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नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने सशस्त्र सेनाओं में महिला कैडेटों को शामिल करने की मांग को नीतिगत मुद्दा कहा है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में दाखिल किए गए एफिडेविट में केंद्र ने कहा कि उसे इस बारे में फैसला लेने के लिए 3 महीने का समय चाहिए.
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई में कहा कि नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) में महिला कैडेटों को शामिल करना एक बड़ा नीतिगत फैसला होगा. उन महिला कैडेटों को सशस्त्र बलों में शामिल करने और लॉन्ग सर्विस कमीशन देने की जटिलताओं पर स्टडी करने के लिए सरकार को कम से कम तीन महीने का समय चाहिए.
सरकार ने कहा, NDA के प्रत्येक पाठ्यक्रम में सेना की तीनों सेवाओं के लिए 370 रिक्तियां हैं. इनमें से 208 को थलसेना में कमीशन मिलेगा. वहीं भारतीय वायुसेना में 120 और नौसेना में 42 कैडेटों को कमीशन मिलेगा.
केंद्र सरकार ने अपने एफिडेविट में कहा, 'NDA में महिला कैडेट को शामिल करना एक बड़ा नीतिगत निर्णय रहा है. प्रतिवादियों को भारतीय सशस्त्र बलों में पूर्व-एनडीए महिला कैडेट को शामिल करने और उनकी तैनाती के लिए दीर्घकालिक प्रभाव पर विचार करने के लिए पर्याप्त समय चाहिए. इसके लिए कम से कम तीन महीने का अतिरिक्त समय चाहिए.'
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NDA-2021 परीक्षा में बैठने वाली महिलाओं को भर्ती करने के लिए एडवोकेट कुश कालरा ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका दायर कर रखी है. इस पर केंद्र ने हलफनामा जारी करके बताया कि कुल 5,75,854 अभ्यर्थियों ने परीक्षा के लिए आवेदन किया और 3,57,197 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी. नवंबर 2021 के दौरान आयोजित एनडीए लिखित परीक्षा में 1002 महिलाओं सहित कुल 8009 अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए.
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