प्रशासन ने अलकनन्दा नदी के किनारे रह रहे लोगों के लिए भी अलर्ट जारी किया गया है. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक बड़े जोर की आवाज के साथ धौली गंगा का जलस्तर बढ़ा. पानी तूफान की तरह आगे बढ़ा और रास्ते में आने वाली सभी चीजों को बहाकर ले गया.
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नई दिल्ली: उत्तराखंड (Uttarakhand) के चमोली (Chamoli) जिले में ग्लेशियर फटने से बड़ी तबाही हुई है. नंदा देवी नेशनल पार्क के करीब इस ग्लेशियर के फटने (Chamoli glacier break) की वजह से रैणी गांव के पास ऋषि गंगा तपोवन हाइड्रो प्रोजेक्ट का बांध भी टूट गया.आईटीबीपी के डीजी सुरजीत सिंह देसवाल (Surjeet Singh Deswal) के मुताबिक चमोली त्रासदी में करीब 150 लोग लापता हैं और अब तक करीब 10 शव बरामद हो चुके हैं.
ITBP के डीजी ने ये भी बताया जा रहा है कि प्रोजेक्ट की टनल में 15-20 लोगों के फंसे होने की आशंका है. इस प्रोजेक्ट पर करीब 120 लोग काम कर रहे थे जो तेज पानी के बहाव में बह गए ऐसा अनुमान लगाया गया है. ग्लेशियर टूटने से धौलीगंगा नदी में बाढ़ आ गई. पानी तेज रफ्तार से आगे बढ़ा इसलिए आसपास के इलाकों में बाढ़ का पानी फैलने की आशंका है, लिहाजा लोगों को रेस्क्यू किया जा रहा है. इस बीच केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के मुताबिक ग्लेशियर टूटने के कारण ऋषिगंगा हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट क्षतिग्रस्त हुआ है वहीं नदी का जल स्तर भी बढ़ गया है.
इस बीच आईटीबीपी के जवानों ने तपोवन डैम के करीब टनल में फंसे एक शख्स को इस तरह सकुशल बाहर निकाल लिया. देखिए आईटीबीपी के सौजन्य से आया रेस्क्यू वर्क का ये वीडियो.
#WATCH | Uttarakhand: ITBP personnel rescue one person who was trapped in the tunnel near Tapovan dam in Chamoli.
Rescue operation underway.
(Video Source: ITBP) pic.twitter.com/RO91YhIdyo
— ANI (@ANI) February 7, 2021
गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि एनडीआरएफ की चार टीमें (करीब 200 कर्मी) हवाईमार्ग से देहरादून पहुंच रही हैं जहां से वो जोशीमठ जाएंगी. वहीं आईटीबीपी और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) के कर्मियों को फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए प्रभावित इलाकों में पहुंच चुकी हैं.
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चमोली के जिला प्रशासन की ओर से अलकनन्दा नदी के किनारे रह रहे लोगों के लिए अलर्ट जारी किया गया है. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक सुबह अचानक बड़े जोर की आवाज के साथ धौली गंगा का जलस्तर बढ़ता दिखा. पानी तूफान के आकार में आगे बढ़ा और अपने रास्ते में आने वाली सभी चीजों को बहाकर ले गया. चमोली के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी ने बताया कि मौके पर प्रशासन की टीम मौजूद है.
अधिकारियों ने बताया कि प्रशासन की टीम राहत और बचाव कार्यों पर निगरानी रखने के साथ नुकसान का जायजा भी ले रही है. वहीं रैणी से लेकर श्रीनगर तक अलकनन्दा के किनारे रह रहे लोगों के लिए चेतावनी जारी की गई है. रैणी में सीमा को जोड़ने वाला मुख्य मोटर मार्ग भी इस बाढ़ की चपेट में आकर बह गया है. दूसरी ओर रैणी से जोशीमठ के बीच धौली गंगा पर नेशनल थर्मल पॉवर कारपोरेशन की तपोवन विष्णुगाड़ जलविद्युत परियोजना के बैराज स्थल के आसपास के इलाके में भी कुछ आवासीय भवन बाढ़ की चपेट में आकर बह गए हैं.
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने बाढ़ से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा की और राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से बात कर हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया. पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘उत्तराखंड में दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति की लगातार निगरानी कर रहा हूं. भारत उत्तराखंड के साथ खड़ा है और देश सभी की सुरक्षा के लिए प्रार्थना कर रहा है. वरिष्ठ अधिकारियों से लगातार बात कर रहा हूं और एनडीआरएफ की तैनाती, बचाव और राहत कार्यों से संबंधित जानकारियां लगातार ले रहा हूं.’
बाढ़ से चमोली जिले के निचले इलाकों में खतरा देखते हुए राज्य आपदा प्रतिवादन बल और जिला प्रशासन को सतर्क कर दिया गया है. वहीं मौके का जायजा लेने पहुंचे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि नदी के बहाव में कमी आई है जो राहत की बात है और हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है.
यूपी के इन जिलों के लिए अलर्ट हुआ जारी
इस आपदा के बाद यूपी में भी अलर्ट जारी किया गया है. गंगा किनारे वाले जिलों मे प्रशासन को अर्लट रहने के लिए कहा गया है. यूपी के बिजनौर, कन्नौज, फतेहगढ़, प्रयागराज, कानपुर, मिर्ज़ापुर, गढ़मुक्तेश्वर, गाजीपुर, वाराणसी में हाई अर्लट जारी किया गया है.
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