पश्चिम बंगाल के मुख्य सलाहकार अलापन बंदोपाध्याय (Alapan Bandyopadhyay) ने अपना जवाब केंद्र सरकार को भेज दिया है. केंद्र सरकार ने उन्हें महामारी एक्ट के उल्लंघन के आरोप में शो कॉज नोटिस जारी किया था.
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नई दिल्ली: महामारी एक्ट के उल्लंघन के आरोप पर पश्चिम बंगाल के मुख्य सलाहकार अलापन बंदोपाध्याय (Alapan Bandyopadhyay) ने अपना जवाब केंद्र सरकार को भेज दिया है. ऐसे में केंद्र सरकार अब उनके खिलाफ इस जवाब की स्टडी के बाद कोई कार्रवाई की घोषणा करेगी.
सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय ने अलपन बंदोपाध्याय को National Disaster Management Act के तहत शो कॉज नोटिस जारी किया था. उन्हें 3 जून तक अपना जवाब मंत्रालय को भेजने का निर्देश दिया गया था. इसके बावजूद अलापन ने शाम तक अपना जवाब नहीं भेजा. जिसके चलते कई तरह की चर्चाएं उड़ने लगी.
हालांकि देर शाम को अलापन बंदोपाध्याय ने अपना जवाब मंत्रालय को भेज दिया. अब केंद्र सरकार इस जवाब की स्टडी कराएगी. माना जा रहा है कि स्टडी के बाद इस मामले में केंद्र सरकार अलापन बंदोपाध्याय (Alapan Bandyopadhyay) के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है.
बताते चलें कि अलापन बंद्योपाध्याय (Alapan Bandyopadhyay) पश्चिम बंगाल (West Bengal) सरकार के मुख्य सचिव थे. उनका रिटायरमेंट 31 मई को होना था लेकिन उससे कुछ दिन पहले ममता सरकार ने उन्हें 3 महीने का सेवा विस्तार दे दिया था.
पीएम मोदी की यास तूफान पर हुई मीटिंग में वे सीएम ममता बनर्जी के साथ करीब आधे घंटे देरी से पहुंचे थे. इसके बाद केंद्र सरकार ने कड़ा ऐक्शन लेते उन्हें दिल्ली की तैनाती पर बुला लिया था. केंद्र के इस फैसले के बाद अलापन बंद्योपाध्याय (Alapan Bandyopadhyay) ने वीआरएस लेने की घोषणा कर दी थी. उनकी घोषणा के तुरंत बाद सीएम ममता ने उन्हें अपना मुख्य सलाहकार घोषित कर दिया था.
केंद्र सरकार ने अलपन बंद्योपाध्याय (Alapan Bandyopadhyay) को महामारी एक्ट के तहत शो कॉज नोटिस भी जारी किया था. जिसमें उन्हें 72 घंटे का वक्त दिया गया था. यह समय सीमा 3 जून को खत्म हो रही थी. महामारी एक्ट के तहत सरकार के निर्देशों का उल्लंघन करने वाले अफसरों को दोष सिद्ध होने पर जुर्माना या एक साल की जेल या दोनों सजाएं हो सकती हैं.
इस मामले में अलापन बंद्योपाध्याय ने केंद्र को नोटिस का जवाब भेज दिया है. वहीं सीएम ममता भी कह चुकी हैं कि अब ये चैप्टर बंद हो गया है. हालांकि अगर केंद्र इस मसले पर बंद्योपाध्याय के खिलाफ कार्रवाई करती है तो फिर से टकराव शुरू हो सकता है. ऐसे में ये भी संभावना है कि यह मामला कोर्ट की दहलीज तक पहुंच जाए.
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