हरजीत कौर ने हाईकोर्ट को बताया कि हरियाणा सरकार ने राम रहीम की पैरोल की अपील खारिज की है, जबकि राम रहीम पैरोल के हकदार हैं. उन्होंने कहा राम रहीम की मां बीमार है और मां अपने बेटे की हाजिरी में ही इलाज करवाना चाहती है. जस्टिस राजीव नारायण रैना ने कहा कि राम रहीम डॉक्टर तो नहीं है इलाज तो डॉक्टर को करना है.
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चंडीगढ़: डेरा प्रमुख राम रहीम (Ram Rahim) को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट से एक और झटका लगा है. हाईकोर्ट ने राम रहीम (Ram Rahim) की पत्नी हरजीत कौर की उस याचिका को वापस लेने की छूट देते हुए खारिज कर दिया है, जिसमें उसने राम रहीम (Ram Rahim) को पैरोल देने की मांग की थी. हरजीत कौर ने हाईकोर्ट को बताया कि हरियाणा सरकार ने राम रहीम (Ram Rahim) की पैरोल की अपील खारिज की है, जबकि राम रहीम (Ram Rahim) पैरोल के हकदार हैं. उन्होंने कहा राम रहीम (Ram Rahim) की मां बीमार है और मां अपने बेटे की हाजिरी में ही इलाज करवाना चाहती है. जस्टिस राजीव नारायण रैना ने कहा कि राम रहीम (Ram Rahim) डॉक्टर तो नहीं है इलाज तो डॉक्टर को करना है.
पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के जस्टिस आरएन रैना ने कहा कि डेरे का इतना बड़ा अस्पताल है तो राम रहीम (Ram Rahim) की मां नसीब कौर का वहां इलाज़ करवाइए. वहां पूरे परिवार के सदस्य और डेरे के कर्मचारी हैं सिर्फ बेटा नहीं होगा. जस्टिस ने कहा कि जब राम रहीम (Ram Rahim) जीवित हैं तो हरजीत कौर किस हैसियत से याचिका दायर कर रही हैं. राम रहीम (Ram Rahim) चाहे तो कानूनन खुद याचिका डाल सकता है.
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हाईकोर्ट के वकील मोहिंदर जोशी ने कहा कि राम रहीम (Ram Rahim) जेल से बाहर आना चाहता है, लेकिन प्रशासन और कोर्ट जानता है कि राम रहीम (Ram Rahim) के बाहर आने से माहौल बिगड़ सकता है. जिस तरह के हालात 25 अगस्त 2017 को हो गए थे, इसके चलते राम रहीम (Ram Rahim) को ज़मानत या पैरोल देना ख़तरे से खाली नहीं है. वकील जोशी ने कहा कि राम रहीम (Ram Rahim) कभी अपनी पत्नी कभी बेटी या कभी मां तो कभी खेती का बहाना बनाते हुए जेल से बाहर आने की कोशिश कर रहा है, लेकिन उसकी पांचवीं कोशिश भी विफल रही.