : आयुर्वेद और आधुनिक अध्ययन के अनुसार, ब्रह्मी स्मृति, बुद्धिमत्ता और सतर्कता को बढ़ाता है. यह एक शक्तिशाली मानसिक टॉनिक है जो स्मृति बढ़ाने, सोच में स्पष्टता लाने का दावा करता है. इसके रोजाना इस्तेमाल से मानसिक दक्षता को बढ़ावा मिलता है जिससे छात्रों को उनका लक्ष्य पाने में मदद मिलती है.

पर्याप्त नींद लेना : परीक्षा के दौरान सबसे जरूरी चीजों में पर्याप्त नींद लेना शामिल है, जिसमें अक्सर छात्र लापरवाही बरतते हैं. परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों को अच्छे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए कम से कम 6 से 8 घंटे की नींद लेनी चाहिए.  हार्वर्ड विश्वविद्यालय में किए गए एक शोध से नींद और स्मृति के बीच काफी मजबूत संबंध होने का पता चला था. शोध के अनुसार जो छात्र पर्याप्त नींद लेते हैं, उनके ग्रेड कम नींद लेने वाले छात्रों की तुलना में ज्यादा थे.

इन साधारण तरीकों को अपनाने और मन लगाकर पढ़ाई करने से छात्र आने वाली परीक्षाओं में निश्चित ही अच्छी सफलता हासिल कर पाएंगे.

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