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कोलकाता: ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) को एक NGO द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने के लिए इटली (रोम) जाने की अनुमति नहीं मिलने के कुछ ही घंटों बाद मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा. ममता ने कहा, उन्हें केवल 'ईर्ष्यावश' रोका गया है. पश्चिम बंगाल सरकार को विदेश मंत्रालय से एक पत्र मिलने के बाद विवाद शुरू हुआ. इस पत्र में लिखा गया, 'यह कार्यक्रम राज्य की मुख्यमंत्री की भागीदारी के अनुकूल नहीं है.' यह कार्यक्रम 6 और 7 अक्टूबर को रोम में होने वाला है.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) को सेंट एगिडियो के समुदाय द्वारा इटली में आमंत्रित किया गया है. समाज सेवा के लिए समर्पित एक कैथोलिक संघ अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम का आयोजन करने जा रहा है. इस साल 6 और 7 अक्टूबर को होने वाले इस कार्यक्रम में 'पीपुल्स ऐज ब्रदर्स, फ्यूचर अर्थ' विषय पर चर्चा होगी. कार्यक्रम में पोप फ्रांसिस, विश्वव्यापी कुलपति बार्थोलोम्यू फर्स्ट और जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल के मौजूद रहने की संभावना है.
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने निमंत्रण स्वीकार कर लिया. इसके बाद तय हुआ कि वह भवानीपुर में उपचुनाव होने के बाद रोम जाएंगी. वे रोम जाने की तैयारी कर रही थीं, लेकिन अचानक केंद्र सरकार की इस चिट्ठी ने सब कुछ बदलकर रख दिया. भवानीपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने अपना गुस्सा जाहिर किया. उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री विदेश जा सकते हैं. मुझे विदेश में एक समारोह में शामिल होने की अनुमति क्यों नहीं दी जाएगी? मुझे केवल ईर्ष्या के कारण रोका गया है.'
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इससे पहले, मुख्यमंत्री ममता को शिकागो जाने की भी अनुमति नहीं मिली थी, जहां उन्हें रामकृष्ण मठ और मिशन के वैश्विक मुख्यालय बेलूर मठ में एक सभा को संबोधित करना था, जो कि शिकागो में धर्म संसद में स्वामी विवेकानंद के ऐतिहासिक भाषण के 125 साल पूरे होने के अवसर पर था. उस समय भी मुख्यमंत्री ने इसे 'अपवित्र साजिश' करार दिया था. उन्होंने कहा, 'कोवैक्सीन लेकर कोई अमेरिका या ब्रिटेन नहीं जा सकता. WHO ने अभी तक इसे मान्यता नहीं दी है, लेकिन प्रधानमंत्री कोवैक्सीन लेकर विदेश गए और मुझे क्यों नहीं जाने दिया जा रहा?
(INPUT: IANS)
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