गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से पिछले दो दिनों में हुई हिंसा और आगजनी से निपटने के लिए कौन से कदम उठाए गए हैं इस पर रिपोर्ट देने के लिए कहा है.
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नई दिल्ली : रामनवमी के दिन पश्चिम बंगाल के रानीगंज में हुई हिंसा पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से जवाब मांग है. गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से पिछले दो दिनों में हुई हिंसा और आगजनी से निपटने के लिए कौन से कदम उठाए गए हैं इस पर रिपोर्ट देने के लिए कहा है. राज्य की पुलिस व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए गृह मंत्रालय ने कहा कि अब तक सरकार हिंसा को रोकने के लिए क्या काम कर रही है इसकी जानकारी किसी को नहीं है.
केंद्रीय पुलिस बल देने की पेशकश
गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल सरकार से पूछा है कि अगर हिंसा और आगजनी से निपटने के लिए केंद्रीय पुलिस बल की आवश्यकता है तो वह उनकी मदद ले सकती है. इसके साथ ही गृह मंत्रालय ने ममता बनर्जी से इस पूरे घटनाक्रम की जांच करवाने के लिए कहा है.
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कैसे शुरू हुआ पूरा विवाद
जानकारी के मुताबिक रामनवमीं के दिन प्रशासन की ओर से रोक लगाने के बावूजद पुरुलिया जिले में कई लोगों ने धारदार हथियारों के साथ जुलूस निकाला था. रामनवमीं के दिन निकाली गई रैली मेंनाबालिग लड़के व लड़कियां भगवान राम का नाम जपते हुए तलवार व चाकू जैसे हथियार भांज रहे थे. इस जुलूस के दौरान दो समूहों के बीच झड़प हो गई और इसने हिंसक घटना का रूप ले लिया. इस घटना में दो लोगों की मौत की पुष्टि हुई थी और 5 पुलिसकर्मी भी घायल हो गए थे. रैली के बाद से ही प्रदेश के हालात बिगड़ते चले गए और प्रदेश में जगह-जगह हिंसा होने लगी..
BJP-TMC में झड़प
जानकारी के मुताबिक, 24 मार्च की रात भाजपा के कार्यकर्ता रामनवमी के लिए पंडाल तैयार कर रहे थे, तभी कुछ असमाजिक तत्वों ने उनके ऊपर हमला कर दिया. इस हमले में भाजपा के चार कार्यकर्ता बुरी तरह घायल हो गए. भाजपा ने इस घटना के लिए टीएमसी को जिम्मेदार बताया था.