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नई दिल्ली. प्रधानमंत्री मोदी का तीन दिवसीय अमेरिका दौरा (PM Modi America Visit) खत्म हो चुका है. पीएम के दौरे ने दुनिया को 'ग्लोबल संदेश' दिया है. चाहे व्हाइट हाउस में यूएस प्रेसीडेंट जो बाइडेन से द्विपक्षीय वार्ता हो, QUAD समिट या UNGA में भाषण, हर मंच पर प्रधानमंत्री ने दुनिया के सामने 'वर्ल्ड विजन' रखा. बाइडन से बीतचीत के दौरान उन्होंने UNSC काउंसिल में भारत की स्थाई सदस्यता को लेकर मजबूती से पक्ष रखा तो QUAD में इंडो पैसिफिक क्षेत्र की शांति के लिए एकजुटता का आह्वान किया. आज (शनिवार) प्रधानमंत्री मोदी ने UNGA से एक बार फिर आतंकवाद के खिलाफ भारत का सख्त रुख दुनिया के सामने रखा. कुल मिलाकर पीएम मोदी का अमेरिका दौरा राजनयिक स्तर पर भारत (India) के लिए कई मायनों में बेहद अहम साबित हुआ.
वॉशिंगटन में व्हाइट हाउस (White House) से लेकर न्यूयॉर्क (New York) में यूएन मुख्यालय (UN Office) तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान को आड़े हाथों लिया. इतना ही नहीं, इंडो पैसिफिक क्षेत्र का मुद्दा उठा कर चीन की विस्तारवादी नीति पर भी करारा प्रहार किया. साथ ही जहां एक ओर बड़े-बड़े देश जहां अफगानिस्तान के मुद्दे पर बोलने से बच रहे हैं तो पीएम मोदी ने साफ कहा कि अफगानिस्तान को दिशा दिखाने की ताकत रखने वाले देश अगर आज चुप्पी साधे रहे तो समय इसका 'जवाब' देगा. उन्होंने अफगानिस्तान की धरती का आतंकवाद के लिए प्रयोग होने की चिंता जाहिर करते हुए पाकिस्तान को UNGA से आइना दिखाया. पीएम मोदी ने साफ कहा, जो देश आतंकवाद का राजनीतिक इस्तेमाल कर रहे हैं, उन्हें ये समझना होगा कि आतंकवाद उनके लिए भी उतना ही बड़ा खतरा है. ये सुनिश्चित किया जाना बहुत जरूरी है कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल आतंकवाद फैलाने और आतंकी हमलों के लिए न हो. हमें इस बात के लिए भी सतर्क रहना होगा वहां कि नाजुक स्थितियों का इस्तेमाल कोई देश अपने स्वार्थ के लिए एक टूल की तरह इस्तेमाल करने की कोशिश न करे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका दौरे के दौरान अपने भारतीय अंदाज में ही दिखे. बाइडेन से मुलाकात से लेकर UNGA तक पीएम मोदी कुर्ता, पायजामा और जैकेट में नजर आए. उन्होंने हमेशा की तरह पूरे आत्मविश्वास के साथ हिंदी में ही अपनी बात रखी. UNGA में पीएम मोदी ने कहा, मैं उस देश का प्रतिनिधित्व कर रहा हूं जिसे मदर ऑफ डेमोक्रेसी का गौरव हासिल है. लोकतंत्र की हमारी हजारों वर्षों की महान परंपरा रही है. इस 15 अगस्त को भारत ने अपनी आजादी के 75वें साल में प्रवेश किया. हमारी विविधता, हमारे सशक्त लोकतंत्र की पहचान है. एक ऐसा देश जिसमें दर्जनों भाषाएं हैं, सैकड़ों बोलियां हैं, अलग-अलग रहन सहन, खान-पान है. ये वाइब्रेंट डेमोक्रेसी का उदाहरण है.
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) के साथ मीटिंग में दोनों देशों के रिश्तों पर बातचीत की. उन्होंने कहा कि इंडो-यूएस साझेदारी लगातार मजबूत हो रही है और हमें इसे एक नई ऊंचाई पर ले जाना है. इस दौरान, प्रधानमंत्री ने भारत-अमेरिका संबंधों की रूपरेखा को फिर से परिभाषित करते हुए ‘5T’ की अवधारणा पर जोर दिया. पीएम मोदी (PM Modi) ने कहा कि ‘5T’ यानी परंपरा, प्रतिभा, प्रौद्योगिकी, व्यापार और संरक्षण (Tradition, Talent, Technology, Trade & Trusteeship) के कंसेप्ट के साथ हम दोनों देशों के रिश्तों को और मजबूत कर सकते हैं. व्हाइट हाउस में मीटिंग के दौरान पीएम ने आगामी दशक में भारत-अमेरिका संबंधों पर अपना दृष्टिकोण साझा करते हुए यह बात कही.
QUAD सम्मेलन से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने दुनिया को मानवता का पाठ पढ़ाया. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दुनिया कोरोना संकट का सामना कर रही है, हम यहां कोरोना काल में मानवता के लिए एकजुट हुए हैं. वॉशिंगटन डीसी में क्वाड लीडर्स समिट (QUAD Summit 2021) में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, जापान के प्रधानमंत्री योशीहिदे सुगा और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने हिस्सा लिया. साथ ही उन्होंने कहा, हम 2004 की सुनामी के बाद इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की मदद के लिए एक साथ आए थे. आज जब विश्व कोविड महामारी का सामना कर रहा है तो हम एक बार फिर क्वाड के रूप में एक साथ मिलकर मानवता के हित में जुटे हैं.
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