Jammu Kashmir CM swearing-in ceremony: जम्मू कश्मीर में सीएम पद की शपथ लेने के बाद उमर अब्दुल्ला अनुच्छेद 370 पर कितने आगे बढ़ेंगे, यह सवाल सबके मन में घूम रहा है. अब इस मुद्दे पर उमर के करीबी नेता ने सारी स्ट्रेटजी बता दी है.
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Challenges of new government in Jammu Kashmir: करीब 10 साल बाद जम्मू कश्मीर में नई सरकार शपथ लेने जा रही है. नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला एक बार फिर प्रदेश के नए सीएम की शपथ लेने जा रहे हैं. सत्ता में आने के बाद उमर अब्दुल्ला का अनुच्छेद 370 और राज्य का दर्जा बहाल करने के मुद्दे पर रुख क्या रहेगा. क्या वे पहले की तरह केंद्र सरकार को उंगलियों पर नचाने की कोशिश करेंगे या हाफ स्टेट की हकीकतों को समझते हुए केंद्र से हाथ मिलाकर चलने की कोशिश करें. इन सब मुद्दों पर ज़ी न्यूज ने चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस के स्टार प्रचारक रहे और सांसद आगा सैयद रूहुल्ला मेहदी से बात की. आइए जानते हैं कि उन्होंने उमर अब्दुल्ला सरकार की प्राथमिकताओं के बारे में क्या कहा.
'भाजपा ने हमारे अधिकार और सम्मान को छीना'
सांसद आगा सैयद रूहुल्ला मेहदी ने कहा कि नई सरकार के लिए प्रदेश में बहुत सारी चुनौतियां होंगी. पार्टी को शासन मोड के साथ-साथ विपक्ष मोड पर भी चलना होगा. विपक्ष इसलिए क्योंकि भाजपा ने हमारे अधिकार और सम्मान को छीन लिया है, जो हमें 370 के जरिए मिला था. जनता ने हमें 370 को वापस लाने का जनादेश दिया है, इसलिए हमें उसके लिए संघर्ष करना होगा.
मेहदी ने मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने जम्मू कश्मीर को अधिकारहीन कर दिया है. इसलिए अब वह एलजी कार्यालय के जरिए हमारे घोषणापत्र को विचलित करने का प्रयास करेगी. यह एक नई चुनौती होगी, जिससे हमें निपटना होगा. हमें विश्वास है कि उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में नेशनल कॉन्फ्रेंस लोगों के जनादेश का सम्मान करेगी और हमारे अधिकारों के लिए भाजपा से लड़ेगी.
हमें अपने अधिकारों के लिए लड़ना होगा - मेहदी
उमर के बयान पर कि "जिन लोगों ने हमसे 370 छीन लिया, उनसे अनुच्छेद की बहाली की उम्मीद करना मूर्खता है', रुहुल्ला ने कहा "मुझे नहीं लगता कि रणनीति के तौर पर रुख में कोई बदलाव आया है. उन्होंने भले ही बात की हो लेकिन एनसी अपने रुख के साथ खड़ी है, जिसके लिए लोगों ने हमें जनादेश दिया है, केंद्र में कोई भी सरकार हो चाहे वह भाजपा हो या कांग्रेस हमें अपने अधिकारों की बहाली के लिए लड़ना होगा और नेशनल कॉन्फ्रेंस इसके लिए प्रतिबद्ध है.
जिस तरह से जनादेश आया क्या जम्मू और कश्मीर के बीच विभाजन हुआ. इस सवाल पर शिया नेता ने कहा, 'हमें कुछ जिलों से सीटें नहीं मिलीं. सरकार को उन क्षेत्रों का भी ध्यान रखना होगा, जिन्होंने नेशनल कांफ्रेंस को वोट नहीं दिया है. राज्य का दर्जा और 370 के लिए हमारी लड़ाई जारी रहेगी. हमारी लड़ाई उन अधिकारों के लिए है जो हमें अनुच्छेद 370 के माध्यम से मिल रहे थे और हमसे छीने जा रहे हैं.'
'राज्य का दर्जा बहाल करवाने के लिए जाएंगे कोर्ट'
जम्मू कश्मीर का राज्य बहाल करने के सवाल पर मेहदी बोले, 'राज्य का दर्जा छीना नहीं जाना चाहिए था. यह अनुच्छेद को निरस्त करने जैसा असंवैधानिक है. अब पीएम ने खुद सदन में वादा किया है तो उसे लागू करवाना उनका कर्तव्य बनता है. इसके लिए हम विधायी रूप से लड़ेंगे, राजनीतिक रूप से लड़ेंगे.मुझे विश्वास है कि यह सरकार निश्चित रूप से सुप्रीम कोर्ट जाएगी और उसे याद दिलाएगी कि उन्होंने केंद्र सरकार को जो- जो निर्देश दिए थे, उन्हें अब लागू करने का समय आ गया है.'
भाजपा के साथ सरकार बनाने के सवाल पर एनसी नेता बोले, 'मैं हमेशा इस विचार से सहमत रहा हूं कि हमें दिल्ली का नहीं बल्कि लोगों का प्रतिनिधित्व करना है. हमें लोगों की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करना है और हमें उनके साथ खड़ा होना है. मैंने कहा है कि अगर कोई भाजपा के साथ जाने के बारे में सोचता है तो मैं उनके खिलाफ हो जाऊंगा, लेकिन उसकी ज़रूरत ही नहीं पड़ी. लोगों ने अच्छा जनादेश दिया. अब पार्टी की जिम्मेदारी है कि वह जनादेश का सम्मान करे. मैं इस बात को दोहराता हूं कि हमें दिल्ली का नहीं बल्कि लोगों का प्रतिनिधित्व करना है.'
'हम सरकार और विपक्ष, दोनों की भूमिकाएं निभाएंगे'
उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर का भविष्य आने वाले दिन चुनौतीपूर्ण हैं. हमें थोड़ी राहत है कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया शुरू हो गई है लेकिन लोकतंत्र अभी बहाल होना बाकी है, कम से कम अब प्रशासन में हमारे अपने लोग होंगे और जवाबदेही होगी. लेकिन इस सरकार को बड़ी चुनौतियों से निपटना है. हमें शासन करना है और विपक्ष की भूमिका भी निभानी है ताकि लोगों को वह मिल सके जो उन्होंने खोया है. मुझे उम्मीद है कि यह सरकार दोनों भूमिकाएं अच्छी तरह से निभाएगी.