Whatsapp की नई प्राइवेसी पॉलिसी (Whatsapp New Privacy Policy) पर भारत में रोक लग सकती है. केंद्र सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट में एफिडेविट देकर वॉट्सऐप की नई नीति पर गहरी चिंता जताई है.
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नई दिल्ली: केंद्र सरकार (Central Government) ने दिल्ली हाई कोर्ट से आग्रह किया है कि वह वॉट्सऐप (Whatsapp) को उसकी नई प्राइवेसी पॉलिसी (Whatsapp New Privacy Policy) को लागू करने से रोके. सरकार ने कहा कि वॉट्सऐप की नई नीति की वजह से नागरिकों के डेटा मिसयूज का खतरा बढ़ जाएगा.
कोर्ट में शुक्रवार को हुई सुनवाई में केंद्र सरकार ने एफिडेविट पेश किया. इस एफिडेविट में केंद्र सरकार ने कहा, 'यह विनम्रतापूर्वक प्रार्थना की जाती है कि वॉट्सऐप (Whatsapp) को अपनी नई प्राइवेसी पॉलिसी (Whatsapp New Privacy Policy) को लागू करने से इस माननीय न्यायालय द्वारा प्रतिबंधित किया जा सकता है.' बता दें कि 2 फरवरी को हुई सुनवाई में कोर्ट ने वॉट्सऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा था. जिसके बाद सरकार ने अपना जवाब दाखिला किया है.
इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करने वाली डॉ सीमा सिंह (Dr Seema Singh) ने कहा कि वॉट्सऐप (Whatsapp) ने यूजर्स को फेसबुक के साथ डेटा साझा करने के लिए अपनी सहमति देने या 8 फरवरी के बाद उनके अकाउंट बंद करने की धमकी दी थी. हालांकि, यूजर्स के भारी विरोध के कारण 15 मई तक इस नीति पर रोक लगा दी गई है.
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डॉ. सीमा सिंह ने याचिका में कहा कि डेटा के संबंध में कानून काफी हद तक सीमित है. इसे विनियमित करने के लिए एक कार्ययोजना बनाने की जरूरत है. याचिका में भारत में काम करने वाले सभी ऐप और संगठनों से नागरिकों की डेटा सुरक्षा करने के लिए अदालत से सरकार को निर्देश देने की मांग की गई है.
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याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट से यह भी आग्रह किया कि वह वॉट्सऐप (Whatsapp) को अपनी नई नीति (Whatsapp New Privacy Policy) को वापस लेने या 4 जनवरी, 2021 की गोपनीयता नीति से बाहर निकलने का विकल्प प्रदान करे. जिन्होंने प्राइवेसी पॉलिसी को स्वीकार कर लिया है, उन्हें भी इससे बाहर निकलने का विकल्प प्रदान किया जाए. अब केंद्र सरकार (Central Government) का जवाब आ जाने के बाद हाई कोर्ट इस मामले में अगली सुनवाई करेगी.
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