भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) ने बताया कि लगभग 10 बजे कुछ बादल फटने या जलाशय में जलस्तर में तीव्र वृद्धि से धौलीगंगा नदी में बाढ़ आ गई, जोकि गंगा नदी के 6 स्रोत धाराओं में से एक है.
ग्लेशियर टूटने के बाद ऋषि गंगा पनबिजली परियोजना में काम करने वाले करीब 150 मजदूरों के लापता होने की आशंका है. तपोवन बिजली परियोजना का एक बांध टूट गया और उसके बह जाने की आशंका है.
आईटीबीपी और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) के कर्मियों को फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए प्रभावित इलाकों में भेजा गया है.
ऋषिकेश और हरिद्वार में भले ही आपदा का असर महसूस न हो, लेकिन शहरों को अलर्ट पर रखा गया है.
सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा कि जिस जगह पर ग्लेशियर टूटा है, वहां बहुत ज्यादा मानव बसाव नहीं था, लेकिन कई बिजली परियोजनाएं प्रभावित हुई हैं.
पानी के तेज बहाव में ऋषिगंगा और धौलीगंगा प्रोजेक्ट के करीब 150 लोगों के लापता होने की खबर है. पावर प्रोजेक्ट के अधिकारियों ने प्रशासन से कहा है कि करीब 150 मजदूरों का पता नहीं चल पा रहा है. बचाव टीम को लोगों को निकालने के लिए निर्देश दिए गए हैं.
उत्तराखंड के मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने एएनआई से बात करते हुए कहा, 'ग्लेशियर टूटने से चमोली जिले में आई बाढ़ में 100-150 लोगों के हताहत होने की आशंका है.'
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