Air Chief Marshal RKS Bhadauria (Retd): अग्निपथ योजना और अग्निवीरों को परमानेंट करने को लेकर केंद्र सरकार पर हमले के लिए कांग्रेस ने पूर्व सेना प्रमुख एमएम नरवणे और पूर्व नौसेना प्रमुख एडमिरल केबी सिंह के बयानों का सहारा लिया था. तो भाजपा ने अपने सदस्य और पूर्व वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया को आगे किया है. एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया (सेवानिवृत्त) ने कहा कि अग्निवीर योजना में आप समय के साथ संशोधन देखेंगे.
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Agniveer Scheme Row: अग्निपथ योजना और अग्निवीर पर देश में जारी भीषण सियासी हंगामे के बीच पूर्व वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया (सेवानिवृत्त) ने मंगलवाीर को बड़ा दावा किया है. न्यूज एजेंसी एएनआई के साथ इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि अग्निपथ ओजना और अग्निवीर मामले में आप समय के साथ सुधार जरूर देखेंगे. उन्होंने इसके लिए फरवरी महीने में सीडीएस से मुलाकात और उनसे हुए बातचीत का हवाला दिया.
समय पर आप देखेंगे... भदौरिया ने अग्निवीर योजना पर कहा
रिटायरमेंट के बाद मार्च, 2024 में भाजपा में शामिल हुए आरकेएस भदौरिया ने अग्निवीर योजना पर कहा, "मुझे उम्मीद है कि सीडीएस नाराज नहीं होंगे, लेकिन मैं फरवरी से उनके साथ अपनी चर्चा साझा कर रहा हूं. उन्होंने कहा, 'हमें और संशोधन करने की जरूरत है, और समय के साथ, आप देखेंगे." अग्निवीर योजना के तहत मुआवजे को लेकर हाल ही में राहुल गांधी के आरोपों के बाद भी भदौरिया ने सरकार का पक्ष रखा था.
लोकसभा चुनाव और सरकार बनने के बाद भी विपक्ष हमलावर
लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान भी कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी इंडी गठबंधन ने अग्निवीर योजना का जमकर विरोध किया था. कांग्रेस नेताओं ने तो वादा किया था कि अगर वह सत्ता में आए इस योजना को सबसे पहले खत्म कर देंगे. चुनाव नतीजे आने और केंद्र में लगातार तीसरी बार मोदी सरकार बनने के बाद भी कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने अग्निवीर स्कीम का विरोध बंद नहीं किया है.
संसद में अग्निवीर योजना के खिलाफ राहुल गांधी काफी मुखर
नई सरकार में संसद के पहले सत्र में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी अग्निवीर योजना के खिलाफ काफी मुखर दिखे. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी इस योजना की मुखालफत की. वहीं, एनडीए में शामिल जदयू के प्रवक्ता केसी त्यागी की ओर से भी इस योजना की समीक्षा की सिफारिश की गई. संसद सत्र के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सेवा के दौरान लुधियाना के रहने वाले अग्निवीर अजय सिंह के सर्वोच्च बलिदान के बाद मुआवजे को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पर सवाल खड़े कर दिए.
सेना ने अग्निवीर मुआवजे को लेकर पूरी डिटेल सार्वजनिक की
इसके बाद भारतीय सेना की ओर से भी अजय सिंह के परिवार को मुआवजे को लेकर पूरी डिटेल सार्वजनिक की गई. वहीं, भाजपा की ओर से एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया (सेवानिवृत्त) ने मोर्चा संभाला. उन्होंने राहुल गांधी के बयान को गलत बताया. उन्हें सेना को राजनीति में घसीटने से बाज आने और रक्षा मंत्री को झूठा बताने के लिए माफी मांगने के लिए कहा.
अग्निवीर मुआवजे मुद्दे पर राहुल गांधी को दिया था तीखा जवाब
आरकेएस भदौरिया ने तब कहा था, ‘अग्निवीर के मुद्दे पर लोकसभा में लंबी बहस हुई. अब एक नई बहस को जन्म दिया गया है कि रक्षामंत्री ने झूठ बोला. राहुल गांधी को इस मामले में माफी मांगनी चाहिए. क्योंकि यह तथ्य सामने आ गया है कि अजय सिंह के परिवार को 98 लाख रुपये पहले ही दिए जा चुके हैं. अभी अजय सिंह के परिवार को 67 लाख रुपये और दिए जाने हैं.’
अग्निवीर योजना एक अच्छी योजना है, राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाएं
पूर्व वायु सेना प्रमुख ने इस बात पर जोर दिया कि अग्निवीर योजना एक अच्छी योजना है. इसे लंबी चर्चा के बाद लाया गया है. उन्होंने कहा कि यह संवेदनशील मुद्दा है. इसलिए भारतीय सेना को ऐसे राजनीतिक मामलो में नहीं घसीटा जाना चाहिए. भदौरिया ने कहा था कि बलिदान करने वाले सैनिकों के साथ पूरे देश की सहानूभूति होती है. किसी को शंका नहीं होनी चाहिए कि अग्निवीर योजना के जरिए जो सैनिक तैयार होंगे वो किसी भी तरह से नियमित सैनिक से कम होंगे. जो युवा अग्निवीर बनना चाहते हैं उन्हें गुमराह नहीं होना चाहिए.
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पूर्व सेना प्रमुख, पूर्व नौसेना प्रमुख के बाद पूर्व वायुसेना प्रमुख
कांग्रेस ने अग्निवीर योजना को लेकर सरकार पर हमले के लिए पूर्व सेना प्रमुख एमएम नरवणे और पूर्व नौसेना प्रमुख एडमिरल केबी सिंह के बयानों का सहारा लिया था. इसलिए भाजपा की और पूर्व वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया आगे आए हैं. हालांकि, सरकार की ओर से अग्निवीर योजना की समीक्षा और संशोधन पर विचार करने की बात भी सामने आई है.
सेना की ओर से डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स से सिफारिश
रिपोर्ट के मुताबिक, सेना की ओर से डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स से सिफारिश की गई है कि सर्वोच्च बलिदान करने वाले अग्निवीरों के परिवार को पेंशन की तरह मदद दी जानी चाहिए. साथ ही 50 फीसदी या इससे अधिक अग्निवीरों को परमानेंट किया जाना चाहिए. करीब चार महीने तक अपनी सभी यूनिट से अग्निपथ स्कीम और अग्निवीरों को लेकर फीडबैक और भीतर इस मुद्दे पर गहन सर्वे के आधार पर सेना की ओर से सिफारिश किए जाने की खबर है.
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