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नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) और काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (CICSE) की 12वीं बोर्ड परीक्षा 2021 रद्द करने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने गुरुवार (3 जून) तक के लिए टाल दी. अदालत ने दूसरी बार मामले की सुनवाई टाली है. इससे पहले 28 मई को कोर्ट ने सुनवाई 31 मई तक के लिए स्थगित कर दी थी.
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में केंद्र सरकार की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस दिनेश माहेश्वरी से बैठक का हवाला देते हुए 12वीं की परीक्षा रद्द करने की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई गुरुवार तक के लिए टालने की मांग की. उन्होंने कहा कि सरकार परीक्षा को लेकर अगले दो दिन में फैसला लेगी.
जस्टिस एएम खानविलकर की अगुवाई वाली पीठ ने सुनवाई गुरुवार तक टालते हुए कहा, 'आप फैसला कर लीजिए. लेकिन आप पिछले साल वाली पॉलिसी से अलग रुख अपना रहे हैं तो आपको इसके लिए ठोस कारण बताना चाहिए.' बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल सीबीएसई और आईसीएसई की बोर्ड परीक्षाओं को कोरोना संक्रमण की वजह से 1 जुलाई से 15 जुलाई के बीच निर्धारित परीक्षाएं रद्द करने की इजाजत दी थी.
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बता दें कि देश में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका दायर कर सीबीएसई और सीआईएससीई की 12वीं बोर्ड परीक्षा रद्द करने की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि केंद्र सरकार, सीबीएसई और सीआईएससीई को निर्देश दिया जाए कि वह कोरोना के मद्देनजर 12वीं का पेपर रदद् करें. इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि तय समय सीमा में ऑब्जेक्टिव मैथोडोलॉजी के बेसिस पर रिजल्ट घोषित किया जाए.
हाल ही 12वीं क्लास के करीब 300 छात्रों ने भारत के चीफ जस्टिस (CJI) एनवी रमना को एक पत्र भेजा था, जिसमें कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) के बीच ऑफलाइन परीक्षा आयोजित करने के केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) के फैसले को रद्द करने की मांग की थी. छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से केंद्र सरकार को छात्रों को वैकल्पिक मूल्यांकन योजना उपलब्ध कराने का निर्देश देने की भी मांग की थी.
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